चंडीगढ़: हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज अपनी कार्यशैली और बयानबाजी को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं. बीते दिनों गृह मंत्री ने 372 इन्वेस्टिगेटिव ऑफिसर्स यानी आईओ के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे, जिनके पास एक साल से अधिक वक्त से मामले लंबित पड़े हैं. इस मामले में गृह मंत्री ने डीजीपी को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा था.
अनिल विज ने गलत रिपोर्ट मामले में गृह सचिव को दिए जांच के आदेश: जांच अधिकारियों पर कार्रवाई के मामले में गृह मंत्री को विभाग की ओर से स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी गई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे आईओ की संख्या 99 है, जबकि पहले बात 372 की हो रही थी. गृह मंत्री अनिल विज इस मामले में खुद ही कह चुके हैं कि या तो पहले की रिपोर्ट गलत थी या अब की गलत है, अधिकारी इसकी जानकारी दें. अनिल विज ने कहा है कि उन्होंने गृह सचिव को लिखा है कि इसकी जांच करें. अगर गलत तथ्य दिए हैं तो ये सरकार को मिस लीड करना है.
क्या कोई कर रहा गृह मंत्री को मिस लीड?: हरियाणा के गृह मंत्री को किसने मिस लीड किया यह बिल्कुल जांच का विषय है, क्योंकि गृह मंत्री कई बार कह चुके थे कि उन्होंने 372 जांच अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए कहा है जो कि अब 99 है. ऐसे में सवाल तो उठाता है कि आखिर किसने गृह मंत्री को यह गलत जानकारी दी. जिसकी वजह से उन्हें इसके लिए अब गृह सचिव को जांच करने के लिए कहना पड़ रहा है.
विपक्ष गृह मंत्री पर ही उठा रहा सवाल: इस बात की जांच तो गृह सचिव करेंगे ही लेकिन इस पर अब विपक्ष गृह मंत्री पर ही निशाना साध रहा है. हरियाणा कांग्रेस के प्रवक्ता केवल ढींगरा इस मामले में कहते हैं 'गृह मंत्री बयान बहादुर हैं. उनके अगर हम बयानों को देखें तो वे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं पर बयान देने के मामले में तो बयान बहादुर हैं ही, लेकिन अपने विभाग उनसे संभल नहीं पा रहे हैं. बात चाहे फिर उनके स्वास्थ्य विभाग की हो या गृह विभाग की हो. उनके सभी विभागों में विरोधाभास दिखाई देता है. इनसे कुछ भी संभाल नहीं पा रहा है. ऐसे में जब वे अपने मुंह से ही कह रहे हैं कि रिपोर्ट गलत है. बात चाहे 372 की हो या 99 की हो जब वह खुद कह रहे हैं कि इनमें से कोई ना कोई रिपोर्ट गलत है तो इसका मतलब यह हुआ कि उनके पास कोई भी इंफॉर्मेशन नहीं है. इस तरह के बयान बहादुर मंत्री को पहले अपने अंदर झांकना चाहिए कि आप बयान बहादुर तो हैं लेकिन अपने विभाग में आप बिल्कुल फेल हैं. यह अपने ही बयानों और बातों से गिरे हुए हैं, दूसरों पर क्या टिप्पणी करेंगे.'
इनेलो की प्रतिक्रिया: वहीं, दूसरी ओर इस मामले में इंडियन नेशनल लोक दल के प्रवक्ता ओंकार कहते हैं 'हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज अखबारों में बने रहने के लिए उल्टे सीधे बयान देते हैं. वे खुद ही कह रहे हैं कि उनकs विभाग ने सही जानकारी नहीं दी. अगर गृह मंत्री को ही गृह विभाग की सही जानकारी नहीं है तो फिर आम इंसान का क्या होगा, यह सोचने वाली बात है. पहले इन्होंने 372 आईओ को सस्पेंड करने के आदेश दिए, अब कहते हैं कि 99 है. यह बड़ी अजीब बात है और वास्तव में देखेंगे तो शायद फिर 99 भी नहीं रहेंगे. गृह मंत्री को जांच पड़ताल करने के बाद ही कोई बयान देना चाहिए. अधिकारी गृह मंत्री को क्या मिस लीड करेंगे, वह खुद ही कंफ्यूज हैं. जब कोई रिपोर्ट किसी व्यक्ति के पास आती है तो उसका भी तो फर्ज बनता है कि वह उसे अपने स्तर पर भी कंफर्म करे. जब इन्होंने अपने स्तर पर कंफर्म किए बगैर ही 372 के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है तो यह साफ है कि यह खुद ही कंफ्यूज हैं.'
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