चंडीगढ़: चंडीगढ़ में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज और गृह विभाग के आला अधिकारियों की बैठक हुई. जानकारी के मुताबिक इस बैठक में जाट आरक्षण आंदोलन (meeting on Jat reservation movement) के दौरान दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने को लेकर चर्चा हुई. जानकारी के मुताबिक इस मुद्दे को लेकर गृह मंत्री अनिल विज की औपचारिक तौर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी बातचीत हुई है. हालांकि इस बैठक के बाद किसी भी तरह की जानकारी मीडिया को नहीं दी गई.
दरअसल हरियाणा में 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान कई केस दर्ज हुए थे. जिनको वापस लेने को लेकर गृह मंत्री ने अधिकारियों के साथ (Anil Vij meeting in Jat reservation movement) चर्चा की है. सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री जल्दी जाट नेताओं के साथ भी बैठक करने वाले हैं. जाट नेताओं के साथ बैठक में भी दर्ज मुकद्दमों को वापस लेने की चर्चाएं तेज हैं.
वहीं, प्रदेश में जाट आंदोलन के दौरान 2000 (Jat reservation movement 2016)से अधिक मामले दर्ज किए गए थे. जिनमें से चार सौ से अधिक मामले अभी भी लंबित है. इनमें से कुछ मामले गंभीर श्रेणी के हैं. जो कि विभिन्न कोर्ट के अंदर चल रहे हैं. इतना ही नहीं जाट आंदोलन के दौरान के कुछ मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है. सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि अब इन केसों को वापस लिया जाए.
साथ ही 19 दिसंबर को जाट आंदोलन से जुड़े मामलों को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. सूत्रों के मुताबिक इस दौरान हरियाणा सरकार इन मामलों से स्टे हटाने का आग्रह कर सकती है. क्योंकि हाईकोर्ट ने 2018 में सुनवाई के दौरान केस वापस लेने पर रोक लगाई (Jat reservation movement) थी तब से युवा मामले कोर्ट में लंबित चल रहे हैं. हालांकि यह सब हाई कोर्ट पर निर्भर करता है कि वह इस मामले पर लगे स्टे को हटाता है या नहीं.
बता दें कि कुछ दिनों पहले जाट प्रतिनिधियों ने अंबाला में भी मंत्री अनिल विज से जाट आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मामलों को वापस लेने को लेकर बातचीत की थी. भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की भी जसिया में 10 दिसंबर को एक बैठक होनी है. माना जा रहा है कि उससे पहले जाट आरक्षण समिति के कुछ प्रतिनिधि गिरी मंत्री अनिल विज से भी बैठक कर सकते हैं. (Haryana Home Minister Anil Vij)
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