चंडीगढ़: हरियाणा में तेजी से पैर पसार रहे कोरोना संक्रमण पर रोकथाम के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ऐलान किया है हरियाणा के सभी जिलों में सीरो सर्वे (सीरो सर्विलांस) किया जाएगा. इस सर्वे में प्रदेश के गांवों में 500 और शहर में 350 लोगों को टेस्ट किया जाएगा.
कुरुक्षेत्र में हो चुका है सर्वे
मंत्री अनिल विज ने बताया कि पहले भी केन्द्र सरकार ने कुरुक्षेत्र जिले में यह सीरो सर्विलांस करवाया था, लेकिन अब पीजीआई चंडीगढ़ के सहयोग से हरियाणा के सभी जिलों में सीरो सर्वे करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि सीरो-सर्वेक्षण में व्यक्तिगत रूप से समूहों की जांच की जाएगी, ताकि महामारी के फैलाव का पता लगाया जा सके.
अगस्त के अंत तक पूरा होगा टेस्ट- स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का दावा है कि इस जांच से कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति को बेहतर समझने में मदद मिलेगी. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पंचकूला और अंबाला में सामुदायिक चिकित्सा विभाग और स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चण्डीगढ़ के सहयोग से सर्वेक्षण शुरू हो चुका है और स्वास्थ्य विभाग ने अगस्त, 2020 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है.
ये एक एंटीबॉडी टेस्ट है- स्वास्थ्य मंत्री
उन्होंने ने इस सर्वेक्षण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह एक एंटी बॉडी टेस्ट है. प्रदेश के हर जिले से 850 लोगों का रेंडमली 60-40 प्रतिशत के अनुपात ग्रामीण क्षेत्र में 500 व शहरी क्षेत्र से 350 लोगों का टैस्ट किया जाएगा. इस प्लॉन को लेकर हर जिले में एक नोडल अधिकारी लगाया गया है.
6 लोगों की टीम करेगी सर्वेक्षण
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य मुख्यालय और जिला स्तर पर इतने कम समय में सीरो-सर्वेक्षण का खाका तैयार करना वास्तव में सराहनीय काम है. उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण करने वाली टीम में तीन सदस्य, एक चिकित्सा अधिकारी (एम.ओ), एक सहायक नर्स (एएनएम) और एक प्रयोगशाला तकनीशियन शामिल होंगे.
क्या होता है सीरो सर्वेक्षण?
इस सर्वे में देखा जाएगा कि अगर किसी में कोरोना के माइल्ड सिम्पटम आए हों और उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने की वजह से उन्हें कोई दिक्कत न आई हो. ऐसे ही अगर 70 प्रतिशत लोगों में हर्ड इम्यूनिटी बन जाएगी, तो फिर खतरा कम हो जाएगा. जरूरी नहीं कि सभी में यह हार्ड इम्यूनिटी बनी हो, लेकिन जिन लोगों में एंटी बॉडीज बन चुकी होगी, उनकी एंटी बॉडीज(प्लाज्मा) अन्य मरीजों के काम आ सकेगी.
ये पढ़ें- शराब घोटाले को लेकर विज-दुष्यंत में टकराव! क्या अब सीएम करवाएंगे विजिलेंस जांच ?