चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र शुरू किया गया है. वहीं, अपनी मांगों को लेकर हजारों की संख्या में ग्रामीण सफाई कर्मचारी हरियाणा विधानसभा की ओर कुच करते हुए पंचकूला पहुंचे. सफाई कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें हरियाणा के पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली (Panchayat Minister Devendra Babli) द्वारा आश्वासन दिया गया था कि वो उन्हें नौकरियों पर पक्का कर देंगे.
इसके साथ ही संबंधित मांगों को भी जल्द पूरा करने को कहा गया था. वहीं, कर्मचारियों का आरोप है कि वे पहले ही 16 सालों से इस मौके का इंतजार कर रहे हैं. सफाई कर्मचारियों का कहना है कि इस बार की सरकार लंबे समय से उनकी मांगों को टाल मटोल कर रही है. ऐसे में अपना रोष प्रदर्शन दिखाते हुए हरियाणा के सफाई कर्मचारी यूनियन द्वारा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. (Haryana rural sanitation workers protest)
पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित यवनिका पार्क में हजारों की संख्या में ग्रामीण सफाई कर्मचारी इकट्ठा हुए. सफाई कर्मचारियों की मुख्य मांग यह है कि उनको जल्द से जल्द पक्का किया जाए. न्यूनतम वेतन अधिक किया जाए. इसी मुद्दे पर 20 अगस्त 2022 को पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली से मिलकर बातचीत की गई थी. वहीं, पंचायत मंत्री ने कर्मचारियों की मांगों को जायज बताते हुए उनकी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया गया था.
कर्मचारियों का कहना है कि, पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने कहा था कि वे कर्मचारियों की मांगों पर सरकार से बातचीत करेंगे, लेकिन अभी तक हमारी मांगों पर कोई बातचीत नहीं हुई है. हमें पक्का नहीं किया गया ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को काम करते हुए 16 वर्ष हो चुके हैं. वहीं, जेजेपी और बीजेपी गठबंधन की सरकार ने अपने मांग पत्र में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को पक्का करते हुए नए सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति करने की बात रखी थी. लेकिन सरकार नई पॉलिसी बनाकर सफाी कर्मचारियों को पक्का करना ही नहीं चाहती. जबकि यूपी, पंजाब और राजस्थान में सफाई कर्मचारियों को पक्का किया जा चुका है.
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उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ तो अपने आप को गरीबों की हितैषी बताती है. वहीं, सफाई कर्मचारियों को कोरना योद्धा का नाम देती है तो उनके पैर धोने के पाखंड भी सरकार करती है. दूसरी तरफ से सफाई कर्मचारी और ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के बीच 4390 रुपये का अंतर करके सफाई कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है.
ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन उपप्रधान बसाउ राम ने बताया कि आज भी हरियाणा सरकार सफाई कर्मचारियों का शोषण कर रही है. इतनी बढ़ती महंगाई में उन्होंने कर्मचारियों को मजबूर किया हुआ है कि हम कम आमदनी के साथ अपना गुजारा करें. हमारा कोई शौक नहीं है प्रदर्शन करने का क्योंकि लगातार पंचायत मंत्री के पास गुहार लगाने के बावजूद हमारी मांगों को नहीं माना जा रहा है. चाहे वे न्यूनतम वेतन की बात हो, शहरों की तर्ज पर 400 व्यक्तियों पर एक सफाई कर्मचारी रखने की बात हो, सफाई संबंधी औजार खरीदने की बात हो या फिर अन्य जरूरी मांगों को लेकर कोई भी मांग को पूरा नहीं किया जा रहा. उन्होंने कहा कि, अगर सरकार नहीं मानी तो संघर्ष को और तेज किया जाएगा.
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आपको बता दें कि इससे पहले कर्मचारियों और सरकार के बीच बातचीत की गई थी. जिसमें मागों को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी. साथ ही पंचायत मंत्री द्वारा भी कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगों को लेकर सरकार से बातचीत की जाएगी. लेकिन सरकार कर्मचारियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी तो सोमवार को कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर चंडीगढ़ में विधानसभा का घेराव करने पहुंचे. लेकिन उन्हें चंडीगढ़ पंचकूला बॉर्डर (Chandigarh Panchkula Border) पर ही रोक दिया गया.