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अब अस्पतालों को मिल रही पर्याप्त ऑक्सीजन, होम आइसोलेटेड मरीज भी इस तरह घर पर ही मंगवाएं सिलेंडर

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Published : May 21, 2021, 5:37 PM IST

हरियाणा में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. अब अस्पतालों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध हो रही है, वहीं होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के घर तक ऑक्सीजन सिलेंडर की डिलीवरी की जा रही है.

haryana hospitals oxygen status
haryana hospitals oxygen status

चंडीगढ़: कोरोना महामारी की दूसरी लहर से उबरते हुए हरियाणा राज्य ने ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए भविष्य की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं. अब ना केवल अस्पतालों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध हो रही है, बल्कि 9 मई से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के घर तक ऑक्सीजन सिलेंडर की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी व सुगम तंत्र विकसित कर दिया गया है.

इस तरह लोगों को दी जा रही ऑक्सीजन

निजी व प्राइवेट अस्पतालों को जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिदिन दाखिल मरीजों का डाटा HRheal पोर्टल पर अपडेट किया जा रहा है ताकि समय रहते ऑक्सीजन की वास्तविक जरूरत का पता चलता रहे. इसी प्रकार होम डिलीवरी के लिए पोर्टल www.oxygenhry.in पर पंजीकरण करवाकर कोई भी मरीज घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर प्राप्त कर सकता है. सरकार का यह प्रयोग अत्यंत सफल रहा है.

समाजसेवी संस्थाएं घर पर डिलीवर कर रही सिलेंडर

प्रदेश में अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 9896 मरीजों को घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाए गए हैं. इस कार्य को सफल बनाने के लिए रैडक्रास, भारत विकास परिषद जैसी 378 समाजसेवी संस्थाओं ने घर पर सिलेंडर की डिलीवरी करने का काम किया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में कोरोना काल में भी चालू रहेंगी कृषि संबंधी ये गतिविधियां, आदेश जारी

प्रत्येक जिले में ऑक्सीजन सिलेंडर भरने का एक स्थान निर्धारित किया गया है और मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जिला उपायुक्त अपने जिले में सिलेंडर रिफिल प्वाइंट पर लगातार नोडल अधिकारी की सहायता से उचित व्यवस्था बनाकर रखे हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 5 से 20 डी-टाइप ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की व्यवस्था की जा रही है.

हवाई जहाज और रेल से मंगवाई गई ऑक्सीजन

ऑक्सीजन गैस की आकस्मिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए हवाई जहाजों से भी गैस मंगवाई गई है. अब तक हवाई जहाजों से 20 बार में 38 टेंकरों के माध्यम से राज्य को लगभग 481 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली है. साथ ही रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए 1549 मीट्रिक टन ऑक्सीजन राज्य को प्राप्त हुई. प्रदेश में अलग-अलग 7 जगहों- राउरकेला, जमशेदपुर, पानीपत, हिसार, अंगुल, भुवनेश्वर और रूड़की से लगभग 240 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन आ रही है.

ऑक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर हरियाणा

बाहरी स्रोतों से ऑक्सीजन मंगवाने के अलावा इस समय प्रदेश के 13 जिलों में स्थित 22 इंडस्ट्रीयल प्लांट्स भी अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवा रहे हैं. साथ ही पी.एस.ए. तकनीक आधारित 6 प्लांट्स- फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, अम्बाला, पंचकूला और हिसार में ऑक्सीजन गैस का निरंतर उत्पादन कर रहे हैं. प्रत्येक प्लांट से प्रति मिनट 200 लीटर तक ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है.

इसी दिशा में केन्द्र सरकार ने पी.एस.ए. तकनीक आधारित 43 नए बड़े प्लांट्स स्वीकृत किए हैं. इनमें से 2 प्लांट्स मेडिकल कॉलेजों में तथा अन्य 41 प्लांट्स विभिन्न जिलों में सी.एच.सी. स्तर तक लगाये जाएंगे. ये प्लांट्स जून में उत्पादन शुरू कर देंगे. प्रत्येक प्लांट प्रति मिनट 500 से 1000 लीटर तक ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा. गौरतलब है कि प्रदेश का ऑक्सीजन कोटा 156 मीट्रिक टन था, जो कि अब मुख्यमंत्री के प्रयासों के बाद बढ़कर 282 मीट्रिक टन हो गया है.

ये भी पढ़ें- कोरोना: हरियाणा सरकार की बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, अब बिना जुर्माने के इस तारीख तक भर सकेंगे बिल

चंडीगढ़: कोरोना महामारी की दूसरी लहर से उबरते हुए हरियाणा राज्य ने ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए भविष्य की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं. अब ना केवल अस्पतालों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध हो रही है, बल्कि 9 मई से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के घर तक ऑक्सीजन सिलेंडर की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी व सुगम तंत्र विकसित कर दिया गया है.

इस तरह लोगों को दी जा रही ऑक्सीजन

निजी व प्राइवेट अस्पतालों को जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिदिन दाखिल मरीजों का डाटा HRheal पोर्टल पर अपडेट किया जा रहा है ताकि समय रहते ऑक्सीजन की वास्तविक जरूरत का पता चलता रहे. इसी प्रकार होम डिलीवरी के लिए पोर्टल www.oxygenhry.in पर पंजीकरण करवाकर कोई भी मरीज घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर प्राप्त कर सकता है. सरकार का यह प्रयोग अत्यंत सफल रहा है.

समाजसेवी संस्थाएं घर पर डिलीवर कर रही सिलेंडर

प्रदेश में अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 9896 मरीजों को घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाए गए हैं. इस कार्य को सफल बनाने के लिए रैडक्रास, भारत विकास परिषद जैसी 378 समाजसेवी संस्थाओं ने घर पर सिलेंडर की डिलीवरी करने का काम किया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में कोरोना काल में भी चालू रहेंगी कृषि संबंधी ये गतिविधियां, आदेश जारी

प्रत्येक जिले में ऑक्सीजन सिलेंडर भरने का एक स्थान निर्धारित किया गया है और मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जिला उपायुक्त अपने जिले में सिलेंडर रिफिल प्वाइंट पर लगातार नोडल अधिकारी की सहायता से उचित व्यवस्था बनाकर रखे हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 5 से 20 डी-टाइप ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की व्यवस्था की जा रही है.

हवाई जहाज और रेल से मंगवाई गई ऑक्सीजन

ऑक्सीजन गैस की आकस्मिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए हवाई जहाजों से भी गैस मंगवाई गई है. अब तक हवाई जहाजों से 20 बार में 38 टेंकरों के माध्यम से राज्य को लगभग 481 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली है. साथ ही रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए 1549 मीट्रिक टन ऑक्सीजन राज्य को प्राप्त हुई. प्रदेश में अलग-अलग 7 जगहों- राउरकेला, जमशेदपुर, पानीपत, हिसार, अंगुल, भुवनेश्वर और रूड़की से लगभग 240 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन आ रही है.

ऑक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर हरियाणा

बाहरी स्रोतों से ऑक्सीजन मंगवाने के अलावा इस समय प्रदेश के 13 जिलों में स्थित 22 इंडस्ट्रीयल प्लांट्स भी अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवा रहे हैं. साथ ही पी.एस.ए. तकनीक आधारित 6 प्लांट्स- फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, अम्बाला, पंचकूला और हिसार में ऑक्सीजन गैस का निरंतर उत्पादन कर रहे हैं. प्रत्येक प्लांट से प्रति मिनट 200 लीटर तक ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है.

इसी दिशा में केन्द्र सरकार ने पी.एस.ए. तकनीक आधारित 43 नए बड़े प्लांट्स स्वीकृत किए हैं. इनमें से 2 प्लांट्स मेडिकल कॉलेजों में तथा अन्य 41 प्लांट्स विभिन्न जिलों में सी.एच.सी. स्तर तक लगाये जाएंगे. ये प्लांट्स जून में उत्पादन शुरू कर देंगे. प्रत्येक प्लांट प्रति मिनट 500 से 1000 लीटर तक ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा. गौरतलब है कि प्रदेश का ऑक्सीजन कोटा 156 मीट्रिक टन था, जो कि अब मुख्यमंत्री के प्रयासों के बाद बढ़कर 282 मीट्रिक टन हो गया है.

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