चंडीगढ़: बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनका शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ होना बहुत जरूर होता है लेकिन कुपोषण के कारण अक्सर बच्चों का शारीरिक विकास रुक जाता है. जिसके चलते हरियाणा सरकार बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर करने और कुपोषण मुक्त हरियाणा के लिए काम कर रही है. राज्य सरकार की ओर से इसके लिए कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने भारत में कार्यरत संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ समझौता किया है.
ये भी पढ़ें: हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान, प्रदेशभर में 450 अनधिकृत कॉलोनियां होंगी नियमित, यहां देखिए लिस्ट
सुमित्रा मिश्रा ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग और संयुक्त राष्ट्र विश्व कार्यक्रम के बीच पोषण और लिंग सशक्तिकरण के क्षेत्र में विभाग के काम को मजबूत करने के लिए ज्ञान, कौशल और विशेषज्ञता के हस्तांतरण और आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करना है. इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक मोनिका मलिक व देश में विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) की प्रतिनिधि एलिजाबेथ फॉरे के बीच एलओयू का आदान-प्रदान किया.
अतिरिक्त सचिव ने कहा कि एकीकृत बाल विकास सेवाओं (ICDS) की पोषण प्रभावशीलता बढ़ाने पर डब्ल्यूएफपी के साथ यह सहयोग हरियाणा में महिलाओं और बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाने में मदद करेगा. यह सहयोग कुपोषण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार के प्रयासों को मजबूत करेगा. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूसीडी विभाग हरियाणा में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए डब्ल्यूएफपी के साथ जुड़ेगा. उन्होंने सतत विकास लक्ष्य 2 यानी भुखमरी समाप्त करने, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण प्राप्त करने की दिशा में सरकारी प्रयासों का समर्थन करने के लिए WFP की भूमिका की सराहना की.
इस अवसर पर एलिजाबेथ फॉरे ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग और विश्व खाद्य कार्यक्रम मिलकर नवाचार और क्षमता निर्माण करेगा. जिसके माध्यम से पोषण 2.0 लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कुपोषण, एनीमिया पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक रोडमैप तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों खाद्य सुदृढ़ीकरण के लिए स्थायी मॉडल बनाने का प्रयास करेंगे. पूरक पोषण, मौजूदा कर्मचारियों के प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण के लिए भी सहयोग करेंगे.
एलिजाबेथ फॉरे ने कहा कि भारत के साथ-साथ अन्य विकासशील देशों की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखेंगे. डब्ल्यूएफपी अपने क्षेत्र का विस्तार करने और इसकी कार्यप्रणाली में सुधार करने के उद्देश्य से, पहले से स्थापित पंजीरी प्लांट का आकलन करेगा और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा. इसके अतिरिक्त, डब्ल्यूएफपी राज्य के अन्य हिस्सों में ऐसी इकाइयों को बढ़ाने के साथ-साथ टेक-होम राशन (टीएचआर) और पोषण के महत्व पर सामाजिक व्यवहार परिवर्तन संचार गतिविधियों को विकसित करने और संचालित करने में विभाग का समर्थन करेगा.
ये भी पढ़ें: हरियाणा सरकार ने मानसून सत्र के लिए अधिकारियों को जारी किए दिशा-निर्देश, उपस्थिति अनिवार्य
डब्ल्यूएफपी अनुसंधान के माध्यम से टीएचआर की पोषक संरचना विकसित करने में हरियाणा सरकार का समर्थन करने के लिए तत्पर है. डब्ल्यूएफपी शिशु और युवा बाल आहार (IYCF) में सुधार और कुपोषण को रोकने के लिए एक अनुकरणीय और प्रदर्शन योग्य मॉडल विकसित करने में विभाग के प्रयासों का समर्थन करेगा. दोनों संस्थाएं लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण परियोजना (GEWE) प्रशिक्षण मॉड्यूल के लिए पाठ्यक्रम सामग्री को विकसित और प्रासंगिक बनाएंगी. जिससे समुदाय के लिंग संवेदीकरण में विभाग के प्रयासों को मजबूत किया जा सके.