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हरियाणा के राज्यपाल ने किसान आंदोलन पर कहा, 'मैं प्रोटोकॉल से बंधा हूं, ज्यादा नहीं बोल सकता'

हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (haryana governor Bandaru Dattatreya) ने किसान आंदोलन (farmer protest) को लेकर कहा कि मुझे सभी परिस्थितियों का पता है, विपक्षी दल भी मुझसे इस मुद्दे को लेकर आकर मिलते हैं, लेकिन इस बारे में मैं ज्यादा कुछ बोल नहीं सकता, मैं इस मामले में प्रोटोकॉल से बंधा हूं. मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि इस आंदोलन का समाधान सिर्फ बातचीत है.

Bandaru Dattatreya
haryana governor Bandaru Dattatreya
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Published : Sep 11, 2021, 6:59 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (haryana governor Bandaru Dattatreya) ने शनिवार को राजभवन में पत्रकारों को आमंत्रित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि उनके राज्यपाल बने हुए 2 साल पूरे हो चुके हैं. इसके साथ ही उनका 40 साल का राजनीति जीवन रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कॉल से कहा था कि वे मुझे एक विशेष दायित्व देने जा रहे हैं और वह राज्यपाल का दायित्व था. जिसको उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया और उसके बाद से ही वे राज्यपाल के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हरियाणा के राज्यपाल के तौर पर भी 15 जुलाई से कार्य कर रहे हैं. जिसके बाद मुख्यमंत्री हो या अधिकारी सभी लोगों का सहयोग उन्हें लगातार मिलता रहा है. साथ ही इन सभी के साथ उनकी मीटिंग भी होती रहती है. सरकार की प्राथमिकता मुख्यमंत्री उन्हें बताते हैं, और वे मिलकर कार्य कर रहे हैं. इस दौरान किसान आंदोलन के सवाल पर भी राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कई अधिकारी मुझसे लगातार बात करते रहते हैं.

हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने क्या कहा सुनिए

ये भी पढ़ें- बीजेपी कर रही है किसानों की आय बढ़ाने के लिए काम, पूरे देश में सबसे ज्यादा दे रहें MSP: हरियाणा सीएम

राज्यपाल ने कहा कि मुझे सभी परिस्थितियों का पता है, विपक्षी दल भी मुझसे इस मुद्दे को लेकर आकर मिलते हैं, लेकिन इस बारे में मैं ज्यादा कुछ बोल नहीं सकता, मैं इस मामले में प्रोटोकॉल से बंधा हूं. मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि इस आंदोलन का समाधान सिर्फ बातचीत है. बातचीत के जरिए आंदोलन के मसले हल हो सकते हैं. इसलिए बातचीत बंद नहीं होनी चाहिए. कई तरह के लोगों के अलग-अलग विचार हो सकते हैं‌. लोग भी अपने विचार व्यक्त करते रहते हैं, लेकिन आंदोलन को समाप्त करने के लिए हमें विचारों से ज्यादा समाधान की जरूरत है और इसका समाधान सिर्फ बातचीत है. केंद्र सरकार बातचीत के लिए तैयार है इसलिए किसान नेताओं को भी बातचीत के लिए आगे आना चाहिए. तभी ये मसला सुलझ सकता है.

इस दौरान उन्होंने हरियाणा राज्य और सरकार की कई बार तारीफ की. उन्होंने कहा कि हरियाणा संसाधनों के मामले में बहुत अच्छी स्थिति में है. यहां कई विभागों में अच्छी स्थिति है. शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा में कई आयाम स्थापित किए हैं. इस बार खास तौर पर खेलों में हरियाणा ने अपना लोहा मनवाया है. इसके साथ ही उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं को बताते हुए कहा कि उनकी सबसे पहली प्राथमिकता शिक्षा के क्षेत्र के विकास, दूसरा स्वास्थ्य, तीसरा रोजगार, चौथा कृषि, पांचवा जैविक खेती है. इसके साथ ही उन्होंने स्किल डेवलपमेंट को भी अपनी प्राथमिकता पर रखा है.

ये भी पढ़ें- HAU के होम साइंस कॉलेज को कृषि क्षेत्र में देशभर में मिली फर्स्ट रैंक

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की परिवार पहचान पत्र योजना बहुत महत्वपूर्ण है, यह गेमचेंजर साबित होगी. इसका योजना को लागू करने, रोजगार और शिक्षा के लिए भी खास फायदा होगा. शिक्षा नीति को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से उनकी बातचीत हुई है जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि 2025 तक वे नई शिक्षा नीति को लागू कर लेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से बेरोजगारी का भी समाधान होगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मेरे ध्यान में जो भी सुधार करने योग्य बात आएगी मैं उसे सरकार को जरूर भेजूंगा, सरकार उसे पूरा करेगी. सरकार अपना काम अपने तरीके से करती है, मैं भी मंत्री रहा हूं इसलिए मुझे सरकार के कामकाज के तरीके का पता है. इसके अलावा मैं इस बात का भी ध्यान रखूंगा कि केंद्र सरकार की हर योजना हर तबके तक पहुंचे.

चंडीगढ़: हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (haryana governor Bandaru Dattatreya) ने शनिवार को राजभवन में पत्रकारों को आमंत्रित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि उनके राज्यपाल बने हुए 2 साल पूरे हो चुके हैं. इसके साथ ही उनका 40 साल का राजनीति जीवन रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कॉल से कहा था कि वे मुझे एक विशेष दायित्व देने जा रहे हैं और वह राज्यपाल का दायित्व था. जिसको उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया और उसके बाद से ही वे राज्यपाल के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हरियाणा के राज्यपाल के तौर पर भी 15 जुलाई से कार्य कर रहे हैं. जिसके बाद मुख्यमंत्री हो या अधिकारी सभी लोगों का सहयोग उन्हें लगातार मिलता रहा है. साथ ही इन सभी के साथ उनकी मीटिंग भी होती रहती है. सरकार की प्राथमिकता मुख्यमंत्री उन्हें बताते हैं, और वे मिलकर कार्य कर रहे हैं. इस दौरान किसान आंदोलन के सवाल पर भी राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कई अधिकारी मुझसे लगातार बात करते रहते हैं.

हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने क्या कहा सुनिए

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राज्यपाल ने कहा कि मुझे सभी परिस्थितियों का पता है, विपक्षी दल भी मुझसे इस मुद्दे को लेकर आकर मिलते हैं, लेकिन इस बारे में मैं ज्यादा कुछ बोल नहीं सकता, मैं इस मामले में प्रोटोकॉल से बंधा हूं. मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि इस आंदोलन का समाधान सिर्फ बातचीत है. बातचीत के जरिए आंदोलन के मसले हल हो सकते हैं. इसलिए बातचीत बंद नहीं होनी चाहिए. कई तरह के लोगों के अलग-अलग विचार हो सकते हैं‌. लोग भी अपने विचार व्यक्त करते रहते हैं, लेकिन आंदोलन को समाप्त करने के लिए हमें विचारों से ज्यादा समाधान की जरूरत है और इसका समाधान सिर्फ बातचीत है. केंद्र सरकार बातचीत के लिए तैयार है इसलिए किसान नेताओं को भी बातचीत के लिए आगे आना चाहिए. तभी ये मसला सुलझ सकता है.

इस दौरान उन्होंने हरियाणा राज्य और सरकार की कई बार तारीफ की. उन्होंने कहा कि हरियाणा संसाधनों के मामले में बहुत अच्छी स्थिति में है. यहां कई विभागों में अच्छी स्थिति है. शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा में कई आयाम स्थापित किए हैं. इस बार खास तौर पर खेलों में हरियाणा ने अपना लोहा मनवाया है. इसके साथ ही उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं को बताते हुए कहा कि उनकी सबसे पहली प्राथमिकता शिक्षा के क्षेत्र के विकास, दूसरा स्वास्थ्य, तीसरा रोजगार, चौथा कृषि, पांचवा जैविक खेती है. इसके साथ ही उन्होंने स्किल डेवलपमेंट को भी अपनी प्राथमिकता पर रखा है.

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उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की परिवार पहचान पत्र योजना बहुत महत्वपूर्ण है, यह गेमचेंजर साबित होगी. इसका योजना को लागू करने, रोजगार और शिक्षा के लिए भी खास फायदा होगा. शिक्षा नीति को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से उनकी बातचीत हुई है जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि 2025 तक वे नई शिक्षा नीति को लागू कर लेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से बेरोजगारी का भी समाधान होगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मेरे ध्यान में जो भी सुधार करने योग्य बात आएगी मैं उसे सरकार को जरूर भेजूंगा, सरकार उसे पूरा करेगी. सरकार अपना काम अपने तरीके से करती है, मैं भी मंत्री रहा हूं इसलिए मुझे सरकार के कामकाज के तरीके का पता है. इसके अलावा मैं इस बात का भी ध्यान रखूंगा कि केंद्र सरकार की हर योजना हर तबके तक पहुंचे.

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