चंडीगढ़: जमीन की रजिस्ट्रियों से जुड़े नियमों की खामियों का फायदा उठाकर मलाई खाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों की अब खैर नहीं है. सरकार भ्रष्ट अधिकारियों पर अध्यादेश के माध्यम से लगाम कसने जा रही है. प्रदेश सरकार ऐसा फुल प्रूफ प्लान तैयार कर रही है जिससे नीयत में खोट रखने वाले अधिकारी चाह कर भी रजिस्ट्री में गड़बड़ नहीं कर पाएंगे.
मतलब ये कि सरकार रजिस्ट्री के नियमों को को और सख्त करने जा रही है. ये फुल प्रूफ प्लान प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला तैयार कर रहे हैं. इसके साथ ही राजस्व विभाग के साथ जुड़े टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के नियमों में भी संशोधन के माध्यम से फेरबदल किया जा रहा है. इस फेरबदल के तहत हरियाणा सरकार हरियाणा डवलेपमेंट एंड रेगुलेशन ऑफ अर्बन एरियाज एक्ट को और सख्त करने जा रही है.
नया अध्यादेश लाने की तैयारी में सरकार
इस अध्यादेश के बाद रजिस्ट्री करने की प्रक्रिया अधिकारी चाह कर भी गोलमाल नहीं कर सकेंगे. इस अध्यादेश को लेकर वीरवार को उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपने कार्यालय में संबंधित राजस्व, शहरी स्थानीय निकाय तथा नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक में विस्तार से चर्चा की.
भ्रष्ट अधिकारियों पर होगी कार्रवाई?
बता दें कि नियमों में फिलहाल कुछ खामियां है जिसका अधिकारियों ने गलत लाभ उठाना शुरु कर दिया. एक्ट में कुछ प्रावधान ऐसे थे. जिनका भ्रष्टाचारियों ने नाजायज फायदा उठाया और राज्य सरकार के राजस्व को चूना लगाया. मामला उजागर होने पर संबंधित विभाग ने इसे लेकर एक रिपोर्ट तैयार की. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने इस एक्ट में भी संशोधन करने का सुझाव प्रदेश सरकार के सामने रखा है.
दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जमीन की रजिस्ट्री करने के मामले में संबंधित विभाग आपस में समन्वय स्थापित करके ऐसा फुल प्रूफ ऑनलाइन सिस्टम तैयार करें. जिसमें ना तो राजस्व की चोरी हो और ना ही किसी व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी होने की गुंजाइश बचे. जमीन खरीदने और बेचने वाले व्यक्ति को भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए.
दुष्यंत चौटाला ने कहाकि सिस्टम तैयार करते समय ये भी ध्यान रखें कि सरकारी नियमों के अनुसार सभी दस्तावेज पूरे होने पर रजिस्ट्री होने में देर न लगे. उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि रजिस्ट्री के समय क्रेता-विक्रेता और गवाह की प्रामाणिकता जांचने का भी पैमाना तय करें ताकि जमीन के मूल मालिक के अलावा अन्य व्यक्ति फ्रॉड करके बेच ना पाए.