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Union Budget 2023: अर्थशास्त्री की बजट से उम्मीदें, बिमल अंजुम बोले- हरियाणा में सबसे बड़ी डिपेंडेंसी है सर्विस सेक्टर - income tax slabs

बुधवार, 1 फरवरी 2023 को केंद्र सरकार बजट पेश कर रही है. जिससे हरियाणा वासियों को भी काफी उम्मीदें हैं, खास तौर पर हरियाणा के किसानों को इस महंगाई के दौर में बजट से काफी ज्यादा उम्मीदें है. हरियाणा में अर्थशास्त्र के जानकार ने (haryana economist on budget) बजट से राहत मिलने की उम्मीद जताई है.

haryana economist on budget
अर्थशास्त्री की बजट से उम्मीदें
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Published : Jan 31, 2023, 4:38 PM IST

केंद्रीय बजट से पहले अर्थशास्त्री की उम्मीदें

चंडीगढ़: केंद्र सरकार 1 फरवरी, 2023 को अपना बजट पेश करेगी. देश और दुनिया के वर्तमान हालातों को देखते हुए इस बार लोगों को बजट से बहुत सी उम्मीदें हैं, क्योंकि केंद्र की वर्तमान मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्णकालिक बजट है. अगले साल लोकसभा चुनाव भी होने हैं, तो ऐसे में लोगों को इस बजट से उम्मीदें भी ज्यादा है.

हरियाणा को भी बजट से कई तरह की उम्मीदें हैं, जनता महंगाई और बेरोजगारी से निजात मिलने की उम्मीद लगा कर बैठी हैं. तो वहीं अर्थशास्त्र के जानकार भी उम्मीद कर रहे हैं कि यह बजट हरियाणा के संदर्भ में बेहतर होगा. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अर्थशास्त्र के जानकार ने कई अहम मुद्दों को लेकर बजट से राहत मिलने की उम्मीद जताई है.

अर्थशास्त्र के जानकार बिमल अंजुम कहते हैं, कि आज के दौर में हरियाणा की जो सबसे बड़ी डिपेंडेंसी है, वह सर्विस सेक्टर पर है. वहीं, दूसरे नंबर पर कृषि क्षेत्र आता है. हरियाणा आज के समय में चाहेगा कि कृषि क्षेत्र के साथ कोई छेड़छाड़ ना की जाए. सर्विस सेक्टर को प्रमोट किया जाए. जैसे ही सर्विस सेक्टर को प्रमोट किया जाएगा, तो रोजगार बढ़ेंगे. सर्विस सेक्टर को अगर ग्रोथ मिलती है, तो फिर उससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी ग्रोथ करता है. उनका कहना है कि हरियाणा में सर्विस सेक्टर का रेवेन्यू में योगदान करीब 52 फीसदी है. इसलिए सेक्टर का आगे बढ़ना जरूरी है.

अंजुम कहते हैं कि हरियाणा का ज्यादातर एरिया अब एनसीआर क्षेत्र में आता है. इसलिए कृषि से ज्यादा डिपेंडेंसी इस क्षेत्र की सर्विस सेंटर पर हो गई है. वहीं सर्विस सेक्टर में अगर टैक्स में राहत मिलेगी तो फिर उससे लोगों को भी राहत मिलेगी. इसके साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को लेकर विमल अंजुम कहते हैं कि हवाई यातायात पर केंद्र सरकार का पहले से ही रुझान बना हुआ है.

इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट जो होता है वह लंबे समय के बाद लोगों को बेनिफिट देते है. वे कहते हैं कि सबसे ज्यादा जरूरत शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को ध्यान देने की है. क्षेत्रों में गति लाई जाए और उस समय पर क्षेत्रों के लिए पैसे अलॉट किए जाएं. वहीं, ईटीवी भारत के सवाल का जवाब देते हुए अंजुम कहते हैं कि हरियाणा और केंद्र का बजट बैलेंस बनकार चलता है. कृषि क्षेत्र के लिए जो सब्सिडी का फंड है, वह मेंटेन रहना चाहिए.

उसका क्या फायदा होता है कि फसलों की डायवर्सिफिकेशन होती है और हरियाणा ने इस क्षेत्र में बहुत काम किया है. अंजुम कहते हैं कि क्रॉप डायवर्सिफिकेशन सेना से सिर्फ किसानों की इनकम ही नहीं बढ़ेगी, बल्कि राष्ट्र की भी इनकम बढ़ती है. वे कहते हैं कि हरियाणा के परिपेक्ष में नई फसलों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और उसके लिए कदम उठाए जाने चाहिए. साथ ही किसानों को उसमें मदद की जानी चाहिए, जिससे हमारी अन्य देशों से जो कई उत्पादों को लेकर निर्भरता है वह भी कम होगी. वे कहते हैं कि पिछला बजट भी किसानों को ध्यान में रखकर ही बनाया गया था.

ये भी पढ़ें: Union Budget 2023: केंद्रीय बजट पेश होने से पहले जानिए हरियाणा के किसानों की क्या हैं मांगें

इसके साथ ही बिमल अंजुम मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर कहते हैं कि हरियाणा ट्रैक्टर, गाड़ियां या फिर टू व्हीलर सभी के उत्पादन का हब है. इसके साथ ही ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का भी हरियाणा हब है. वे कहते हैं कि सभी पार्ट्स कंपनियां खुद नहीं बनाती है. उसमें एमएसएमई की मदद ली जाती है. अगर इस सेक्टर को कोई स्पेशल पैकेज दिया जाए तो, इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा. इससे बड़ी उद्योगों को भी स्पोर्ट मिल जाता है और हरियाणा एनसीआर क्षेत्र में बसा हुआ है, ऐसे में इसका फायदा राज्य को जरूर मिलेगा.

ये भी पढ़ें: Budget 2023 : बजट बनाना क्यों है जरूरी, कैसी होती है इसकी तैयारी, जानें इस रिपोर्ट में

केंद्रीय बजट से पहले अर्थशास्त्री की उम्मीदें

चंडीगढ़: केंद्र सरकार 1 फरवरी, 2023 को अपना बजट पेश करेगी. देश और दुनिया के वर्तमान हालातों को देखते हुए इस बार लोगों को बजट से बहुत सी उम्मीदें हैं, क्योंकि केंद्र की वर्तमान मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्णकालिक बजट है. अगले साल लोकसभा चुनाव भी होने हैं, तो ऐसे में लोगों को इस बजट से उम्मीदें भी ज्यादा है.

हरियाणा को भी बजट से कई तरह की उम्मीदें हैं, जनता महंगाई और बेरोजगारी से निजात मिलने की उम्मीद लगा कर बैठी हैं. तो वहीं अर्थशास्त्र के जानकार भी उम्मीद कर रहे हैं कि यह बजट हरियाणा के संदर्भ में बेहतर होगा. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अर्थशास्त्र के जानकार ने कई अहम मुद्दों को लेकर बजट से राहत मिलने की उम्मीद जताई है.

अर्थशास्त्र के जानकार बिमल अंजुम कहते हैं, कि आज के दौर में हरियाणा की जो सबसे बड़ी डिपेंडेंसी है, वह सर्विस सेक्टर पर है. वहीं, दूसरे नंबर पर कृषि क्षेत्र आता है. हरियाणा आज के समय में चाहेगा कि कृषि क्षेत्र के साथ कोई छेड़छाड़ ना की जाए. सर्विस सेक्टर को प्रमोट किया जाए. जैसे ही सर्विस सेक्टर को प्रमोट किया जाएगा, तो रोजगार बढ़ेंगे. सर्विस सेक्टर को अगर ग्रोथ मिलती है, तो फिर उससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी ग्रोथ करता है. उनका कहना है कि हरियाणा में सर्विस सेक्टर का रेवेन्यू में योगदान करीब 52 फीसदी है. इसलिए सेक्टर का आगे बढ़ना जरूरी है.

अंजुम कहते हैं कि हरियाणा का ज्यादातर एरिया अब एनसीआर क्षेत्र में आता है. इसलिए कृषि से ज्यादा डिपेंडेंसी इस क्षेत्र की सर्विस सेंटर पर हो गई है. वहीं सर्विस सेक्टर में अगर टैक्स में राहत मिलेगी तो फिर उससे लोगों को भी राहत मिलेगी. इसके साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को लेकर विमल अंजुम कहते हैं कि हवाई यातायात पर केंद्र सरकार का पहले से ही रुझान बना हुआ है.

इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट जो होता है वह लंबे समय के बाद लोगों को बेनिफिट देते है. वे कहते हैं कि सबसे ज्यादा जरूरत शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को ध्यान देने की है. क्षेत्रों में गति लाई जाए और उस समय पर क्षेत्रों के लिए पैसे अलॉट किए जाएं. वहीं, ईटीवी भारत के सवाल का जवाब देते हुए अंजुम कहते हैं कि हरियाणा और केंद्र का बजट बैलेंस बनकार चलता है. कृषि क्षेत्र के लिए जो सब्सिडी का फंड है, वह मेंटेन रहना चाहिए.

उसका क्या फायदा होता है कि फसलों की डायवर्सिफिकेशन होती है और हरियाणा ने इस क्षेत्र में बहुत काम किया है. अंजुम कहते हैं कि क्रॉप डायवर्सिफिकेशन सेना से सिर्फ किसानों की इनकम ही नहीं बढ़ेगी, बल्कि राष्ट्र की भी इनकम बढ़ती है. वे कहते हैं कि हरियाणा के परिपेक्ष में नई फसलों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और उसके लिए कदम उठाए जाने चाहिए. साथ ही किसानों को उसमें मदद की जानी चाहिए, जिससे हमारी अन्य देशों से जो कई उत्पादों को लेकर निर्भरता है वह भी कम होगी. वे कहते हैं कि पिछला बजट भी किसानों को ध्यान में रखकर ही बनाया गया था.

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इसके साथ ही बिमल अंजुम मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर कहते हैं कि हरियाणा ट्रैक्टर, गाड़ियां या फिर टू व्हीलर सभी के उत्पादन का हब है. इसके साथ ही ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का भी हरियाणा हब है. वे कहते हैं कि सभी पार्ट्स कंपनियां खुद नहीं बनाती है. उसमें एमएसएमई की मदद ली जाती है. अगर इस सेक्टर को कोई स्पेशल पैकेज दिया जाए तो, इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा. इससे बड़ी उद्योगों को भी स्पोर्ट मिल जाता है और हरियाणा एनसीआर क्षेत्र में बसा हुआ है, ऐसे में इसका फायदा राज्य को जरूर मिलेगा.

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