चंडीगढ़: हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने पुलिस अधिकारियों के साथ मोगीनंद पुलिस लाइन में बैठक की, जिसमें महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के साथ कई अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई. इस बैठक में पुलिस विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक में डीजीपी कपूर ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी फीडबैक सेल के माध्यम से की गई कॉल को अपने स्तर पर जरूर चेक करें और जो लोग पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं है उन पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करते हुए उनसे असंतुष्टि का कारण पूछे. कार्य की पारदर्शिता के लिए कॉल रिकॉर्डिंग करवाना सुनिश्चित करे.
महिला पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए क्रेच खोलना: बैठक के दौरान महिला पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए क्रेच की स्थापना पर चर्चा की गई. ये क्रेच पुलिस लाइन और महिला थाने में खोलने पर विचार किया गया. बताया गया है कि कुरूक्षेत्र में पहले से ही 15 बच्चों वाला एक क्रेच चल रहा है, जिसका प्रबंधन एक्स-ग्रेसिया की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा किया जा रहा है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने इस पहल की सराहना की.
सड़क सुरक्षा पर IIT मद्रास के साथ पायलट प्रोजेक्ट: बैठक में पंचकूला के पुलिस आयुक्त सिबास कविराज ने बताया कि पंचकूला में सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए आईआईटी मद्रास के सहयोग से एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा. इस दौरान सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी तथ्यों का बारीकी से आंकलन किया जा रहा है. बताया गया है कि स्वास्थ्य सुविधाओं और सड़क के बुनियादी ढांचे के लिए एक रोडमैप बनाने का कार्य प्रगति पर है. इसके साथ ही भारतीय सड़क और राजमार्ग प्रवर्तन निदेशालय (आईआरईडी) की भागीदारी के साथ 'ब्लैक स्पॉट' पर सुधार करने को लेकर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
अवैध लाल, नीली बत्ती और सायरन पर कार्रवाई- अवैध लाल बत्ती और सायरन के लिए चालान जारी करने के संबंध में कड़े उपायों पर चर्चा की गई. इसके लिए टोल प्लाजा के साथ समन्वय स्थापित किया गया है और ऐसे वाहनों का पंजीकरण रद्द करने के लिए परिवहन विभाग के साथ पत्राचार जारी है. ट्रक तथा ट्रॉली आदि पर डीजे बजाने वाले वाहनों चालान किए जाएंगे. बैठक में कपूर ने कहा कि शादी तथा त्योहारों के सीजन में कई लोग ट्रक ट्राली आदि में तेज आवाज में डीजे चलाते हैं. ऐसे वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के साथ-साथ डीजे के मालिक पर भी नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी.
दुराचारियों के विरुद्ध अभियान एवं महिला सुरक्षा: बैठक में बताया गया कि उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां पर महिलाओं के साथ मारपीट अथवा छेड़छाड़ की घटनाएं अपेक्षाकृत अधिक हैं. महिलाओं के साथ छेड़छाड़ वाले स्थान पर पुलिसकर्मियों की टीमें तैनात की गई हैं. डीजीपी ने कहा कि पुलिसकर्मी महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के बाहर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले मनचलों के खिलाफ अभियान चलाते हुए महिला पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाएं जो यहां पढ़ने वाली छात्राओं से संपर्क में रहें ताकि महिलाएं भी सहजता से उन्हें इस बारे में बता सकें.
नशा मुक्ति और कानून प्रवर्तन: नशा मुक्ति प्रयासों पर भी विस्तार से विचार विमर्श किया गया. बैठक में बताया गया कि नशा बेचने वालों तथा खरीदने वालों की सूची तैयार की जा रही है जो संभवत: 30 नवंबर तक बनकर तैयार हो जाएगी. डीजीपी कपूर ने कहा कि नशा तस्करी करने वाले लोगों से सख्ती से निपटें.
कानून प्रवर्तन आंकड़े: 1 जनवरी से 19 अक्टूबर के बीच 3128 एफआईआर दर्ज की गई और विभिन्न अपराधों के तहत 4218 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. यह भी बताया गया कि ग्राम प्रहरियों का डेटा 30 नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि ग्राम प्रहरियों को 6 मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए काम करने के लिए कहा गया था और अब उनके क्षेत्र में किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधियां आने पर ग्राम प्रहरी की जवाबदेही तय की जाएगी.
महिला पुलिस स्टेशनों में सुधार: कपूर ने कहा कि महिला थानों में प्राप्त होने वाली शिकायतों को वहां पर तैनात अधिकारी संवेदनशीलता से सुनें और उनके साथ विनम्रता से बात करें. उन्होंने कहा कि महिला पुलिस थाना को स्थापित करने का उद्देश्य महिलाओं को एक स्थान पर कानून सम्बंधी सुविधाएं उपलब्ध करवाना है. ताकि उन्हें इधर-उधर भटकना ना पड़े. इसलिए जरूरी है कि वहां पर तैनात महिला पुलिसकर्मी उसी अनुरूप कार्य करें.
स्वाट टीमों की तैयारी: बैठक में बताया गया कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 53 स्वाट टीमें लगाई जाएंगी. इनमें से 5 टीमें गुरुग्राम जिला, 4-4 टीमें फरीदाबाद, सोनीपत तथा पंचकूला, 1-1 टीम हांसी, दादरी, सिरसा तथा डबवाली में लगाई जाएंगी. बाकी बचे जिलों में दो-दो साथ टीमों को नियुक्त किया जाएगा.
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