चंडीगढ़: हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने पुलिस मुख्यालय, सेक्टर-6 पंचकूला में जघन्य अपराधों से लेकर सुनियोजित अपराध, गैंगस्टरों पर नकेल और विशेषकर साइबर अपराध से जुड़े मामलों पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में साइबर अपराध से सबसे अधिक खतरा है, इसके लिए लोगों का जागरूक होना बहुत जरूरी है.
महिला सुरक्षा के लिए डेटाबेस तैयार: डीजीपी शत्रुजीत ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर कई काम किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस दिशा में ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा और आदि वाहनों का डेटाबेस बनाया जा रहा है, जबकि 8 जिलों में यह काम पूरा कर लिया गया है. इससे ऑटो चालकों का संपूर्ण डाटा पुलिस के पास उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि महिला अपराध से जुड़े हॉट स्पॉट की पहचान कर ली गई है और सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इनमें बस स्टैंड, बस स्टॉप और कॉलेज के आसपास का क्षेत्र आदि शामिल हैं. इसके अलावा महिला पुलिसकर्मियों की टीमें भी बनाई जा रही हैं ताकि महिला अपराध में लगाम लग सके.
3800 केस दर्ज, 5500 आरोपी गिरफ्तार: इस दौरान डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि नशे के मामलों के कुल 3800 केस दर्ज किए गए हैं और इनमें 5500 आरोपी गिरफ्तार किए हैं. इनमें 618 बड़े तस्कर गिरफ्तार हैं, जबकि 45 आरोपियों को नशा मुक्ति केंद्रों में भेजा गया है.
रोजाना हरियाणा में साइबर क्राइम के 1000 से अधिक मामले: हरियाणा के डीजीपी के अनुसार साइबर क्राइम संबंधी रोजाना करीब 1000 से अधिक शिकायतें दर्ज होती हैं. इनमें 200-250 लोगों के साथ ठगी के मामले होते हैं. उन्होंने कहा कि 6 घंटे के भीतर जो शिकायतें प्राप्त होती हैं, उनमें 70 फीसदी बैंक खाते ब्लॉक कर दिए जाते हैं. इसके लिए बैंकों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है. ऐसे अपराध पर रोकथाम के लिए लोगों का जागरूक होना जरूरी है, क्योंकि अधिकांश पढ़े-लिखे लोग ही ठगों के झांसे में फंसते हैं.
अपराधियों का महिमामंडन न करें- डीजीपी: डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत कपूर ने कहा कि जघन्य अपराध प्रदेश में काफी कम है. साथ ही उन्होंने अपील करते हुए कहा कि अपराधियों का बॉलीवुड स्टार्स की तरह महिमामंडन न किया जाए, क्योंकि ऐसा होने से युवा इनकी तरफ आकर्षित होते हैं और जाने-अनजाने में अपराध की दुनिया में प्रवेश कर जाते हैं. उन्होंने हरियाणा में गंभीर अपराधों की दर काफी कम बताई. उन्होंने कहा कि अपराध के प्रभाव में आने वाले बच्चों और परिवारों की काउंसलिंग भी की जाती है. इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाता है.
हरियाणा के नागरिकों की संतुष्टि दर 99 फीसदी: डीजीपी शत्रुजीत ने कहा कि जो लोग पुलिस के पास शिकायतें लेकर आते हैं, उनकी संतुष्टि दर अधिक महत्वपूर्ण है. उन्होंने दावा किया कि पुलिस के कामकाज को लेकर नागरिकों की संतुष्टि दर 99 फीसदी आई है. डायल-112 सेवा में 630 इमरजेंसी रिस्पांस वाहन लगाए गए हैं. इस दिशा में 4 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज हुई, जबकि 92.84 फीसदी से ज्यादा लोगों ने संतुष्टि जाहिर की. डीजीपी ने दावा किया कि रिस्पॉन्स टाइम 8 मिनट तक हो चुका है.
-
Press conference https://t.co/G9UOL2fus2
— Haryana Police (@police_haryana) December 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Press conference https://t.co/G9UOL2fus2
— Haryana Police (@police_haryana) December 29, 2023Press conference https://t.co/G9UOL2fus2
— Haryana Police (@police_haryana) December 29, 2023
एंटी रायट 85 कंपनियां विभिन्न जिलों में मौजूद: डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि प्रदेश में कई बार दंगे की स्थिति आ जाती है. इसके लिए 85 कंपनियां तैयार की गई है, जो हर जिले में मौजूद रहेंगी. पुलिस लाइन में उनकी ट्रेनिंग होती है. इनके लिए हेल्मेट, बॉडी प्रोटेक्टर आदि आवश्यक उपकरणों की खरीदी जारी है.
युवाओं को खेलों से जोड़कर नशे से दूर करने की कोशिश: इसके अलावा युवाओं को नशे से दूर करने के लिए जनसंपर्क किया जा रहा है इस दिशा में साइक्लोथॉन रैली आयोजित की गई. साथ ही पंजाब सीमा से लगे जिलों में खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा, जहां स्टेडियम और खेल के मैदानों को टेकओवर किया गया है. इस प्रयास से युवाओं को नशे से दूर कर खेलों से जोड़ा जा सकेगा.
ऑर्गनाइज्ड क्राइम की रोकथाम को 500 कमांडो तैयार: सुनियोजित अपराध की रोकथाम के लिए 500 कमांडो को ट्रेनिंग दी गई है. इन सभी कमांडो को 55 टीमों के तहत विभिन्न जिलों में तैनात किया गया है. इसके तहत साल 2023 में अब तक कुल 449 गैंग पकड़ी गई हैं.
महिला सुरक्षा के लिए मॉनिटरिंग: प्रदेश में जिन महिलाओं को ऑफिस आवाजाही में देरी हो जाती है, उनके लिए ट्रिप मॉनिटरिंग सेवा शुरू की गई है. अब महिलाएं 112 नंबर डायल कर अपनी यात्रा बारे में बता सकती हैं. इसके बाद संबंधित टीम की कर्मचारी थोड़ी-थोड़ी देर बाद कॉल कर महिला से बात कर स्थिति जानती हैं, ताकि उन्हें पेश आ रही परेशानी का पता लग सके. पिछले 15 सालों का आंकड़ा देखने पर पता लगा कि हादसों का आंकड़ा ज्यादा नहीं बढ़ा है, जोकि पूरे वर्ष में 4500 से 5 हजार तक है. उन्होंने इस आंकड़े को साल 2030 तक 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य बताया. उन्होंने कहा कि एंबुलेंस सेवा को डायल-112 से जोड़ा जा रहा है, ताकी दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया जा सके. साथ ही ट्रॉमा सेंटरों की रेटिंग भी की जा रही है.
ये भी पढ़ें: पानीपत में शव भी कर रहे डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने का इंतजार
ये भी पढ़ें: लापरवाही पर सीएम का सख्त एक्शन, चंडीगढ़ में दिशा कमेटी की बैठक से दो अफसरों को बाहर निकाला