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कांग्रेस ने कृषि अध्यादेशों को बताया काला कानून, कहा- आज खून के आंसू रो रहा है किसान

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Published : Sep 26, 2020, 8:27 PM IST

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार कृषि विधेयकों को किसान हित और हम इसे किसान विरोधी बता रहें हैं. उन्होंने भी कहा कि कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के बाद किसानों को एमएसपी नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि मंडी का विस्तार होकर किसान तक उसका हक जाना चाहिए.

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कांग्रेस ने कृषि अध्यादेशों को बताया काला कानून

चंडीगढ़: शनिवार को हरियाणा कांग्रेस ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेसवार्ता में पार्टी के प्रभारी विवेक बंसल, प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा, विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला मौजूद रहे.

इस दौरान कुमारी सैलजा ने कहा कि आज देश और प्रदेश में किसानों का मुद्दा ज्वलंत है. उन्होने कहा कि सरकार ने संसदीय परंपरा को तोड़कर तीन काले कानून बनाए है. देश के इतिहास में पहली बार इस तरह कानून बनाए गए हैं. इन काले कानूनों ने किसान को हिलाकर रख दिया है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंद्रा गांधी ने किसानों को एमएसपी देना शुरू किया था. जिसको लेकर अब किसानों की चिंता बढ़ गई है.

कांग्रेस ने कृषि अध्यादेशों को बताया काला कानून, देखिए वीडियो

कुमारी सैलजा ने कहा कि आज सरकार मंडी सिस्टम को ठप्प करने का काम कर रही है. एसेंसियल (जरूरी चीजों) में से कई खाद्य पदार्थों को निकाल लिया गया हैं. कॉन्टेक्ट फार्मिंग के जरिए किसान को बाध्य किया जाएगा. उन बड़ी कम्पनियों के आगे किसान टिक नहीं पाएगा. 86 फीसदी देश में किसान छोटा किसान है. जिनके पास 2 एकड़ तक जमीन है.

बीजेपी जुमलों की सरकार है- सैलजा

कुमारी सैलजा ने कहा कि स्वामी नाथन की रिपोर्ट और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात भी जुमला बन गई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने धान पर 53 रुपये की बढ़त की, जो कि यूपीए के समय से बढ़त का एक हिस्सा बनकर रह गई है.

उन्होंने कहा कि जो कीमत 5700 तक होनी चाहिए थी वो 3800 से 4200 तक आ गया है. मीडिया का गला घोटकर किसानों के विरोध की कवरेज को रोका जा रहा है. सरकार कहती है कि किसानों को विपक्ष गुमराह कर रहा है, जबकि ये आदत बीजेपी सरकार की है. कांग्रेस किसानों के साथ है और संघर्ष कांग्रेस इस मुद्दे पर करेगी.

किसानों को नहीं मलेगी एमएसपी- पूर्व सीएम

इस मौके पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार कृषि विधेयकों को किसान हित और हम इसे किसान विरोधी बता रहें हैं. उन्होंने भी कहा कि कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के बाद किसानों को एमएसपी नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि मंडी का विस्तार होकर किसान तक जाना चाहिए. हरियाणा-पंजाब में इंफ्रास्ट्रक्चर है, लेकिन बिहार में 1 फीसदी खरीद हो पाती है. सरकार 1 अक्टूबर से खरीद करेगी जबकि फसल 1 सितंबर से आ जाती है. जिससे किसानों तो फसल औने-पौने दाम में बेचना पड़ रहा है.

'C-2 फॉर्मूले पर गेहूं का भाव 3 हजार क्विंटल होता'

पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में मोनोपली को तोड़ने की बात की गई थी. हुड्डा ने कहा चौथा विधेयक लेकर आओ, जिसमें एमएसपी सुनिश्चित हो औऱ एमएससी नही देने पर सज़ा का प्रावधान करें. हुड्डा ने उनकी सरकार के कार्यकाल में 2007 में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिग के आदेश के नियमों का हवाला दिया. हुड्डा ने कहा उस समय रूल में प्रावधान किसान हित में किया गया था. गेहूं की एमएसपी 50 रुपये बढ़ाई है 2014 में बीजेपी के घोषणा पत्र में कहा C-2 फॉर्मूले पर भाव देंगे अगर उस हिसाब से देते तो 3 हजार गेहूं का रेट आज होता. बीजेपी ने जो भी फैसले लिए है किसान विरोधी फैसले हैं.

तीन काले कानून ने किसानों को रुलाया- सुरजेवाला

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा मोदी सरकार ने किसान और राशन दोनों पर हमला बोला है. मोदी सरकार ने खेत, खलिहान और मजदूरों पर हमला किया है. किसान को इन काले कानून के जरिए किसान को खून के आंसू रुला दिया. हरित क्रांति के तीन आधार है इनको मोदी सरकार औऱ हरियाणा की गठबंधन सरकार खत्म करना चाहती है. सुरजेवाला ने कहा सरकार बोलती है एमएसपी मिलेगा, लेकिन देगा कौन ये भी बताएं.

उन्होंने कहा कि मंडी जब रहेगी नहीं, आढ़ती होगा नहीं तो खरीद कैसे होगी. उन्होंने कहा कि 25 लाख करोड़ कृषि का व्यापार है जिनमें 4 उद्योगपति घुसाए जा रहें हैं. सुरजेवाला ने कहा मोदी जी मोर को दाना चुगाकर एमएसपी नहीं दे सकते. पीएम मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री एमएसपी की गारंटी की बात करते हैं. एमएसपी पर खरीद नहीं होने पर सजा का प्रावधान सरकार क्यों नही करती है.

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से मांगा इस्तीफा

उन्होंने कहा कि 2011 में वर्किंग ग्रुप में बतौर सीएम नरेंद्र मोदी ने एक रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट में मोदी जी ने कानून बनाने की बात की थी एमएसपी से नीचे खरीद ना हो. उप मुख्यमंत्री ने कहा एमएसपी एमएसपी से कम बिकेंगी तो इस्तीफा दे दूंगा. आज कपास, मक्का और धान एमएसपी से कम बिक रहा है दुष्यंत चौटाला इस्तीफ़ा दे दें.

खुले बाजार में नाटक रचा जा रहा है- विवेक बंसल

वहीं इस मौके पर हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल ने कहा कि कृषि अध्यादेश के पारित होने के बाद किसानों में रोष है. राहुल गांधी ने बहुत पहले कहा था ये सूट-बूट और अडानी-अंबानी की सरकार है. बंसल ने कहा वो उस वक्त जमीन अधिग्रहण का संदर्भ था और अब खुले बाजार का नाटक और प्रपंच रचा जा रहा है.

बंसल ने कहा 6 फ़ीसदी किसानों को देश में एमएसपी मिल पा रहा है. खुले बाजार की परंपरा शुरू होने के बाद किसान को एमएससी नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि विकसित राष्ट्रों का उदाहरण हमारे सामने है. किसानों की दुर्दशा किस तरह की जा रही है. कृषि अध्यादेशों के मुद्दे पर हम पूरी तरह किसानों के साथ है.

सरकार के खिलाफ खोलेंगे मोर्चा- बंसल

विवेक बंसल ने कहा कि हरियाणा कांग्रेस का बिलों के विरोध में कार्यक्रम जारी किया. 28 सितंबर को चंडीगढ़ में हरियाणा कांग्रेस भवन से मार्च करके हरियाणा राज्यपाल को मांग पत्र सौंपेगे. 2 अक्टूबर को सभी विधानसभा क्षेत्रों में विरोध करेंगे और साथ ही शास्त्री जी और गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर आंदोलन करेंगे. कांग्रेस बिलों के विरोध में हस्ताक्षर अभियान भी चलाएगी. वहीं10 अक्टूबर को कांग्रेस किसान सम्मेलन करेगी.

ये भी पढ़ें: गृहमंत्री अनिल विज ने भारत बंद को बताया बेअसर

चंडीगढ़: शनिवार को हरियाणा कांग्रेस ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेसवार्ता में पार्टी के प्रभारी विवेक बंसल, प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा, विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला मौजूद रहे.

इस दौरान कुमारी सैलजा ने कहा कि आज देश और प्रदेश में किसानों का मुद्दा ज्वलंत है. उन्होने कहा कि सरकार ने संसदीय परंपरा को तोड़कर तीन काले कानून बनाए है. देश के इतिहास में पहली बार इस तरह कानून बनाए गए हैं. इन काले कानूनों ने किसान को हिलाकर रख दिया है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंद्रा गांधी ने किसानों को एमएसपी देना शुरू किया था. जिसको लेकर अब किसानों की चिंता बढ़ गई है.

कांग्रेस ने कृषि अध्यादेशों को बताया काला कानून, देखिए वीडियो

कुमारी सैलजा ने कहा कि आज सरकार मंडी सिस्टम को ठप्प करने का काम कर रही है. एसेंसियल (जरूरी चीजों) में से कई खाद्य पदार्थों को निकाल लिया गया हैं. कॉन्टेक्ट फार्मिंग के जरिए किसान को बाध्य किया जाएगा. उन बड़ी कम्पनियों के आगे किसान टिक नहीं पाएगा. 86 फीसदी देश में किसान छोटा किसान है. जिनके पास 2 एकड़ तक जमीन है.

बीजेपी जुमलों की सरकार है- सैलजा

कुमारी सैलजा ने कहा कि स्वामी नाथन की रिपोर्ट और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात भी जुमला बन गई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने धान पर 53 रुपये की बढ़त की, जो कि यूपीए के समय से बढ़त का एक हिस्सा बनकर रह गई है.

उन्होंने कहा कि जो कीमत 5700 तक होनी चाहिए थी वो 3800 से 4200 तक आ गया है. मीडिया का गला घोटकर किसानों के विरोध की कवरेज को रोका जा रहा है. सरकार कहती है कि किसानों को विपक्ष गुमराह कर रहा है, जबकि ये आदत बीजेपी सरकार की है. कांग्रेस किसानों के साथ है और संघर्ष कांग्रेस इस मुद्दे पर करेगी.

किसानों को नहीं मलेगी एमएसपी- पूर्व सीएम

इस मौके पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार कृषि विधेयकों को किसान हित और हम इसे किसान विरोधी बता रहें हैं. उन्होंने भी कहा कि कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के बाद किसानों को एमएसपी नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि मंडी का विस्तार होकर किसान तक जाना चाहिए. हरियाणा-पंजाब में इंफ्रास्ट्रक्चर है, लेकिन बिहार में 1 फीसदी खरीद हो पाती है. सरकार 1 अक्टूबर से खरीद करेगी जबकि फसल 1 सितंबर से आ जाती है. जिससे किसानों तो फसल औने-पौने दाम में बेचना पड़ रहा है.

'C-2 फॉर्मूले पर गेहूं का भाव 3 हजार क्विंटल होता'

पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में मोनोपली को तोड़ने की बात की गई थी. हुड्डा ने कहा चौथा विधेयक लेकर आओ, जिसमें एमएसपी सुनिश्चित हो औऱ एमएससी नही देने पर सज़ा का प्रावधान करें. हुड्डा ने उनकी सरकार के कार्यकाल में 2007 में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिग के आदेश के नियमों का हवाला दिया. हुड्डा ने कहा उस समय रूल में प्रावधान किसान हित में किया गया था. गेहूं की एमएसपी 50 रुपये बढ़ाई है 2014 में बीजेपी के घोषणा पत्र में कहा C-2 फॉर्मूले पर भाव देंगे अगर उस हिसाब से देते तो 3 हजार गेहूं का रेट आज होता. बीजेपी ने जो भी फैसले लिए है किसान विरोधी फैसले हैं.

तीन काले कानून ने किसानों को रुलाया- सुरजेवाला

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा मोदी सरकार ने किसान और राशन दोनों पर हमला बोला है. मोदी सरकार ने खेत, खलिहान और मजदूरों पर हमला किया है. किसान को इन काले कानून के जरिए किसान को खून के आंसू रुला दिया. हरित क्रांति के तीन आधार है इनको मोदी सरकार औऱ हरियाणा की गठबंधन सरकार खत्म करना चाहती है. सुरजेवाला ने कहा सरकार बोलती है एमएसपी मिलेगा, लेकिन देगा कौन ये भी बताएं.

उन्होंने कहा कि मंडी जब रहेगी नहीं, आढ़ती होगा नहीं तो खरीद कैसे होगी. उन्होंने कहा कि 25 लाख करोड़ कृषि का व्यापार है जिनमें 4 उद्योगपति घुसाए जा रहें हैं. सुरजेवाला ने कहा मोदी जी मोर को दाना चुगाकर एमएसपी नहीं दे सकते. पीएम मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री एमएसपी की गारंटी की बात करते हैं. एमएसपी पर खरीद नहीं होने पर सजा का प्रावधान सरकार क्यों नही करती है.

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से मांगा इस्तीफा

उन्होंने कहा कि 2011 में वर्किंग ग्रुप में बतौर सीएम नरेंद्र मोदी ने एक रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट में मोदी जी ने कानून बनाने की बात की थी एमएसपी से नीचे खरीद ना हो. उप मुख्यमंत्री ने कहा एमएसपी एमएसपी से कम बिकेंगी तो इस्तीफा दे दूंगा. आज कपास, मक्का और धान एमएसपी से कम बिक रहा है दुष्यंत चौटाला इस्तीफ़ा दे दें.

खुले बाजार में नाटक रचा जा रहा है- विवेक बंसल

वहीं इस मौके पर हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल ने कहा कि कृषि अध्यादेश के पारित होने के बाद किसानों में रोष है. राहुल गांधी ने बहुत पहले कहा था ये सूट-बूट और अडानी-अंबानी की सरकार है. बंसल ने कहा वो उस वक्त जमीन अधिग्रहण का संदर्भ था और अब खुले बाजार का नाटक और प्रपंच रचा जा रहा है.

बंसल ने कहा 6 फ़ीसदी किसानों को देश में एमएसपी मिल पा रहा है. खुले बाजार की परंपरा शुरू होने के बाद किसान को एमएससी नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि विकसित राष्ट्रों का उदाहरण हमारे सामने है. किसानों की दुर्दशा किस तरह की जा रही है. कृषि अध्यादेशों के मुद्दे पर हम पूरी तरह किसानों के साथ है.

सरकार के खिलाफ खोलेंगे मोर्चा- बंसल

विवेक बंसल ने कहा कि हरियाणा कांग्रेस का बिलों के विरोध में कार्यक्रम जारी किया. 28 सितंबर को चंडीगढ़ में हरियाणा कांग्रेस भवन से मार्च करके हरियाणा राज्यपाल को मांग पत्र सौंपेगे. 2 अक्टूबर को सभी विधानसभा क्षेत्रों में विरोध करेंगे और साथ ही शास्त्री जी और गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर आंदोलन करेंगे. कांग्रेस बिलों के विरोध में हस्ताक्षर अभियान भी चलाएगी. वहीं10 अक्टूबर को कांग्रेस किसान सम्मेलन करेगी.

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