चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने और गरीब व जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा मुहैया करवाने के उद्देश्य से शुरू की गई ई-अधिगम योजना पूरी तरह से कारगर सिद्ध हो रही है. सीएम ने कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश में अब तक साढ़े 5 लाख विद्यार्थियों को टैबलेट दिए जा चुके हैं. इसके साथ ही हर दिन 2जीबी इंटरनेट डाटा भी मुफ्त दिया जा रहा है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना बनाई, जो पूरे भारत में स्कूल शिक्षा में पहली योजना है. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार की ई-अधिगम पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी.
मुख्यमंत्री ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ई-अधिगम योजना के तहत टैबलेट प्राप्त करने वाले बच्चों तथा उनके अभिभावकों से सीधा संवाद कर रहे थे. संवाद के दौरान टैबलेट प्राप्त करने वाले स्कूली विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की पहल करके मुख्यमंत्री ने गरीब बच्चों को भी ऊंचे सपने देखने का हौसला दिया है.
आज हम भी ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कर पा रहे हैं, तो यह केवल हरियाणा सरकार की बदौलत मुमकिन हुआ है. विद्यार्थियों ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब स्कूल पूरी तरह से बंद हो गए थे, तब उन्हें ऐसा लगता था कि वह शिक्षा से वंचित रह जाएंगे, लेकिन बच्चों को मुफ्त टैबलेट देने के मुख्यमंत्री के इस प्रयास से हमें न केवल शिक्षा प्राप्त हुई, बल्कि आज हम प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयारी कर पा रहे हैं.
कोविड-19 महामारी के इस दौर में हमें जरूरत महसूस हुई कि प्रदेश के विद्यार्थियों के पास डिजिटल डिवाइस होना वर्तमान युग की आवश्यकता है. इसलिए राज्य सरकार ने विद्यार्थियों को टैबलेट प्रदान करने का निर्णय लिया, इसी दिशा में 5 मई, 2022 को रोहतक में ई-अधिगम योजना का शुभारंभ करते हुए विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किये गए.
'टैबलेट से नए अवसरों की भी होगी प्राप्ति': मुख्यमंत्री ने इस दौरान विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वे इस टैबलेट का अधिक से अधिक उपयोग करें. उन्होंने कहा कि ये टैबलेट से बच्चों के कौशल का विकास करने के साथ-साथ विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में भी उनकी सहायता मिल रही है. इसके अलावा उन्हें नए अवसरों की प्राप्ति भी होगी. उन्होंने कहा कि शिक्षा में सूचना तकनीक के उपयोग के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र तो पूरी दुनिया के दरवाजे आपके लिए खुल जाएंगे.
मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के इसी विचार पर चलते हुए हमने प्रदेश में ऐसी व्यवस्था बनानी थी, जो स्थायी हो, सहज सुलभ हो, जिसमें लर्निंग मैनेजमेंट के माध्यम से पाठ्यक्रम चले, कौशल ग्रहण भी हो. इसमें अध्यापक और विद्यार्थी के मध्य दो तरफा संवाद हो. यह तभी संभव है यदि सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों को ई-लर्निंग के उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं. इसलिए हम शिक्षण में प्रौद्योगिकी और ई-लर्निंग के उपयोग को प्रोत्साहित करने पर बल दे रहे हैं.
मई 2023 के अंत तक 60% छात्र और शिक्षक टैबलेट का करें उपयोग: सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 37,370 अध्यापकों को भी टैबलेट प्रदान किएहैं, ताकि उन्हें भी बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने की सुविधा हो. सरकार ने नए शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में टैबलेट के वितरण के लिए एस.ओ.पी. तैयार की है. इसके लिए स्कूलों की ओर से कार्रवाई शुरू कर दी गई है. सरकार का लक्ष्य है कि मई, 2023 के अंत तक कम से कम 60 प्रतिशत छात्र और शिक्षक टैबलेट का उपयोग करें.
हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को वर्ष 2025 तक लागू करने का रखा लक्ष्य: सीएम मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को वर्ष 2025 तक पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य रखा है. इस नीति का एक उद्देश्य विद्यार्थियों का कौशल विकास करना है. हरियाणा के विद्यार्थियों को यदि 21 वीं सदी के कौशलों में दक्ष बनाना है तो यह तभी संभव है यदि उन्हें पर्सनल डिजिटल डिवाइस उपलब्ध करवाये जाएं. उन्होंने कहा कि इस समय दुनिया में स्कूल शिक्षा में कुल 6 से 7 देश ऐसे हैं, जो ब्रिंग योर ओन डिवाइस के नाम से इस योजना को चला रहे हैं. लेकिन, हरियाणा सरकार ने बच्चों को डिवाइस उपलब्ध करवाकर देश में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना स्थान बनाया है.
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