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मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत हजारों किसानों ने छोड़ी धान की फसल: कृषि मंत्री

हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने जानकारी दी कि मेरा पानी मेरी विरासत योजना (mera pani meri virasat yojana) के तहत हरियाणा में साल 2021 में 32 हजार 196 किसानों ने धान की फसल को छोड़ कर अन्य फसलों की बुआई की है.

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मेरा पानी मेरी विरासत योजना
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Published : Jan 21, 2022, 9:29 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की ओर से चलाई गई मेरा पानी मेरी विरासत योजना के परिणाम आने लगे हैं. हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल (Haryana Agriculture Minister Jp Dalal) ने जानकारी दी कि किसानों का रुझान धान जैसी अधिक पानी से तैयार होने वाली फसलों की बजाय अन्य फसलों की ओर बढ़ा है. कृषि मंत्री के मुताबिक हरियाणा में बाजरे जैसे बाहुल्य जिलों में दलहन और तिलहन का रकबा बढ़ा है.

उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 37 लाख एकड़ में धान की खेती की जाती है जो गिरते भू-जल स्तर का मुख्य कारण है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत धान के स्थान पर कम पानी से तैयार होने वाली अन्य वैकल्पिक फसलों को अपनाने पर किसानों को सात हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने की शुरूआत की गई और वर्ष 2021 में इस योजना के तहत 32 हजार 196 किसानों ने 51 हजार 874 एकड़ क्षेत्र में धान के स्थान पर अन्य फसलों की बुआई की. वहीं 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का लाभ लिया.

ये भी पढ़ें- जज्बे को सलाम! रिटायर होने के बाद भी सालों से कर रहे शहीदों के परिवारों की मदद, दर्जनों युवाओं को दिलवाया सेना में स्थान

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि इतना ही नहीं बाजरा बाहुल्य जिलों में भी इस योजना के प्रति किसानों का रुझान देखने को मिला. प्रदेश के 18 जिलों में 12 हजार 819 किसानों ने 20 हजार 562 एकड़ क्षेत्र में तिलहन व दलहन की फसलों की बुआई की. चार हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि का लाभ उठाया. उन्होंने बताया कि इसी प्रकार जीरो टीलेज बिजाई मशीन से 7131 किसानों ने 14 हजार 235 एकड़ क्षेऋ में धान की सीधी बिजाई की. जिसके लिए किसानों को पांच हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी गई.

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चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की ओर से चलाई गई मेरा पानी मेरी विरासत योजना के परिणाम आने लगे हैं. हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल (Haryana Agriculture Minister Jp Dalal) ने जानकारी दी कि किसानों का रुझान धान जैसी अधिक पानी से तैयार होने वाली फसलों की बजाय अन्य फसलों की ओर बढ़ा है. कृषि मंत्री के मुताबिक हरियाणा में बाजरे जैसे बाहुल्य जिलों में दलहन और तिलहन का रकबा बढ़ा है.

उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 37 लाख एकड़ में धान की खेती की जाती है जो गिरते भू-जल स्तर का मुख्य कारण है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत धान के स्थान पर कम पानी से तैयार होने वाली अन्य वैकल्पिक फसलों को अपनाने पर किसानों को सात हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने की शुरूआत की गई और वर्ष 2021 में इस योजना के तहत 32 हजार 196 किसानों ने 51 हजार 874 एकड़ क्षेत्र में धान के स्थान पर अन्य फसलों की बुआई की. वहीं 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का लाभ लिया.

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कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि इतना ही नहीं बाजरा बाहुल्य जिलों में भी इस योजना के प्रति किसानों का रुझान देखने को मिला. प्रदेश के 18 जिलों में 12 हजार 819 किसानों ने 20 हजार 562 एकड़ क्षेत्र में तिलहन व दलहन की फसलों की बुआई की. चार हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि का लाभ उठाया. उन्होंने बताया कि इसी प्रकार जीरो टीलेज बिजाई मशीन से 7131 किसानों ने 14 हजार 235 एकड़ क्षेऋ में धान की सीधी बिजाई की. जिसके लिए किसानों को पांच हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी गई.

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