चंडीगढ़: कोरोना की कथित गलत रिपोर्ट देने पर हरियाणा सरकार की ओर से गुरुग्राम की एसआरएल लैब के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है. केस दर्ज करने के हरियाणा सरकार के फैसले को लैब ने पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में चुनौती दी है.
लैब संचालकों की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि लैब पर झूठे आरोप लगाए गए हैं. लैब की ओर से दाखिल की गई याचिका के बाद हाइकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि पुलिस इस मामले की जांच जारी रख सकती है.
क्या है मामला?
दरअसल, अप्रैल महीने में एसआरएल लैब में कोरोना जांच के लिए कुछ सैंपल भेजे गए थे. इनमें अंबाला के एक परिवार के तीन सदस्यों के भी सैंपल थे. लैब ने तीनों सदस्यों के सैंपल कोरोना पॉजिटिव बताए थे. अंबाला के सीएमओ डॉ. कुलदीप को जब रिपोर्ट पर संदेह हुआ तो उन्होंने सैंपल फिर से लेकर जांच के लिए भेजे. जिसके बाद तीनों के सैंपल करनाल की सरकारी लैब में जांचे गए, जहां रिपोर्ट नेगेटिव मिली.
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पूरे मामले से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को भी अवगत कराया गया. 24 अप्रैल 2020 को इस मामले की जांच के आदेश दिए गए. स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक कमेटी गठित की गई. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार करके विभाग के आला अधिकारियों को सौंप दी. इसमें साफतौर पर कहा गया है कि कोरोना के सैंपलों की जांच में लापरवाही की गई है, इसलिए कानूनी कार्रवाई की जाए.
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गुरुग्राम के सीएमओ डॉ. वीरेंद्र यादव ने लैब के खिलाफ गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर केके राव को पत्र लिखा और एफआईआर करने की सिफारिश की. पुलिस कमिश्नर के आदेशों के बाद सेक्टर-18 पुलिस थाना में एसआरएल लैब के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.