चंडीगढ़: 35 साल पहले शुरू हुआ गुलदाउदी शो इस बार चंडीगढ़ में आयोजित नहीं किया जाएगा. कोरोना संक्रमण को देखते हुए चंडीगड़ नगर निगम ने इस साल ये आयोजन नहीं करने का फैसला लिया है. 35 साल में ये तीसरा मौका है जब गुलदाउदी शो को रद्द किया गया है.
बता दें कि 1985 में शुरू हुआ गुलदाउदी शो हर साल दिसंबर माह में आयोजित करवाया जाता है. गुलदाउदी की लगभग 250 से ज्यादा प्रजातियां देखने के लिए भीड़ उमड़ती है. इस दौरान निगम की तरफ से विभिन्न प्रतियोगिताएं भी करवाई जाती हैं. पौधों और फूलों से प्रेम करने वाले लोग इस प्रतियोगिता में शामिल होते हैं.
जानें कब आयोजित नहीं हुआ गुलदाउदी शो
1987 तक चंडीगढ़ के लेजरवैली पार्क में ही इस शो का आयोजन किया जाता था. उसके बाद इस शो को सेक्टर 33 के टैरेस गार्डन में स्थानांतरित किया गया. उस दौरान बारिश इतनी ज्यादा हो गई कि इस शो का आयोजन नहीं करवाया जा सका. साल 1998 में भी मौसम ने अड़चन डाली. वहीं कुछ राजनीतिक विवाद के कारण भी ये शो नहीं हो सका था. अब इस कड़ी में 2020 भी जुड़ गया है.
इस बार रोज फेस्टिवल के आयोजन पर भी संशय
कोरोना महामारी के कारण 49 साल बाद रोज फेस्टिवल के आयोजन पर भी संशय बना हुआ है. साल 1970 से शुरू हुआ रोज फेस्टिवल भी इस बार कोरोना महामारी की भेंट चढ़ सकता है. निगम अधिकारियों का कहना है कि गुलदाउदी शो के बाद रोज फेस्टिवल होने की उम्मीद भी लगभग न के बराबर है. इससे पहले एक बार रोज फेस्टिवल का आयोजन नहीं हो सका था. रोज फेस्टिवल में गुलाब की 800 से ज्यादा प्रजाति देखने को मिलती हैं. चंडीगढ़ के लिए ये एक उत्सव की तरह होता है.
शो में मिलते हैं ये पुरस्कार
गुलदाउदी शो में किंग ऑफ द शो, क्वीन ऑफ द शो, प्रिंस ऑफ द शो, प्रिंसेज ऑफ द शो के अलावा बेस्ट फ्लावर ऑफ द शो के पुरस्कार दिए जाते हैं.
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गुलदाउदी की ये प्रजातियां हैं खास
रेड वाइन, डेकोरेटिव पिंग, सुपर ग्लो, किकू ब्लोकी, कोका सूजन, महात्मा गांधी, कस्तूरबा गांधी, मिस इंडिया, स्नो बॉल, चंद्रमा, सन, गोल्डन जुबली, सिल्वर जुबली, राजा, कवर गर्ल, सोनार बंगला, सिल्क वरोकल, ड्रीम कैस्टल.