चंडीगढ़: हरियाणा में टैक्स करदाताओं व अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए जीएसटी ट्रिब्यूनल (GST Tribunal established in Haryana) बनेगा. इसके मार्च तक शुरू होने की उम्मीद है. इसके लिए जीएसटी काउंसिल को सिफ़ारिश की जा चुकी है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि जीएसटी संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए हिसार व गुरुग्राम में 2 जॉइंट ईटीसी रेंज अपील कार्यालय (Joint ETC Range Appeal Office ) खोले जाएंगे.
इसके साथ ही सीएम ने प्रदेश के प्रत्येक जिले में टैक्स संबंधी विषयों से जुड़ी पुस्तकों की लाइब्रेरी खोलने की भी घोषणा की. यह लाइब्रेरी डीआईटीसी कार्यालय परिसर में खोली जाएगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल बुधवार को गुरुग्राम में थे. आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा हरियाणा टैक्स बार एसोसिएशन के सहयोग से प्रदेश में पहली बार हुए एक दिवसीय कर संवाद कार्यक्रम में सीएम बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे.
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की. इस दौरान हरियाणा टैक्स बार एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों के साथ टैक्स संबंधी विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई. इस कार्यक्रम में हरियाणा स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा करनाल की टैक्स बार एसोसिएशन के प्रधान के अलावा अधिवक्ताओं ने भाग लिया. इस दौरान उन्होंने टैक्स को लेकर आ रही समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. लगभग दो घंटे तक चले इस संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के अलावा उच्च अधिकारियों ने जीएसटी तथा वैट विवाद को लेकर उनके संशयों को दूर किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जीएसटी संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए करदाताओं, अधिवक्ताओं व आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों को साझा मंच प्रदान करते हुए मंडल स्तर पर जीएसटी आमने-सामने शुरू किया जाएगा. शुरुआती स्तर पर इसे प्रदेश के सभी 6 मंडलों अंबाला, करनाल, रोहतक, हिसार, गुरुग्राम, फरीदाबाद में शुरू किया जाएगा. जिसमें हर महीने में एक बार करदाता, टैक्स अधिवक्ता व अधिकारी मिलकर टैक्स संबंधी समस्याओं का निवारण करेंगे.
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मुख्यमंत्री ने जीएसटी के लिए वॉलंटरी रजिस्ट्रेशन को बढ़ावा देने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि एक साल में सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन करवाने वाले तीन अधिवक्ताओं को सम्मानित किया जाएगा. इसके साथ ही डीआईटीसी कार्यालय परिसर में टैक्स बार एसोसिएशन के बैठने के लिए वहीं पर कैंटीन की सुविधा युक्त प्रतीक्षा हॉल भी बनाया जाएगा. जहां टैक्स संबंधी सुनवाई के लिए कार्यालय में आने वाले टैक्स अधिवक्ता अपने करदाताओं के साथ बैठकर विचार-विमर्श कर सकेंगे. उन्होंने हरियाणा टैक्स बार एसोसिएशन व हरियाणा स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन के माध्यम से प्रदेश के सभी टैक्स अधिवक्ताओं से आह्वान किया कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में वॉलंटरी रजिस्ट्रेशन करवाने में सहयोग करें.
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इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी आने के बाद लोगों को इसे समझने में काफी समय लगा. ऐसे में वैट कलेक्शन का विषय भी गंभीर रहा. वैट से जुड़े विषयों की पेंडेंसी को क्लियर करने के लिए सरकार ने प्रयास किए हैं. साल दर साल के क्रम में इसकी पेंडेंसी को कम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वह मैन्युअल समय था, आज डिजिटल समय है. इसके डिजिटलीकरण के लिए काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इसके लिए व्यवस्था बनाई जाएगी, जिसमें फर्स्ट इन-फर्स्ट आउट की प्रक्रिया के तहत सबसे पुरानी डेट की पेंडेंसी को पहले क्लियर किया जाएगा.