चंडीगढ़: बुधवार यानी 6 नवंबर को हरियाणा-पंजाब का ऐतिहासिक ज्वाइंट विधानसभा का सत्र हुआ. जिसमें नशे को लेकर हरियाणा और पंजाब की सरकार गंभीर नजर आई. हरियाणा में नशे पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने पंजाब की तर्ज पर एसटीएफ के गठन का फैसला किया है.
नशे के खिलाफ सरकार सख्त
हरियाणा सरकार ने फैसला किया है कि मादक पदार्थों के खिलाफ सुनियोजित ढंग से लड़ाई लड़ी जाएगी. नशामुक्ति केंद्रों और पुनर्वास से जुड़ी सेवाओं का विस्तार किया जाएगा. साथ ही मादक पदार्थों की बिक्री और वितरण करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी.
विशेष टास्क फोर्स का होगा गठन
सरकार ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग को नियंत्रित करने और रोकने के लिए व्यापक कार्य योजना बनाने का फैसला किया है. इसे अंजाम देने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा और मजबूत खुफिया नेटवर्क तैयार किया जाएगा. विशेष टास्क फोर्स की कमान एडीजीपी स्तर के अधिकारी के हाथ में होगी और उनके साथ सीनियर पुलिस अधिकारी काम करेंगे.
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खुफिया नेटवर्क किया जाएगा तैयार
पड़ोसी राज्य पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सत्ता में आने पर नशा तस्करों की कमर तोड़ने के लिए एसटीएफ का गठन कर चुके हैं. इसी की तर्ज पर अब हरियाणा में भी नशे के खिलाफ एसटीएफ का गठन किया जाएगा.
फतेहाबाद और सिरसा में बढ़ रहा है नशा
बता दें कि फतेहाबाद और सिरसा की सीमा पंजाब से मिलती है. इसलिए हरियाणा के इन दो जिलों में नशा बढ़ता जा रहा है. कैथल जिले में भी नशा धीरे-धीरे पैर पसार रहा है. जिसपर अब सरकार गंभीर नजर आ रही है.