चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने रजिस्ट्री मामले में गंभीरता दिखाते हुए पानीपत, कैथल रोड और करनाल में कार्यरत 34 तहसीलदार और नायब तहसीलदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. साथ ही 16 रजिस्ट्री क्लर्क और 57 पटवारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने बिना एनओसी के 9,774 जगहों की रजिस्ट्रियां कर (registry without NOC in Haryana) दी, जबकि यह भूमि कृषि संबंधित थी.
इस मामले पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने कहा कि राजस्व विभाग के 232 कर्मचारियों-अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. 7-ए का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. 22 क्लर्कों, 176 पटवारियों, 34 तहसीलदार-नायब तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. इसकी गलत ढंग से रजिस्ट्री करने की शिकायतें मिली थी. गड़बड़ी मिलने पर भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेंगी.
गौरतलब है कि किसी भी भूमि की रजिस्ट्री बिना एनओसी के नहीं की जा सकती. बताया जा रहा है कि यह सभी रजिस्ट्रियां 3 अप्रैल 2017 से लेकर 13 अगस्त 2021 के बीच की गई हैं. बिना एनओसी के रजिस्ट्री करना गैर कानूनी है. साथ ही इतनी रजिस्ट्रियां करने से सरकार को बड़े राजस्व का घाटा भी हुआ है. इसलिए अब सरकार सभी आरोपियों पर कार्रवाई करने जा रही है. कार्रवाई के तहत कई अधिकारियों और कर्मचारियों को बर्खास्त भी किया जा सकता (action against Tehsildar and Naib Tehsildar in Haryana) है.
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बता दें कि संपत्तियों के मामले में एनओसी बेहद जरूरी चीज है. एनओसी होने से ना सिर्फ सरकार को राजस्व प्राप्त होता है बल्कि अन्य कई लाभ होते हैं. जैसे प्रदेश सरकार ने अवैध कॉलोनियों को पनपने से रोकने के लिए किसी भी रजिस्ट्री से पहले एनओसी हासिल करना अनिवार्य किया हुआ है. इस एनओसी में डीटीपी ऑफिस बाकायदा जमीन के प्रयोग के बारे में जानकारी देते हुए रजिस्ट्री करने या न करने की इजाजत देता है. ऐसे में भ्रष्ट अपसरों द्वारा बिना एनओसी के रजिस्ट्रियां करने वाले सरकारी नुमाइंदों पर सरकार ठोस कदम उठाने जा रही है.
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