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हरियाणा की मंडियों में नहीं हो पा रही फसल खरीद, व्यापारियों को नहीं मालूम ये नए नियम कानून

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Published : Apr 2, 2021, 6:37 PM IST

Updated : Apr 2, 2021, 10:29 PM IST

गुरुवार को हरियाणा की अनाज मंडियों में सरकारी खरीद शुरू हो गई, लेकिन दो दिन होने पर भी सरकारी फसल खरीद प्रक्रिया सही ढंग से नहीं चल रही है, पहले दिन प्रदेशभर में सिर्फ दस हजार टन गेहूं की आवक हुई, हैरान करने वाली बात है कि इतने कम आवक के बाद भी सिर्फ दस फीसदी फसल की सरकारी खरीद की गई.

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मंडियों में नहीं हो पा रही फसल खरीद, व्यापारियों को नहीं मालूम ये नए नियम कानून

चंडीगढ़: शुक्रवार का दिन हरियाणा की अनाज मंडियों में फसल खरीद का दूसरा दिन रहा, लेकिन फसल खरीद प्रक्रिया में सरकारी बदलाव और कई तकनीकि खामियों की वजह से प्रदेशभर में अभी तक फसल खरीद प्रभावी ढंग से नहीं हो पा रही है. हरियाणा में पहेल दिन फसल खरीद की बात करें तो हरियाणा की मंडियों में 10 हजार टन गेहूं आया, लेकिन खरीद दस फीसदी यानी एक हजार टन की ही हुई, इतनी कम खरीदारी होने के पीछे कई बड़े वजह सामने आ रहे हैं.

किसान और आढ़तियों का कनेक्शन ब्रेक

इस बार हरियाणा सरकार ने फसल खरीद प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव किए हैं, हालांकि सरकार का कहना है कि इन बदलावों से फसल खरीद प्रक्रिया किसानों के लिए ज्यादा सुविधाजनक और लाभकारी होगा. इन बदलावों में सबसे बड़ी बात ये है कि अब फसल की खरीद पर आढ़तियों को उनकी आढ़त राज्‍य सरकार देगी और इसे किसानों के भुगतान से नहीं काटा जाएगा, लेकिन सरकारी दावों पर प्रदेशभर के व्यापारी और किसान संगठन असहमत दिख रहे हैं.

हरियाणा की मंडियों में नहीं हो पा रही फसल खरीद, देखिए वीडियो

ये भी पढ़ें- फसल खरीद के साथ आढ़तियों को सरकार ने दी ये बड़ी राहत

सरसों का सरकारी रेट बाजार से कम

सरसों किसान इस बार सरकारी खरीद में रूची नहीं दिखा रहे हैं, किसानों का कहना है कि उन्हें मंडियों से बाहर अच्छे भाव मिल रहे हैं, इसलिए वो सरकारी दामों पर अपनी फसल नहीं बेचेंगे. सिरसा की मंडी में सरसों लेकर पहुंचे किसानों का कहना है कि कुछ दिनों पहले इसी फसल का दम 56 या 5,700 रुपए प्रति किवंटल मिल रहा था, लेकिन आज 4,600 के आसपास मिल रहा है. उनका कहना है कि हमें सरकारी खरीद से कोई मतलब नहीं है, हमें जहां हमारी फसल के अच्छे दाम मिलेंगे हम अपनी फसल वहीं बेचेंगे.

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बड़ी बाधा!

सरकार ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कहा है और अगर किसानों का इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं होगा तो वे अपनी फसल अनाज मंडी में नहीं बेच सकेंगे. हालांकि, अभी तक कई किसानों ने इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, ऐसे में उन्हें दिक्कत हो सकती है.

ये भी पढ़िए: सरकार की किसानों को बड़ी राहत, इस तारीख तक फसल का ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं किसान

किसानों को उनकी फसल मंडी में लाने के लिए समय के बारे में उनके मोबाइल फोन पर सूचना दी जाएगी. फसलों का समय पर भुगतान हो, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को किसानों और आढ़तियों के खातों को सत्यापित करने के निर्देश दिए हैं.

  • प्रदेशभर की मंडियों में कैसा रहा पहले दिन का हाल?

गोहाना: व्यापारियों को नहीं मिली फसल खरीद की जानकारी

सरकारी नियमों के बदलने की वजह से प्रदेश की बहुत सी मंडियों में पहले दिन फसल खरीद प्रक्रिया शुरू ही नहीं हुई. गोहाना के व्यापारियों का कहना था कि गेहूं की फसल की खरीद पहले दिन से शुरू नहीं हुई है, क्योंकि मार्केट कमेटी प्रशासन ने अभी तक खरीद करने के लिए कोई जानकारी नहीं दी है. ये भी जानकारी मुहैया नहीं करवाई गई है कि किस तरीके से खरीद होनी है.

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जगाधरी अनाज मंडी में पहले दिन हुई सिर्फ 15 क्विंटल गेहूं की खरीद

ये भी पढ़ें: गोहाना: फसल खरीद प्रक्रिया की प्रशासन ने नहीं दी व्यापारियों को जानकारी, पहले दिन नहीं हुई खरीदारी

नूंह: अनाज मंडी में पहले दिन नहीं दिखी रौनक

नूंह जिले में सरसों की फसल के भाव सरकारी खरीद से ज्यादा होने की वजह से सरकारी खरीद के पहले दिन यानी कि 1 अप्रैल को अनाज मंडियों में खास रौनक देखने को नहीं मिली है. हालांकि दर्जनों किसान अपने ट्रैक्टर- ट्रॉली में गेहूं की फसल को लेकर जिला मुख्यालय नूंह की अनाज मंडी में जरूर पहुंचे, लेकिन ये पिछले सालों के मुताबिक बहुत कम है.

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नूंह की अनाज मंडी से गायब रही रौनक

चरखी दादरी- सरसों की सरकारी रेट कम होने से नाराज आढती

चरखी दादरी में ना सरकारी खरीद शुरू हो पाई और ना ही किसान अपनी फसल लेकर मंडी पहुंचे. सरकारी रेट से ज्यादा भाव मिलने के कारण किसान मंडी से बाहर ही अपनी सरसों की फसल बेच रहे हैं. ऐसे में आढ़तियों का आरोप है कि मंडी अधिकारियों की मिलीभगत के चलते तेल मिल मालिक बाहर से ही सरसों खरीदकर सरकार को मार्केट फीस और जीएसटी की लाखों रुपये की चपत लगा रहे हैं.

government procurement not started dadri
दादरी में सरकारी खरीद के दावे हुए हवा, किसानों को ना अधिकारी मिले और ना खरीद एजेंसी

ये भी पढ़ें- दादरी में सरकारी खरीद के दावे हुए हवा, किसानों को ना अधिकारी मिले और ना खरीद एजेंसी

जगाधरी में गेहूं की फसल ही नहीं हुई तैयार

यमुनानगर की जगाधरी अनाज मंडी में पहले दिन केवल 15 क्विंटल गेहूं ही पहुंची, क्योंकि जिले में अभी गेहूं पूरी तरह पककर तैयार नहीं हुई है. जिस वजह से पहले दिन इतनी कम मात्रा में गेहूं की आवक हुई. हालांकि मंडी पहुंचे किसान ने बताया कि उसे फसल बेचने में किसी तरह की कोई समस्या नहीं आई है. उसकी फसल पककर तैयार हो गई थी, जिसे लेकर वो मंडी में पहुंचा और उसे गेट पास मिल गया था और आसानी से उसकी फसल बिक गई.

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जगाधरी अनाज मंडी में पहले दिन हुई सिर्फ 15 क्विंटल गेहूं की खरीद

ये भी पढ़ें: आज गेहूं की सरकारी खरीद का दूसरा दिन, शाहबाद मंडी में पहले दिन हुई 80 क्विंटल खरीद

इंद्री: मंडी पहुंचे सिर्फ दो किसान, नहीं हुई खरीदारी

करनाल के इंद्री अनाज मंडी में पहले दिन गेहूं फसल खरीद ना होने से किसानों में नाराजगी देखी गई. वैसे पहले दिन इंद्री अनाज मंडी में सिर्फ दो किसान गेहूं की फसल को लेकर अनाज मंडी में पहुंचे, लेकिन खाद्य आपूर्ति विभाग की तरफ से कोई भी अधिकारी गेहूं की खरीद करने के लिए मंडी में नहीं पहुंचा. जिसके चलते गेहूं की खरीद ना हो सकी.

इंद्री अनाज मंडी लेटेस्ट न्यूज
इंद्री: मंडी में गेहूं लेकर पहुंचे किसान, फसल की खरीद ना होने से किसानों में रोष

सिरसा: प्राइवेट में सरसों की फसल बेच रहे हैं किसान

सिरसा मंडी में भी पहले दिन सरकारी खरीद नहीं हुई. मंडी में सरसों की फसल लेकर पहुंचे किसानों का कहना है कि मंडी में सरकारी खरीद नहीं हो रही है और सरकारी खरीद के बारे में हमें कोई सूचना नही दी गई है.

sirsa grain market crop purchase
मंडी में आए किसानों ने कहा- जहां हमें अच्छे दाम मिलेंगे हम वहीं बेचेंगे अपनी फसल

किसानों ने बताया कि हम आज सरसों की फसल लेकर आए हैं और हमने अपनी फसल प्राइवेट खरीद के हिसाब से बेची है. उन्होंने बताया की सरकारी खरीद आज शुरू हो गई है लेकिन हमने अपनी फसल को प्राइवेट खरीद पर ही बेचा है.

होडल: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद भी नहीं पहुंचे किसानों को मैसेज

होडल की अनाज मंडी में पहले दिन से गेहूं की आवक शुरू हो गई है. पलवल की मंडी में ज्यादा आवक ना आने का कारण पोर्टल को बताया जा रहा है. किसानों का कहना है कि पंजीकरण के बाद भी उनके पास कोई मैसेज नहीं आया है, जबकि उनकी फसल कट चुकी है.

procurement wheat Hodal grain market
होडल की अनाज मंडी में गेहूं और सरसों की आवक शुरू, पहले दिन कम रही किसानों की संख्या

वहीं मार्किट कमेटी ने किसानों को खरीद के दौरान किसी भी शिकायत व सुझाव के लिए टोल फ्री नंबर 18001802060 जारी किया है, जिसपर सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक कामकाज के दिन सम्पर्क किया जा सकता है.

फसल खरीद के पहले दिन प्रदेशभर की मंडियों में करीब-करीब एक जैसी ही तस्वीरें देखने को मिलीं. इन सभी समस्याओं के अलवा प्रदेशभर की मंडियों से किसानों और व्यापारियों की तरफ से अव्यवस्था की भी शिकायत देखने को मिली. ज्यादातर मंडियों में शौचालय और पीने की पानी की व्यवस्था को लेकर कमीं देखने को मिली. वहीं प्रदेश की मंडियों में साफ-सफाई नहीं होना भी बड़ी समस्या है.

चंडीगढ़: शुक्रवार का दिन हरियाणा की अनाज मंडियों में फसल खरीद का दूसरा दिन रहा, लेकिन फसल खरीद प्रक्रिया में सरकारी बदलाव और कई तकनीकि खामियों की वजह से प्रदेशभर में अभी तक फसल खरीद प्रभावी ढंग से नहीं हो पा रही है. हरियाणा में पहेल दिन फसल खरीद की बात करें तो हरियाणा की मंडियों में 10 हजार टन गेहूं आया, लेकिन खरीद दस फीसदी यानी एक हजार टन की ही हुई, इतनी कम खरीदारी होने के पीछे कई बड़े वजह सामने आ रहे हैं.

किसान और आढ़तियों का कनेक्शन ब्रेक

इस बार हरियाणा सरकार ने फसल खरीद प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव किए हैं, हालांकि सरकार का कहना है कि इन बदलावों से फसल खरीद प्रक्रिया किसानों के लिए ज्यादा सुविधाजनक और लाभकारी होगा. इन बदलावों में सबसे बड़ी बात ये है कि अब फसल की खरीद पर आढ़तियों को उनकी आढ़त राज्‍य सरकार देगी और इसे किसानों के भुगतान से नहीं काटा जाएगा, लेकिन सरकारी दावों पर प्रदेशभर के व्यापारी और किसान संगठन असहमत दिख रहे हैं.

हरियाणा की मंडियों में नहीं हो पा रही फसल खरीद, देखिए वीडियो

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सरसों का सरकारी रेट बाजार से कम

सरसों किसान इस बार सरकारी खरीद में रूची नहीं दिखा रहे हैं, किसानों का कहना है कि उन्हें मंडियों से बाहर अच्छे भाव मिल रहे हैं, इसलिए वो सरकारी दामों पर अपनी फसल नहीं बेचेंगे. सिरसा की मंडी में सरसों लेकर पहुंचे किसानों का कहना है कि कुछ दिनों पहले इसी फसल का दम 56 या 5,700 रुपए प्रति किवंटल मिल रहा था, लेकिन आज 4,600 के आसपास मिल रहा है. उनका कहना है कि हमें सरकारी खरीद से कोई मतलब नहीं है, हमें जहां हमारी फसल के अच्छे दाम मिलेंगे हम अपनी फसल वहीं बेचेंगे.

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बड़ी बाधा!

सरकार ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कहा है और अगर किसानों का इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं होगा तो वे अपनी फसल अनाज मंडी में नहीं बेच सकेंगे. हालांकि, अभी तक कई किसानों ने इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, ऐसे में उन्हें दिक्कत हो सकती है.

ये भी पढ़िए: सरकार की किसानों को बड़ी राहत, इस तारीख तक फसल का ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं किसान

किसानों को उनकी फसल मंडी में लाने के लिए समय के बारे में उनके मोबाइल फोन पर सूचना दी जाएगी. फसलों का समय पर भुगतान हो, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को किसानों और आढ़तियों के खातों को सत्यापित करने के निर्देश दिए हैं.

  • प्रदेशभर की मंडियों में कैसा रहा पहले दिन का हाल?

गोहाना: व्यापारियों को नहीं मिली फसल खरीद की जानकारी

सरकारी नियमों के बदलने की वजह से प्रदेश की बहुत सी मंडियों में पहले दिन फसल खरीद प्रक्रिया शुरू ही नहीं हुई. गोहाना के व्यापारियों का कहना था कि गेहूं की फसल की खरीद पहले दिन से शुरू नहीं हुई है, क्योंकि मार्केट कमेटी प्रशासन ने अभी तक खरीद करने के लिए कोई जानकारी नहीं दी है. ये भी जानकारी मुहैया नहीं करवाई गई है कि किस तरीके से खरीद होनी है.

government procurement rabi crops yamunanagar
जगाधरी अनाज मंडी में पहले दिन हुई सिर्फ 15 क्विंटल गेहूं की खरीद

ये भी पढ़ें: गोहाना: फसल खरीद प्रक्रिया की प्रशासन ने नहीं दी व्यापारियों को जानकारी, पहले दिन नहीं हुई खरीदारी

नूंह: अनाज मंडी में पहले दिन नहीं दिखी रौनक

नूंह जिले में सरसों की फसल के भाव सरकारी खरीद से ज्यादा होने की वजह से सरकारी खरीद के पहले दिन यानी कि 1 अप्रैल को अनाज मंडियों में खास रौनक देखने को नहीं मिली है. हालांकि दर्जनों किसान अपने ट्रैक्टर- ट्रॉली में गेहूं की फसल को लेकर जिला मुख्यालय नूंह की अनाज मंडी में जरूर पहुंचे, लेकिन ये पिछले सालों के मुताबिक बहुत कम है.

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नूंह की अनाज मंडी से गायब रही रौनक

चरखी दादरी- सरसों की सरकारी रेट कम होने से नाराज आढती

चरखी दादरी में ना सरकारी खरीद शुरू हो पाई और ना ही किसान अपनी फसल लेकर मंडी पहुंचे. सरकारी रेट से ज्यादा भाव मिलने के कारण किसान मंडी से बाहर ही अपनी सरसों की फसल बेच रहे हैं. ऐसे में आढ़तियों का आरोप है कि मंडी अधिकारियों की मिलीभगत के चलते तेल मिल मालिक बाहर से ही सरसों खरीदकर सरकार को मार्केट फीस और जीएसटी की लाखों रुपये की चपत लगा रहे हैं.

government procurement not started dadri
दादरी में सरकारी खरीद के दावे हुए हवा, किसानों को ना अधिकारी मिले और ना खरीद एजेंसी

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जगाधरी में गेहूं की फसल ही नहीं हुई तैयार

यमुनानगर की जगाधरी अनाज मंडी में पहले दिन केवल 15 क्विंटल गेहूं ही पहुंची, क्योंकि जिले में अभी गेहूं पूरी तरह पककर तैयार नहीं हुई है. जिस वजह से पहले दिन इतनी कम मात्रा में गेहूं की आवक हुई. हालांकि मंडी पहुंचे किसान ने बताया कि उसे फसल बेचने में किसी तरह की कोई समस्या नहीं आई है. उसकी फसल पककर तैयार हो गई थी, जिसे लेकर वो मंडी में पहुंचा और उसे गेट पास मिल गया था और आसानी से उसकी फसल बिक गई.

government procurement rabi crops yamunanagar
जगाधरी अनाज मंडी में पहले दिन हुई सिर्फ 15 क्विंटल गेहूं की खरीद

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इंद्री: मंडी पहुंचे सिर्फ दो किसान, नहीं हुई खरीदारी

करनाल के इंद्री अनाज मंडी में पहले दिन गेहूं फसल खरीद ना होने से किसानों में नाराजगी देखी गई. वैसे पहले दिन इंद्री अनाज मंडी में सिर्फ दो किसान गेहूं की फसल को लेकर अनाज मंडी में पहुंचे, लेकिन खाद्य आपूर्ति विभाग की तरफ से कोई भी अधिकारी गेहूं की खरीद करने के लिए मंडी में नहीं पहुंचा. जिसके चलते गेहूं की खरीद ना हो सकी.

इंद्री अनाज मंडी लेटेस्ट न्यूज
इंद्री: मंडी में गेहूं लेकर पहुंचे किसान, फसल की खरीद ना होने से किसानों में रोष

सिरसा: प्राइवेट में सरसों की फसल बेच रहे हैं किसान

सिरसा मंडी में भी पहले दिन सरकारी खरीद नहीं हुई. मंडी में सरसों की फसल लेकर पहुंचे किसानों का कहना है कि मंडी में सरकारी खरीद नहीं हो रही है और सरकारी खरीद के बारे में हमें कोई सूचना नही दी गई है.

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मंडी में आए किसानों ने कहा- जहां हमें अच्छे दाम मिलेंगे हम वहीं बेचेंगे अपनी फसल

किसानों ने बताया कि हम आज सरसों की फसल लेकर आए हैं और हमने अपनी फसल प्राइवेट खरीद के हिसाब से बेची है. उन्होंने बताया की सरकारी खरीद आज शुरू हो गई है लेकिन हमने अपनी फसल को प्राइवेट खरीद पर ही बेचा है.

होडल: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद भी नहीं पहुंचे किसानों को मैसेज

होडल की अनाज मंडी में पहले दिन से गेहूं की आवक शुरू हो गई है. पलवल की मंडी में ज्यादा आवक ना आने का कारण पोर्टल को बताया जा रहा है. किसानों का कहना है कि पंजीकरण के बाद भी उनके पास कोई मैसेज नहीं आया है, जबकि उनकी फसल कट चुकी है.

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होडल की अनाज मंडी में गेहूं और सरसों की आवक शुरू, पहले दिन कम रही किसानों की संख्या

वहीं मार्किट कमेटी ने किसानों को खरीद के दौरान किसी भी शिकायत व सुझाव के लिए टोल फ्री नंबर 18001802060 जारी किया है, जिसपर सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक कामकाज के दिन सम्पर्क किया जा सकता है.

फसल खरीद के पहले दिन प्रदेशभर की मंडियों में करीब-करीब एक जैसी ही तस्वीरें देखने को मिलीं. इन सभी समस्याओं के अलवा प्रदेशभर की मंडियों से किसानों और व्यापारियों की तरफ से अव्यवस्था की भी शिकायत देखने को मिली. ज्यादातर मंडियों में शौचालय और पीने की पानी की व्यवस्था को लेकर कमीं देखने को मिली. वहीं प्रदेश की मंडियों में साफ-सफाई नहीं होना भी बड़ी समस्या है.

Last Updated : Apr 2, 2021, 10:29 PM IST

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