चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने किसानी के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है. इसके तहत अब खेतों में यूरिया का छिड़काव ड्रोन की मदद से करवाया जा सकेगा. प्रदेश सरकार ने कृषि विभाग के अधिकारियों को यह सुविधा किसानों के खेतों में जल्द पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. हरियाणा सरकार ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में महिलाओं को भी इस तकनीक का प्रशिक्षण दे रही है.
नैनो यूरिया के लिए करना होगा आवेदन- प्रदेश सरकार ने नैनो यूरिया के छिड़काव के लिए ड्रोन की सुविधा सभी को उपलब्ध कराने के लिए बड़े पैमाने पर ड्रोन की उपलब्धता की तैयारी की है. इसके लिए किसानों को अपने मोबाइल नंबर या फिर सीएससी सेंटर से 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा. पंजीकरण के दौरान ही किसानों को नैनो यूरिया के लिए आवेदन करना होगा और फीस भी जमा करवानी होगी.
ड्रोन से छिड़काव 100 रुपये प्रति एकड़- किसानों को ड्रोन से छिड़काव के लिए प्रति एकड़ एक सौ रुपए का शुल्क देना होगा. यदि किसान 5 एकड़ में छिड़काव करवाता है तो उसे पांच सौ रुपए देना पड़ेगा. जबकि ड्रोन कृषि विभाग द्वारा निशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा. मौजूदा समय में किसानों द्वारा सरसों और गेहूं में यूरिया का छिड़काव कराया जा रहा है. किसान भी बड़ी संख्या में नैनो यूरिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. प्रदेश सरकार ने इस तकनीक को सभी किसानों तक पहुंचाने के लिए हर जिले का लक्ष्य निर्धारित किया है.
किसानों को जागरुक करेंगे कृषि अधिकारी- प्रदेश सरकार ने इस योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी कृषि विभाग को सौंपी है. विभागीय अधिकारी किसानों के बीच जाकर उन्हें इस योजना व इसके लाभ के बारे में जागरुक करेंगे. ड्रोन तकनीक से किसानों का फसल पर छिड़काव का समय भी बच सकेगा. प्रदेश के हर जिले में किसानों को जागरूक करने के लिए गांव स्तर पर तैनात एडीओ इस योजना का प्रचार करेंगे.
ड्रोन से मिलेंगे कई फायदे- बताया गया कि ड्रोन एक बार में 10 लीटर तक लिक्विड के साथ खेतों में आसानी से छिड़काव कर सकता है. इसकी मदद से फसल में यूरिया का छिड़काव एक जगह खड़े होकर अधिक दूरी तक आसानी से किया जा सकता है. ड्रोन से एक दिन में 20 से 25 एकड़ में कीटनाशक स्प्रे का छिड़काव किया जा सकता है. इससे खेतों में स्प्रे के समय जहरीले जीव-जंतुओं के काटने का डर भी नहीं रहेगा और फसल के बीच नहीं जाने से उसके टूटने का खतरा भी नहीं रहेगा.
60.40 लाख एकड़ भूमि का पंजीकरण- गौरतलब है कि प्रदेश सरकार नैनो यूरिया के छिड़काव के लिए किसानों को 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल' पर यह सुविधा उपलब्ध करवा रही है. अगस्त 2023-24 तक खरीफ फसल के लिए 8.87 लाख किसानों द्वारा पंजीकरण करवाया गया. इससे पोर्टल पर प्रदेश की 60.40 लाख एकड़ भूमि का पंजीकरण पूरा हो सका.
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