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संकट में किसान, अन्नदाताओं को 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस दे सरकार: भूपेंद्र सिंह हुड्डा - किसान संकट में

हरियामा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में खेती और किसान संकट में है. उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना पूरी तरह विफल साबित हुई है, इससे सिर्फ कंपनियों को मुनाफा हो रहा है. नेता प्रितपक्ष ने सरकार से बेमौसमी बारिश के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की मांग की है. (Bhupinder Singh Hooda on BJP)

Bhupinder Singh Hooda
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा
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Published : Apr 20, 2023, 10:37 PM IST

Updated : Apr 20, 2023, 10:58 PM IST

दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव में अभी भले ही वक्त है, लेकिन कांग्रेस अभी से जोर-शोर से जुट गई है. इसी कड़ी में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा देश में कृषि व किसानों की हालात को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि देश भर में खेती और किसान संकट में हैं. भाजपा ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का सपना दिखाया था, लेकिन उसने किसानों की आय की बजाए उसकी लागत और कर्ज को ही कई गुना बढ़ा दिया. इस बोझ से किसान परेशान हैं.

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि फसल बीमा योजना किसानों की बजाए बीमा कंपनियों के लिए ही लाभकारी साबित हो रही है. क्योंकि फसल खराबे के समय किसान मुआवजे का इंतजार करते रह जाते हैं और कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हरियाणा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा किसानों को अब तक नहीं मिला है. वहीं, दूसरी ओर इस योजना से बीमा कंपनियां पूरे देश में अब तक 40 हजार करोड़ का लाभ कमा चुकी हैं.

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के रायपुर महाधिवेशन में पार्टी ने संकल्प लिया था कि कांग्रेस सरकार बनने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की सभी कमियों को दूर कर इसको नया स्वरूप दिया जाएगा. बीमा योजना का संचालन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा किया जाएगा, जो कि 'नो-प्रॉफिट, नो-लॉस' के सिद्धांत पर काम करेंगी. साथ ही इसका लाभ भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को भी देने का आश्वासन दिया गया. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज किसानों को ना मुआवजा मिल रहा है और ना एमएसपी. उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी सरसों और गेहूं को एमएसपी से कम रेट पर बेचने पड़ रहे हैं. उन्होंने खुद मंडियों का दौरा करके किसानों का दर्द जाना.

2018-19 के बजट में सरकार ने टॉप (TOP- Tomato, Onion and Potato) स्कीम का ऐलान किया था. ताकि टमाटर, प्याज और आलू जैसी सब्जियां उगाने वाले किसानों को लाभ पहुंचाया जा सके. लेकिन, आज पंजाब के किसानों की शिमला मिर्च, मध्य प्रदेश के किसानों का टमाटर, महाराष्ट्र के किसानों की प्याज और हरियाणा के किसानों का आलू का सही कीमत नहीं मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि बेमौसमी बारिश के चलते हुए लस्टर लॉस पर सरकारी खरीद एजेंसियों से गेहूं के रेट में भारी भरकम वैल्यू कट लगाने का फैसला लिया है. जबकि सरकार को ये वैल्यू कट खुद वहन करना चाहिए और किसानों को प्रति क्विंटल 500 रुपए का बोनस देना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी स्वामीनाथन आयोग के सी-2 फॉर्मूले पर किसानों को एमएसपी देने का वादा करके सत्ता में आई थी. किसान आंदोलन के समय सरकार ने एमएसपी की लीगल गारंटी के लिए एक कमेटी बनाई थी, आज उनका कोई अता-पता नहीं है.

उदहारण के तौर पर मौजूदा सरकार के कार्यकाल में धान की एमएसपी में मात्र 6 फीसदी सालाना की बढ़ोतरी हुई है, जबकि कांग्रेस कार्यकाल में 12.6 फीसदी बढ़ोतरी होती थी. इसी तरह गेहूं की एमएसपी में आज 5.5 फीसदी सालाना बढ़ोतरी हो रही है, जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान ये बढ़ोतरी 12.2 फीसदी थी. अरहर के रेट में मौजूदा सरकार द्वारा सिर्फ 5.8 फीसदी तो कांग्रेस द्वारा 21.6 फीसदी और मूंग के दाम में बीजेपी सरकार द्वारा 5.8 फीसदी तो कांग्रेस सरकार द्वारा 22.8 फीसदी सालाना की बढ़ोतरी की गई. किसानों की हालत इतनी खराब है कि आज किसान मात्र 27 रुपये प्रतिदिन कमा रहा है.

भूपेंद्र हुड्डा ने किसानों पर खतरनाक रूप से बढ़ते जा रहे कर्ज के बोझ को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की. बीजेपी सरकार के दौरान किसानों पर कुल बकाया कर्ज 2021-22 में बढ़कर 23.44 लाख करोड़ हो चुका है, जो कि 31 मार्च, 2014 तक 9.64 लाख करोड़ था. यूपीए सरकार ने 2007 में किसानों के लिए 72,000 करोड़ की कर्ज माफी योजना को लागू किया था. कांग्रेस की राज्य सरकारें लगातार किसानों को कर्ज मुक्ति दिलाने की दिशा मे काम कर रही हैं. लेकिन बीजेपी सरकार लगातार पेट्रोल-डीजल, खाद, बीज, दवाई व खेती उपकरणों पर टैक्स लगाकर किसानों की लागत बढ़ा रही है.

उन्होंने ने कहा है कि बीजेपी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने वादे को पूरा करने में फेल साबित हुई है. खेती से जुड़ी बजट में भी लगातार कटौती की जा रही है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बजट को ₹68,000 करोड़ से घटाकर ₹60,000 करोड़ कर दिया गया. इसी तरह पीएम फसल बीमा योजना के लिए आवंटन 15,000 करोड़ से घटाकर इस साल 13,625 करोड़ रुपए कर दिया है.

ये भी पढ़ें: भूपेंद्र हुड्डा Vs मनोहर लाल: हरियाणा पर कर्ज को लेकर नेता प्रतिपक्ष की श्वेत पत्र की मांग, मनोहर लाल बोले- हमारी बात ही व्हाइट पेपर है

दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव में अभी भले ही वक्त है, लेकिन कांग्रेस अभी से जोर-शोर से जुट गई है. इसी कड़ी में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा देश में कृषि व किसानों की हालात को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि देश भर में खेती और किसान संकट में हैं. भाजपा ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का सपना दिखाया था, लेकिन उसने किसानों की आय की बजाए उसकी लागत और कर्ज को ही कई गुना बढ़ा दिया. इस बोझ से किसान परेशान हैं.

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि फसल बीमा योजना किसानों की बजाए बीमा कंपनियों के लिए ही लाभकारी साबित हो रही है. क्योंकि फसल खराबे के समय किसान मुआवजे का इंतजार करते रह जाते हैं और कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हरियाणा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा किसानों को अब तक नहीं मिला है. वहीं, दूसरी ओर इस योजना से बीमा कंपनियां पूरे देश में अब तक 40 हजार करोड़ का लाभ कमा चुकी हैं.

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के रायपुर महाधिवेशन में पार्टी ने संकल्प लिया था कि कांग्रेस सरकार बनने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की सभी कमियों को दूर कर इसको नया स्वरूप दिया जाएगा. बीमा योजना का संचालन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा किया जाएगा, जो कि 'नो-प्रॉफिट, नो-लॉस' के सिद्धांत पर काम करेंगी. साथ ही इसका लाभ भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को भी देने का आश्वासन दिया गया. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज किसानों को ना मुआवजा मिल रहा है और ना एमएसपी. उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी सरसों और गेहूं को एमएसपी से कम रेट पर बेचने पड़ रहे हैं. उन्होंने खुद मंडियों का दौरा करके किसानों का दर्द जाना.

2018-19 के बजट में सरकार ने टॉप (TOP- Tomato, Onion and Potato) स्कीम का ऐलान किया था. ताकि टमाटर, प्याज और आलू जैसी सब्जियां उगाने वाले किसानों को लाभ पहुंचाया जा सके. लेकिन, आज पंजाब के किसानों की शिमला मिर्च, मध्य प्रदेश के किसानों का टमाटर, महाराष्ट्र के किसानों की प्याज और हरियाणा के किसानों का आलू का सही कीमत नहीं मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि बेमौसमी बारिश के चलते हुए लस्टर लॉस पर सरकारी खरीद एजेंसियों से गेहूं के रेट में भारी भरकम वैल्यू कट लगाने का फैसला लिया है. जबकि सरकार को ये वैल्यू कट खुद वहन करना चाहिए और किसानों को प्रति क्विंटल 500 रुपए का बोनस देना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी स्वामीनाथन आयोग के सी-2 फॉर्मूले पर किसानों को एमएसपी देने का वादा करके सत्ता में आई थी. किसान आंदोलन के समय सरकार ने एमएसपी की लीगल गारंटी के लिए एक कमेटी बनाई थी, आज उनका कोई अता-पता नहीं है.

उदहारण के तौर पर मौजूदा सरकार के कार्यकाल में धान की एमएसपी में मात्र 6 फीसदी सालाना की बढ़ोतरी हुई है, जबकि कांग्रेस कार्यकाल में 12.6 फीसदी बढ़ोतरी होती थी. इसी तरह गेहूं की एमएसपी में आज 5.5 फीसदी सालाना बढ़ोतरी हो रही है, जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान ये बढ़ोतरी 12.2 फीसदी थी. अरहर के रेट में मौजूदा सरकार द्वारा सिर्फ 5.8 फीसदी तो कांग्रेस द्वारा 21.6 फीसदी और मूंग के दाम में बीजेपी सरकार द्वारा 5.8 फीसदी तो कांग्रेस सरकार द्वारा 22.8 फीसदी सालाना की बढ़ोतरी की गई. किसानों की हालत इतनी खराब है कि आज किसान मात्र 27 रुपये प्रतिदिन कमा रहा है.

भूपेंद्र हुड्डा ने किसानों पर खतरनाक रूप से बढ़ते जा रहे कर्ज के बोझ को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की. बीजेपी सरकार के दौरान किसानों पर कुल बकाया कर्ज 2021-22 में बढ़कर 23.44 लाख करोड़ हो चुका है, जो कि 31 मार्च, 2014 तक 9.64 लाख करोड़ था. यूपीए सरकार ने 2007 में किसानों के लिए 72,000 करोड़ की कर्ज माफी योजना को लागू किया था. कांग्रेस की राज्य सरकारें लगातार किसानों को कर्ज मुक्ति दिलाने की दिशा मे काम कर रही हैं. लेकिन बीजेपी सरकार लगातार पेट्रोल-डीजल, खाद, बीज, दवाई व खेती उपकरणों पर टैक्स लगाकर किसानों की लागत बढ़ा रही है.

उन्होंने ने कहा है कि बीजेपी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने वादे को पूरा करने में फेल साबित हुई है. खेती से जुड़ी बजट में भी लगातार कटौती की जा रही है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बजट को ₹68,000 करोड़ से घटाकर ₹60,000 करोड़ कर दिया गया. इसी तरह पीएम फसल बीमा योजना के लिए आवंटन 15,000 करोड़ से घटाकर इस साल 13,625 करोड़ रुपए कर दिया है.

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Last Updated : Apr 20, 2023, 10:58 PM IST
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