चंडीगढ़ः एक तरफ जहां चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संख्या बढ़ाई नहीं जा सकी हैं, वहीं बची हुई फ्लाइट्स भी बंद होती जा रही है. पिछले साल चंडीगढ़ से बैंकॉक जाने वाली फ्लाइट को बंद कर दिया गया था. वहीं अब चंडीगढ़ से दुबई जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट बंद होने वाली है.
चंडीगढ़ से दुबई के लिए इंडिगो की फ्लाइट होगी बंद
14 दिसंबर से चंडीगढ़ से दुबई जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट बंद हो जाएगी. हालांकि इंडिगो की ओर से ये कहा गया है कि यह फ्लाइट 14 दिसंबर से 15 फरवरी तक ही बंद रहेगी. इसके बाद इसे फिर से शुरू कर दिया जाएगा. क्योंकि दिसंबर से रनवे पर कोहरा पड़ने से विजिबिलिटी कम हो जाएगी. जिससे चंडीगढ़ पर एयरपोर्ट पर विमानों का संचालन मुश्किल होगा. चंडीगढ़-दुबई फ्लाइट बंद होने के बाद चंडीगढ़ से शारजाह जाने वाली सिर्फ एक ही फ्लाइट रह जाएगी.
एयरपोर्ट पर धुंध में फ्लाइट ऑपरेट करने में दिक्कत
इंडिगो के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आईएलएस कैट-थ्री बी नहीं लगा है. इसके चलते अक्सर धुंध में इंटरनेशनल फ्लाइट अमृतसर या फिर दिल्ली डायवर्ट करनी पड़ती है. इससे उनका काफी नुकसान होता है. आईएलएस कैट-थ्री बी नहीं लगने से 100-150 मीटर की विजिबिलिटी पर फ्लाइट्स को ऑपरेट करने में दिक्कत होती है.
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दो बार बढ़ाई जा चुकी है आईएलएस कैट-थ्री बी लगाने की डेडलाइन
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर आईएलएस कैट-थ्री बी इंस्टालेशन की बात कही थी. उसी समय इस काम को पूरा करने की डेडलाइन भी तय कर दी गई थी. यह तय हुआ था कि अक्तूबर 2019 तक इंस्टालेशन का काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद नई डेडलाइन दिसंबर 2019 तय की गई. एयरफोर्स सूत्रों के मुताबिक इंस्टालेशन में कम से कम से छह महीने का समय लगेगा. आईएलएस कैट-थ्री बी की इंस्टालेशन के बाद 100-150 मीटर की विजिबिलिटी पर फ्लाइट्स ऑपरेट हो सकेंगी.
इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए चैल को कोई आवेदन नहीं मिला
चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 24 घंटे फ्लाइट का ऑपरेशन शुरू हो गया है, लेकिन एक भी इंटरनेशल फ्लाइट के लिए चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (चैल) को एयरलाइंस की ओर से आवेदन नहीं मिला है. इसकी मुख्य वजह आईएलएस कैट-थ्री बी और रनवे की कमी बताई जा रही है. इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन 2015 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. चार साल बाद भी यहां इंटरनेशनल फ्लाइट्स बढ़ नहीं पाई है.