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किसान सिर्फ 10 प्रतिशत खर्च पर कर सकते है रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण, सरकार करेगी मदद

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Published : Jul 20, 2020, 11:03 PM IST

जल की कमी से जूझ रहे और बाढ़ से प्रभावित शाहबाद, गुहला और रतिया ब्लॉकों को 100 रिचार्ज शाफ्ट स्ट्रक्चर के निर्माण के लिए पायलट आधार पर और किसानों के खेतों के साथ-साथ पंचायती भूमि हेतू चयनित किया गया है. स्ट्रक्चर के निर्माण के लिए 40 मीटर से अधिक गहराई वाले इन ब्लॉकों के बाढ़-ग्रस्त गांवों का चयन किया जाएगा.

Farmers can start construction of recharge shafts on flood-hit land at just 10 percent cost
किसान सिर्फ 10 प्रतिशत खर्च पर कर सकते है रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण

चंडीगढ़: भूजल स्तर को रिचार्ज करने के लिए बाढ़-ग्रस्त तीन ब्लॉक में 300 रिचार्ज शाफ्ट बनाने का काम शुरू किया है. हरियाणा सरकार ने प्रोजेक्ट पायलट आधार पर 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना के तहत जल की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों में किया है. इस बारे में जानकारी देते हुए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि ब्लॉक गुहला में 100 रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण कार्य 14 जुलाई को कार्य आवंटन के पश्चात 19 जुलाई को शुरू कर दिया गया था.

किसान कुल लागत का दस प्रतिशत या अधिकतम 10,000 रूपए आवेदन जमा करते समय अपने खेत में रिचार्ज स्ट्रक्चर के निर्माण में योगदान के रूप में दे सकता है या वह स्ट्रक्चर को बनाए रखने के लिए अपनी सहमति दे सकता है, इस स्थिति में, स्ट्रक्चर की कुल लागत सरकार द्वारा वहन की जाएगी. रतिया और शाहाबाद खण्डों में 100-100 शाफ्ट का निर्माण करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं और समझौतों को आज अंतिम रूप दिया जाएगा.

इस परियोजना को लागू करने वाला सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग जल्द ही योजना के तहत शामिल सभी आठ ब्लॉकों में 700 रिचार्ज शाफ्ट के निर्माण के लिए निविदाएं आंमत्रित करेगा. चयनित आठ ब्लॉकों में किसान अपने खर्च पर बाढ़-ग्रस्त भूमि पर रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण कर सकते हैं.

हालांकि, यह निर्माण सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों और शर्तों के अनुसार किया जाना चाहिए। चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और केंद्रीय भूजल बोर्ड, चंडीगढ़ द्वारा अनुमोदित स्ट्रक्चर के डिजाइन का अनुसरण किया जाएगा. ऐसे किसान 'मेरा पानी-मेरी विरासत' पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं. पहले से ही गठित समिति रिचार्ज शाफ्ट स्ट्रक्चर के निर्माण के लिए किसानों को डिजाइन और तकनीकी जानकारी प्रदान करेगी और यह भी सुनिश्चित करेगी कि स्ट्रक्चर का निर्माण अनुमोदित डिजाइन और साइट की व्यवहार्यता के अनुसार किया गया है.

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय को बाढ़ और रिचार्ज पानी के नमूने और परीक्षण के लिए रिचार्ज स्ट्रक्चर का स्थान प्रदान करेगा, जो पानी की गुणवत्ता पर अध्ययन करेगा. संजीव कौशल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने आठ जल-प्रखंडों, जैसे रतिया (जिला फतेहाबाद), सीवन और गुहला (जिला कैथल), पिपली, शाहाबाद, बबैन और इस्माइलाबाद (जिला कुरुक्षेत्र) और सिरसा (जिला सिरसा) में 1,000 रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण करने का निर्णय लिया.

इन क्षेत्रों के किसान ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन

जिन क्षेत्रों ने भूजल स्तर 40 मीटर से कम है, और इन ब्लॉकों में किसानों को 'मेरा पानी-मेरी विरासत' पोर्टल पर आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया गया. इस परियोजना की लागत लगभग 32.33 करोड़ रुपए होगी. इस योजना के तहत अब तक 1,177 किसानों ने आवेदन किया है, जिसका उद्देश्य फसल विविधीकरण के माध्यम से घटते भूजल तल का सरंक्षण करना है. रतिया में 182, सीवन में 76 और गुहला में 231 किसान अब तक रिचार्ज शाफ्ट के निर्माण के लिए आवेदन कर चुके हैं. इसी तरह, पिपली में 55, शाहबाद में 426, बबैन में 47, इस्माईलाबाद में 108 और सिरसा में 52 किसानों ने आवेदन किया है.

ये भी पढ़ें- रोहतक PGI में शुरू हुआ को-वैक्सीन का ट्रायल, तीन लोगों को दी गई डोज

चंडीगढ़: भूजल स्तर को रिचार्ज करने के लिए बाढ़-ग्रस्त तीन ब्लॉक में 300 रिचार्ज शाफ्ट बनाने का काम शुरू किया है. हरियाणा सरकार ने प्रोजेक्ट पायलट आधार पर 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना के तहत जल की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों में किया है. इस बारे में जानकारी देते हुए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि ब्लॉक गुहला में 100 रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण कार्य 14 जुलाई को कार्य आवंटन के पश्चात 19 जुलाई को शुरू कर दिया गया था.

किसान कुल लागत का दस प्रतिशत या अधिकतम 10,000 रूपए आवेदन जमा करते समय अपने खेत में रिचार्ज स्ट्रक्चर के निर्माण में योगदान के रूप में दे सकता है या वह स्ट्रक्चर को बनाए रखने के लिए अपनी सहमति दे सकता है, इस स्थिति में, स्ट्रक्चर की कुल लागत सरकार द्वारा वहन की जाएगी. रतिया और शाहाबाद खण्डों में 100-100 शाफ्ट का निर्माण करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं और समझौतों को आज अंतिम रूप दिया जाएगा.

इस परियोजना को लागू करने वाला सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग जल्द ही योजना के तहत शामिल सभी आठ ब्लॉकों में 700 रिचार्ज शाफ्ट के निर्माण के लिए निविदाएं आंमत्रित करेगा. चयनित आठ ब्लॉकों में किसान अपने खर्च पर बाढ़-ग्रस्त भूमि पर रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण कर सकते हैं.

हालांकि, यह निर्माण सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों और शर्तों के अनुसार किया जाना चाहिए। चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और केंद्रीय भूजल बोर्ड, चंडीगढ़ द्वारा अनुमोदित स्ट्रक्चर के डिजाइन का अनुसरण किया जाएगा. ऐसे किसान 'मेरा पानी-मेरी विरासत' पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं. पहले से ही गठित समिति रिचार्ज शाफ्ट स्ट्रक्चर के निर्माण के लिए किसानों को डिजाइन और तकनीकी जानकारी प्रदान करेगी और यह भी सुनिश्चित करेगी कि स्ट्रक्चर का निर्माण अनुमोदित डिजाइन और साइट की व्यवहार्यता के अनुसार किया गया है.

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय को बाढ़ और रिचार्ज पानी के नमूने और परीक्षण के लिए रिचार्ज स्ट्रक्चर का स्थान प्रदान करेगा, जो पानी की गुणवत्ता पर अध्ययन करेगा. संजीव कौशल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने आठ जल-प्रखंडों, जैसे रतिया (जिला फतेहाबाद), सीवन और गुहला (जिला कैथल), पिपली, शाहाबाद, बबैन और इस्माइलाबाद (जिला कुरुक्षेत्र) और सिरसा (जिला सिरसा) में 1,000 रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण करने का निर्णय लिया.

इन क्षेत्रों के किसान ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन

जिन क्षेत्रों ने भूजल स्तर 40 मीटर से कम है, और इन ब्लॉकों में किसानों को 'मेरा पानी-मेरी विरासत' पोर्टल पर आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया गया. इस परियोजना की लागत लगभग 32.33 करोड़ रुपए होगी. इस योजना के तहत अब तक 1,177 किसानों ने आवेदन किया है, जिसका उद्देश्य फसल विविधीकरण के माध्यम से घटते भूजल तल का सरंक्षण करना है. रतिया में 182, सीवन में 76 और गुहला में 231 किसान अब तक रिचार्ज शाफ्ट के निर्माण के लिए आवेदन कर चुके हैं. इसी तरह, पिपली में 55, शाहबाद में 426, बबैन में 47, इस्माईलाबाद में 108 और सिरसा में 52 किसानों ने आवेदन किया है.

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