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अंबाला एयरबेस के करीब बढ़ती पक्षियों की तादाद, डिफेंस एक्सपर्ट बोले- सरकार जल्द ले एक्शन

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Published : Sep 12, 2020, 4:37 PM IST

10 सितंबर को फाइटर प्लेन राफेल को भारतीय वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल कर लिया गया. लेकिन जब से राफेल को अंबाला एयरबेस पर तैनात किया गया है तभी से एक समस्या है जो वायु सेना के सामने बनी हुई है. एक्सपर्ट मानते हैं कि पक्षियों की बढ़ती तादाद के चलते राफेल समेत अन्य फाइटर एयरक्राफ्ट को नुकसान पहुंच सकता है.

ambala airbase
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चंडीगढ़: अंबाला एयरबेस पर बीती 29 जुलाई को आधुनिक फाइटर प्लेन राफेल की पहली खेप भी पहुंची थी. वहीं 10 सितंबर को यानी 43 दिन बाद फाइटर प्लेन राफेल को भारतीय वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल कर लिया गया. लेकिन जब से राफेल को अंबाला एयरबेस पर तैनात किया गया है तभी से एक समस्या है जो वायु सेना के सामने बनी हुई है. वो समस्या है एयरबेस के आसपास उड़ने वाले पक्षियों की. ये पक्षी वायु सेना के फाइटर प्लेन जैसे जगुआर और राफेल के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं.

दरअसल, हाल ही में एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा को पत्र लिखा था. जिसमें अंबाला एयरबेस के एयर स्पेस में पंक्षियों की संख्या को कम करने को लेकर कुछ सुझाव दिए थे. वहीं एक्सपर्ट मानते हैं कि पंक्षियों की बढ़ती तादाद के चलते राफेल समेत अन्य फाइटर एयरक्राफ्ट को नुकसान पहुंच सकता है.

अंबाला एयरबेस के करीब बढ़ती पक्षियों की तादाद, डिफेंस एक्सपर्ट बोले- सरकार जल्द ले एक्शन

रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह काहलो ने कहा कि राफेल समेत सभी फाइटर एयरक्राफ्ट को टेक ऑफ के दौरान नुकसान पहुंच सकता है. वहीं पक्षियों की तरफ से रनवे पर कूड़ा गिराए जाने से भी हादसा हो सकता है. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि प्रशाशन का काम केवल सियासी नेताओं के पीछे भागना नहीं होता बल्कि देश की सुरक्षा से जुड़े इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर हल करने की आवश्यकता है.

रिटायर ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह ने कहा कि एयरफील्ड के आसपास रूल एंड रेगुलेशन निर्धारित हैं. एयरफील्ड में केवल रफेल नहीं बहुत सारे फाइटर एयरक्राफ्ट हैं. इसके साथ इक्यूपमेंट, संचार के साधन, कम्युनिकेशन सेंटर भी है. उन्होंने कहा कि खासतौर पर एयरक्राफ्ट बहुत महंगे और जरूरी हैं. सभी चीजों को देखते हुए आसपास के किलोमीटर निर्धारित किए जाते हैं कि वहां पर नो फलाइंग जोन रहेगा और आसपास निर्माण नहीं होगा.

कुलदीप सिंह ने कहा कि पक्षियों की संख्या अचानक बढ़ने के पीछे पोल्ट्री वेस्ट और कूड़ा फेंका जाना है. उन्होंने कहा कि फाइटर एयरक्राफ्ट या कोई भी एयरक्राफ्ट के सामने अगर अचानक पक्षी आ जाए तो हादसा हो सकता है. उन्होंने कहा कि अधिकतर खतरा लैंडिंग और टेक ऑफ के दौरान रहता है.

'पक्षियों से भी सिक्योरिटी थ्रेट है'

कुलदीप सिंह ने कहा कि एयर मार्शल की तरफ से जो चिट्ठी लिखी गई है उसपर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि केवल दुश्मनों से ही सिक्योरिटी थ्रेट नहीं है बल्कि उन पक्षियों की तरफ से भी थ्रेट है. उन्होंने कहा कि इससे इंजन डैमेज हो सकता है, फ्लाइट में रुकावट आ सकती है और प्लेन क्रैश भी हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि हाई स्पीड राफेल के सामने अचानक कोई रुकावट आती है तो उसको कंट्रोल करना आसान नहीं रहता.

गृहमंत्री ने लिया एयर मार्शल की चिट्टी पर संज्ञान

एयर मार्शल मानवेन्द्र सिंह के पत्र के बाद प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने भी मामले का संज्ञान लिया है. उन्होंने अंबाला छावनी, अंबाला शहर, कंटोनमेंट बोर्ड और एयरफोर्स स्टेशन के अधिकारियों के साथ बैठक की और साफ शब्दों में ये कहा कि किसी भी मूल्य पर एयर मार्शल द्वारा दिए गए सुझावों को अमल में लाना है.

गृहमंत्री अनिल विज ने दिए ये निर्देश

  • अंबाला शहर और अंबाला छावनी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को जल्द से जल्द शुरू करवाया जाएगा
  • अंबाला शहर और अंबाला छावनी में कव्वाल मंडियों को अंबाला की सीमा से बाहर बसाया जाएगा
  • दोनों विधानसभाओं में स्थित खुले नालों को बंद किया जाएगा
  • दोनों विधानसभाओं में जो बड़े नाले हैं जिन्हें हाथों से साफ नहीं किया जा सकता उनके लिए मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी
  • एक टीम को भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर भेजा जाएगा ताकि वहां के सिस्टम को समझा जाए और उसे अंबाला में लागू किया जाए
  • कबूतर पालन और पतंगबाजी पर रोक लगाई जाएगी
  • दोनों विधानसभाओं में खुले में मीट बेचने वाली दुकानों पर रोक लगाई जाएगी

चंडीगढ़: अंबाला एयरबेस पर बीती 29 जुलाई को आधुनिक फाइटर प्लेन राफेल की पहली खेप भी पहुंची थी. वहीं 10 सितंबर को यानी 43 दिन बाद फाइटर प्लेन राफेल को भारतीय वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल कर लिया गया. लेकिन जब से राफेल को अंबाला एयरबेस पर तैनात किया गया है तभी से एक समस्या है जो वायु सेना के सामने बनी हुई है. वो समस्या है एयरबेस के आसपास उड़ने वाले पक्षियों की. ये पक्षी वायु सेना के फाइटर प्लेन जैसे जगुआर और राफेल के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं.

दरअसल, हाल ही में एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा को पत्र लिखा था. जिसमें अंबाला एयरबेस के एयर स्पेस में पंक्षियों की संख्या को कम करने को लेकर कुछ सुझाव दिए थे. वहीं एक्सपर्ट मानते हैं कि पंक्षियों की बढ़ती तादाद के चलते राफेल समेत अन्य फाइटर एयरक्राफ्ट को नुकसान पहुंच सकता है.

अंबाला एयरबेस के करीब बढ़ती पक्षियों की तादाद, डिफेंस एक्सपर्ट बोले- सरकार जल्द ले एक्शन

रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह काहलो ने कहा कि राफेल समेत सभी फाइटर एयरक्राफ्ट को टेक ऑफ के दौरान नुकसान पहुंच सकता है. वहीं पक्षियों की तरफ से रनवे पर कूड़ा गिराए जाने से भी हादसा हो सकता है. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि प्रशाशन का काम केवल सियासी नेताओं के पीछे भागना नहीं होता बल्कि देश की सुरक्षा से जुड़े इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर हल करने की आवश्यकता है.

रिटायर ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह ने कहा कि एयरफील्ड के आसपास रूल एंड रेगुलेशन निर्धारित हैं. एयरफील्ड में केवल रफेल नहीं बहुत सारे फाइटर एयरक्राफ्ट हैं. इसके साथ इक्यूपमेंट, संचार के साधन, कम्युनिकेशन सेंटर भी है. उन्होंने कहा कि खासतौर पर एयरक्राफ्ट बहुत महंगे और जरूरी हैं. सभी चीजों को देखते हुए आसपास के किलोमीटर निर्धारित किए जाते हैं कि वहां पर नो फलाइंग जोन रहेगा और आसपास निर्माण नहीं होगा.

कुलदीप सिंह ने कहा कि पक्षियों की संख्या अचानक बढ़ने के पीछे पोल्ट्री वेस्ट और कूड़ा फेंका जाना है. उन्होंने कहा कि फाइटर एयरक्राफ्ट या कोई भी एयरक्राफ्ट के सामने अगर अचानक पक्षी आ जाए तो हादसा हो सकता है. उन्होंने कहा कि अधिकतर खतरा लैंडिंग और टेक ऑफ के दौरान रहता है.

'पक्षियों से भी सिक्योरिटी थ्रेट है'

कुलदीप सिंह ने कहा कि एयर मार्शल की तरफ से जो चिट्ठी लिखी गई है उसपर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि केवल दुश्मनों से ही सिक्योरिटी थ्रेट नहीं है बल्कि उन पक्षियों की तरफ से भी थ्रेट है. उन्होंने कहा कि इससे इंजन डैमेज हो सकता है, फ्लाइट में रुकावट आ सकती है और प्लेन क्रैश भी हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि हाई स्पीड राफेल के सामने अचानक कोई रुकावट आती है तो उसको कंट्रोल करना आसान नहीं रहता.

गृहमंत्री ने लिया एयर मार्शल की चिट्टी पर संज्ञान

एयर मार्शल मानवेन्द्र सिंह के पत्र के बाद प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने भी मामले का संज्ञान लिया है. उन्होंने अंबाला छावनी, अंबाला शहर, कंटोनमेंट बोर्ड और एयरफोर्स स्टेशन के अधिकारियों के साथ बैठक की और साफ शब्दों में ये कहा कि किसी भी मूल्य पर एयर मार्शल द्वारा दिए गए सुझावों को अमल में लाना है.

गृहमंत्री अनिल विज ने दिए ये निर्देश

  • अंबाला शहर और अंबाला छावनी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को जल्द से जल्द शुरू करवाया जाएगा
  • अंबाला शहर और अंबाला छावनी में कव्वाल मंडियों को अंबाला की सीमा से बाहर बसाया जाएगा
  • दोनों विधानसभाओं में स्थित खुले नालों को बंद किया जाएगा
  • दोनों विधानसभाओं में जो बड़े नाले हैं जिन्हें हाथों से साफ नहीं किया जा सकता उनके लिए मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी
  • एक टीम को भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर भेजा जाएगा ताकि वहां के सिस्टम को समझा जाए और उसे अंबाला में लागू किया जाए
  • कबूतर पालन और पतंगबाजी पर रोक लगाई जाएगी
  • दोनों विधानसभाओं में खुले में मीट बेचने वाली दुकानों पर रोक लगाई जाएगी
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