चंडीगढ़: 2019 के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीसरी बार बजट पेश किया है, हालांकि इस बार उनका बजट भाषण छोटा रहा.मोदी सरकार की ओर से इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र पर फोकस किया गया, लेकिन करदाताओं के हाथ में मायूसी लगी है. टैक्स स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. बजट के तमाम पहलुओं को समझने के लिए ETV भारत के संवाददाता ने आर्थिक मामलों के जानकार विमल अंजुम से बात की.
विमल अंजुम ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद के इस बजट में सबसे ज्यादा फोकस हेल्थ सेक्टर पर ही रहने वाला था और सरकार ने इस पर ध्यान भी दिया. स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 94 हजार करोड़ से बढ़कर 2,23,846 करोड़ हुआ. अपने संबोधन के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, आज भारत के पास दो वैक्सीन उपलब्ध हैं. हमने कोविड-19 के विरुद्ध स्वयं के नागरिकों को चिकित्सा की दृष्टि से सुरक्षित करना शुरू किया है. 100 या उससे अधिक देशों के लोगों को भी इसकी सुरक्ष मुहैया कराई है.
विमल अंजुम ने कहा कि हर बार ट्रांसपोर्टेशन में रेलवे को ही प्रुमखता दी जाती थी, लेकिन इस बार जेनरल ट्रांसपोर्टेशन का भी ध्यान रखा गया और 18000 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है. बता दें कि इस बार बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि रेलवे को वित्त वर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड 1,10,055 करोड़ रुपये दिए गए. इनमें से 1,07,100 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए हैं.
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आर्थिक मामले के जानकार विमल अंजुम ने कहा कि सरकार ने नेशनल हाइवे पर इस बार ध्यान दिया है. बता दें कि परिवहन मंत्रालय को रोड प्रोजेक्ट के लिए 1.18 लाख करोड़ रुपये का बजट दिया गया है. साथ ही वृद्धि तेज करने के लिए पूंजीगत व्यय 34.5 प्रतिशशत बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपये किया गया है.
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वित्त मंत्री ने बताया कि किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये दिए गए. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुना करने की तरफ कार्यरत है. उन्होंने आगे कहा कि हर सेक्टर में किसानों को मदद मुहैया कराई गई है. दाल गेहूं, धान समेत अन्य फसलों की एमएसपी बढ़ाई गई. विमल अंजुम ने कहा कि किसानों के सबसे जरुरी चीज एमएसपी है और उसके लेकर सरकार ने बजट में प्रावधान किया है, जिससे किसानों के लिए राहत होगी. बता दें कि वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि MSP बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया है. सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध हैं.