चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एसीपी राजबीर सिंह यादव की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा पाने वाले विजय भारद्वाज को गुरुवार को राहत देते हुए उसकी उम्र कैद की सजा को निलंबित कर दिया है.
हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर एवं जस्टिस अवनीश जीवन की खंडपीठ ने विजय भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया. बेंच ने विजय भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सजा के खिलाफ उनकी अपील अभी लंबित है. वे पिछले 12 वर्ष 8 महीने से ज्यादा समय से जेल में है.
इस केस को छोड़ अधिकतर केसों में उसे बरी किया जा चुका है, उसके खिलाफ तीन केस लंबित हैं जिन्हें बेहद संगीन नहीं माना जा सकता. ऐसे में अब उसकी सजा को निलंबित किया जा सकता है. लिहाजा हाईकोर्ट ने सजा की अपील के हाईकोर्ट में विचाराधीन रहने तक विजय भारद्वाज की सजा के आदेशों को निलंबित कर दिया है.
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गौरतलब है कि गुरुग्राम निवासी एसीपी राजबीर सिंह यादव की 24 मार्च 2008 को गुरुग्राम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद अचानक उनके बचपन के साथी रहे विजय भारद्वाज ने अगले दिन मीडिया के सामने अपने अपराध को स्वीकार करते हुए पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया था.
पुलिस के अनुसार उनकी निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद किया था. इसके बाद विजय को जेल भेज दिया था और तभी से विजय भारद्वाज जेल में है. अक्टूबर 2015 को सीबीआई की विशेष अदालत ने भारद्वाज को उम्र कैद की सजा के साथ ही 10000 रुपये का जुर्माना लगाया था.
सजा के इस फैसले को विजय भारद्वाज ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर पहले ही चुनौती दी हुई है. विजय भारद्वाज ने अपनी सजा को निलंबित किए जाने की हाईकोर्ट से मांग की थी और कहा था कि वो पिछले 12 वर्षों से भी अधिक समय से जेल में है.
उसके खिलाफ चल रहे हैं अधिकतर केसों में बरी हो चुका है. उसके खिलाफ सिर्फ तीन केस चल रहे हैं जिनमें उसके खिलाफ गंभीर आरोप नहीं है. लिहाजा उसकी सजा को निलंबित किया जाए.
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