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चौकीदारों की हुई बल्ले-बल्ले, शिक्षा विभाग जल्द जारी करेगा बकाया मानदेय

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अपने नाम के आगे चौकीदार लगाया जिसके बाद सरकारी स्कूल में कार्यरत चौकीदारों की भी बल्ले बल्ले हो गई है. अब सरकारी स्कूल में कार्यरत चौकीदारों को शिक्षा विभाग की तरफ से जल्द ही बढ़ा हुआ मानदेय जारी कर दिया जाएगा.

हरियाणा सरकार (फाइल फोटो)
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Published : Apr 5, 2019, 8:19 PM IST

चंडीगढ़: प्रधानमंत्री ने चौकीदार कैंपेन की शुरुआत की जिसके बाद बीजेपी के सभी नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों ने अपने नाम के आगे चौकीदार लगा लिया. जिसके बाद अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत चौकीदारों को भी फायदा हो गया है.

दरअसल सरकारी स्कूलों में कार्यरत चौकीदारों को लंबे समय से बढ़े हुए मानदेय का इंतजार करना पड़ा था. जिसके बाद कई चौकीदारों ने बड़े सरकारी अफसरों से मुलाकात करके उनका महताना बढ़ाने की बात भी कही थी. साथ ही कुछ चौकीदारों ने इस मामले में कोर्ट से भी न्याय की मांग की थी.

पीके दास, एसीएस, शिक्षा विभाग

इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने चौकीदारों के लिए एक अहम फैसला लिया है जिसके तहत सरकारी स्कूल में कार्यरत चौकीदारों को पिछले 4 सालों को बकाया एरियर के रूप में दिया जाएगा. बता दें कि शिक्षा विभाग के इस कदम से सरकार पर करोड़ो रुपयों का वित्तीय भार पड़ेगा. राज्य में लगभग 14 हजार सरकारी स्कूल हैं. इनमें स्थायी नौकरी करने वाले चौकीदारों की संख्या तो काफी कम है लेकिन एक निश्चित राशी पर नौकरी करने वाले चौकीदार ज्यादा हैं.

इस मामले में पीएस (सीएम) आरके खुल्लर के साथ सैकेंडरी एजूकेशन के एसीएस पीके दास ने जनवरी में बैठक की थी. जिसके बाद सरकारी स्कूलों में कार्यरत चौकीदारों का मानदेय बढ़ाने का फैसला लिया गया था. बता दें कि एजूसेट के तहत 4288 चौकीदार न्यूनतम वेतन दिए जाने की मांग को पिछली सरकारों के समय से उठाते आ रहे थे. अब इस पूरे मामले में बैठकें कर चिंतन किया गया और अनावश्यक लिटिगेशन से बचने के लिए चौकीदारों को जल्द एरियर देने का फैसला लिया गया है.

चंडीगढ़: प्रधानमंत्री ने चौकीदार कैंपेन की शुरुआत की जिसके बाद बीजेपी के सभी नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों ने अपने नाम के आगे चौकीदार लगा लिया. जिसके बाद अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत चौकीदारों को भी फायदा हो गया है.

दरअसल सरकारी स्कूलों में कार्यरत चौकीदारों को लंबे समय से बढ़े हुए मानदेय का इंतजार करना पड़ा था. जिसके बाद कई चौकीदारों ने बड़े सरकारी अफसरों से मुलाकात करके उनका महताना बढ़ाने की बात भी कही थी. साथ ही कुछ चौकीदारों ने इस मामले में कोर्ट से भी न्याय की मांग की थी.

पीके दास, एसीएस, शिक्षा विभाग

इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने चौकीदारों के लिए एक अहम फैसला लिया है जिसके तहत सरकारी स्कूल में कार्यरत चौकीदारों को पिछले 4 सालों को बकाया एरियर के रूप में दिया जाएगा. बता दें कि शिक्षा विभाग के इस कदम से सरकार पर करोड़ो रुपयों का वित्तीय भार पड़ेगा. राज्य में लगभग 14 हजार सरकारी स्कूल हैं. इनमें स्थायी नौकरी करने वाले चौकीदारों की संख्या तो काफी कम है लेकिन एक निश्चित राशी पर नौकरी करने वाले चौकीदार ज्यादा हैं.

इस मामले में पीएस (सीएम) आरके खुल्लर के साथ सैकेंडरी एजूकेशन के एसीएस पीके दास ने जनवरी में बैठक की थी. जिसके बाद सरकारी स्कूलों में कार्यरत चौकीदारों का मानदेय बढ़ाने का फैसला लिया गया था. बता दें कि एजूसेट के तहत 4288 चौकीदार न्यूनतम वेतन दिए जाने की मांग को पिछली सरकारों के समय से उठाते आ रहे थे. अब इस पूरे मामले में बैठकें कर चिंतन किया गया और अनावश्यक लिटिगेशन से बचने के लिए चौकीदारों को जल्द एरियर देने का फैसला लिया गया है.

Intro:चंडीगढ़, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अपने नाम के आगे चौकीदार क्या लगाया कि स्कूल में कार्यरत चौकीदारों की भी बल्ले बल्ले हो गई।  जहां पहले बढ़ा हुआ मानदेय लेने के लिए लम्बा इन्तजार करना पड़ रहा था तो अब उन्हें जल्द ही उन्हें उन का चार साल का बकाया ( एरियर के रूप में ) सरकार देने जा रही है। 





Body:बतादे शिक्षा विभाग के चौकीदारों का लम्बा समय से बढ़ा हुआ मेहनताना रुका हुआ था जिसे अब एरियर के रूप में विभाग ने देने का फैसला किया है। जिससे सरकार पर करोड़ों का वित्तीय भार पड़ेगा।  राज्य के स्कूलों में एजूसैट व बाकी सामान की देखरेख करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं हो चौकीदार रखे गए हैं। राज्य शिक्षा विभाग के प्रदेश में लगभग 14 हजार सरकारी स्कूल हैं। इनमें स्थायी नौकरी करने वाले चौकीदारों की संख्या तो काफी कम है लेकिन एक निश्चित राशि पर नौकरी करने वाले ज्यादा संख्या में हैं। 


अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा विभाग पी के दास ने बताया कि चौकीदारों को पहले 7500 हजार की राशि उन्हें दी जा रही थी। जिसमें कुछ बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन बढ़ोतरी का पैसा चौकीदारों को नहीं मिल सका था। इसको लेकर चौकीदार लामबंद हुए औऱ इस मामले में राज्य शिक्षा विभाग के अफसरों से मिलकर उनका पैसा दिए जाने की गुहार लगायी थी, इस मामले में कुछ ने न्यायालय की शऱण भी लेकर न्याय की मांग की थी।

उधर, चौकीदारों के पूरे मामले में विभाग के एसीएस ( अतिरिक्त मुख्य सचिव) पीके दास ने पूरी गंभीरता से लिया था। उन्होंने मातहत अधिकारियों को इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए कहा था।







Conclusion:इस संबंध में पीएस (सीएम) आरके खुल्लर के साथ में एसीएस सेकेेंडरी एजूकेशन पीके दास ने जनवरी माह में बैठकें भी की थीं। एजूसेट के तहत 4288 चौकीदार उन्हें न्यूनतम वेतन दिए जाने की मांग पिछली सरकारों के समय से करते चले आ रहे थे। जबकि 358 विभिन्न अदालतों में भी शरण ले चुके है, जहां से उन्हें रिलीफ दिलाते हुए अदालत ने मुआवजे के आदेश दिए थे। अब पूरे मामले में बैठकें कर चिंतन मंथन किया गया औऱ अनावश्यक लिटिगेशन से बचने के लिए चौकीदारों को जल्द से जल्द एरियर देने का फैसला लिया गया है। इस तरह से आने वाले दिनों में चौकीदारों को लंबी लड़ाई का फायदा होने जा रहा है।

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