चंडीगढ़: प्रधानमंत्री ने चौकीदार कैंपेन की शुरुआत की जिसके बाद बीजेपी के सभी नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों ने अपने नाम के आगे चौकीदार लगा लिया. जिसके बाद अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत चौकीदारों को भी फायदा हो गया है.
दरअसल सरकारी स्कूलों में कार्यरत चौकीदारों को लंबे समय से बढ़े हुए मानदेय का इंतजार करना पड़ा था. जिसके बाद कई चौकीदारों ने बड़े सरकारी अफसरों से मुलाकात करके उनका महताना बढ़ाने की बात भी कही थी. साथ ही कुछ चौकीदारों ने इस मामले में कोर्ट से भी न्याय की मांग की थी.
इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने चौकीदारों के लिए एक अहम फैसला लिया है जिसके तहत सरकारी स्कूल में कार्यरत चौकीदारों को पिछले 4 सालों को बकाया एरियर के रूप में दिया जाएगा. बता दें कि शिक्षा विभाग के इस कदम से सरकार पर करोड़ो रुपयों का वित्तीय भार पड़ेगा. राज्य में लगभग 14 हजार सरकारी स्कूल हैं. इनमें स्थायी नौकरी करने वाले चौकीदारों की संख्या तो काफी कम है लेकिन एक निश्चित राशी पर नौकरी करने वाले चौकीदार ज्यादा हैं.
इस मामले में पीएस (सीएम) आरके खुल्लर के साथ सैकेंडरी एजूकेशन के एसीएस पीके दास ने जनवरी में बैठक की थी. जिसके बाद सरकारी स्कूलों में कार्यरत चौकीदारों का मानदेय बढ़ाने का फैसला लिया गया था. बता दें कि एजूसेट के तहत 4288 चौकीदार न्यूनतम वेतन दिए जाने की मांग को पिछली सरकारों के समय से उठाते आ रहे थे. अब इस पूरे मामले में बैठकें कर चिंतन किया गया और अनावश्यक लिटिगेशन से बचने के लिए चौकीदारों को जल्द एरियर देने का फैसला लिया गया है.