चंडीगढ़: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो मनरेगा के तहत तालाबों की रिटेनिंग-वॉल, गऊघाट, बड़े स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए प्रेयर-ग्राऊंड/पीटी ग्राऊंड, राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ-साथ पौधारोपण करने और अनाज मंडियों में सब-यार्ड की मरम्मत और रखरखाव करने के अलावा गांवों के संपर्क रास्तों को टूटी ईंटों से मजबूत किया जाए. इससे जहां क्षेत्र का विकास होगा, वहीं मजदूरों को रोजगार हासिल होगा.
डिप्टी सीएम ने आज हरियाणा राज्य रोजगार गांरटी परिषद की छठी बैठक की अध्यक्षता की और मनरेगा के तहत किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने बेहतर कार्य करने पर अधिकारियों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक 1,000 करोड़ रुपये मनरेगा के कार्यों पर खर्च होने की संभावना है. दुष्यंत चौटाला ने मनरेगा के मामलों में आई शिकायतों का तुरंत निपटान करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी सीईओ शिकायतों को साप्ताहिक मॉनिटर करें.
बैठक में जानकारी दी गई कि मनरेगा योजना के तहत हरियाणा सरकार द्वारा चालू वित्त वर्ष में उपलब्धियां प्राप्त करने करने पर लेबर-बजट पहले 100 लाख कार्य-दिवस से बढ़ाकर 140 लाख कार्य-दिवस किया गया और फिर 5 जनवरी 2021 को संशोधित करके 146 लाख कार्य-दिवस किया गया जो कि पिछले वर्ष की तुलना में करीब ढाई गुना है. चालू वित्त वर्ष में 20 जनवरी 2021 तक जहां 722.39 करोड़ रुपये मनरेगा योजना के अनुसार खर्च किए जा चुके हैं. वहीं 31 मार्च 2021 तक पात्र मनरेगा मजदूरों को 1,000 करोड़ रुपये की मजदूरी देने की संभावना है.
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इस योजना के तहत करवाए जाने वाले कार्यों की अधिकारियों ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम-पंचायत के भवन, सूखा और बाढ़ नियंत्रण एवं बचाव के कार्य, जमीन सुधार, सुक्ष्म सिंचाई, खेल का मैदान, पारंपरिक जल निकायों की मरम्मत, ग्रामीण संपर्क और पेयजल, जल संरक्षण के कार्यों समेत गरीब लोगों के पशुओं के लिए शैड आदि के विभिन्न कार्य किए गए. इनमें से अभी तक 8716 कार्य पूर्ण हो चुके हैं जबकि 24,664 कार्य चल रहे हैं.
उपमुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत किए गए खर्च की समीक्षा करते हुए सभी अधिकारियों को अपने-अपने विभाग में और अधिक कार्य करवाने के निर्देश दिए. उन्होंने योजना के तहत पंचायतों के सोशल-ऑडिट की भी समीक्षा की. इसमें जानकारी दी गई कि प्रथम चरण में 659 ग्राम पंचायतों का और द्वितीय चरण में 753 ग्राम पंचायतों का सोशल-ऑडिट किया गया. 31 मार्च 2021 तक तीसरे चरण में 1485 ग्राम पंचायतों का सोशल-ऑडिट कर दिया जाएगा.