चंडीगढ़: हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्य के सभी जिला श्रम आयुक्तों तथा विभाग के उप-निदेशकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की. लॉकडाउन के दौरान अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों में उद्योगों से से हटाए गए श्रमिकों, बिना वेतन और दिहाड़ी कर रह रहे श्रमिकों, ड्राई राशन न मिलने वाले श्रमिको तथा शेल्टर होम में ठहराए गए श्रमिकों की सूची तैयार कर 72 घंटों के अंदर मुख्यालय को भिजवाने के निर्देश दिए.
बैठक में उप मुख्यमंत्री ने इस बात के भी निर्देश दिए कि अधिकारी ईंट-भट्टो, क्रेशर जोन, निर्माण स्थलों तथा अधिक जनसंख्या वाले पानीपत, गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों में रह रहे श्रमिकों का जमीनी स्तर पर जायजा लिया जाए. साथ ही वीडियो क्लिपिंग फोटो के साथ मुख्यालय भेजे जाएं.
लॉकडाउन के दौरान कोई भी उद्योग या नियोक्ता अपने संस्थानों से किसी भी श्रमिक को जबरन निकाल नहीं सकता और यदि वे ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस अवधि के दौरान उद्योग और नियोक्ता को अपने स्तर पर या जिला प्रशासन, रेड क्रॉस और सामाजिक संगठनों के सहयोग से श्रमिकों के खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था करनी होगी. उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि इस अविध के दौरान सरकार ने स्थिति की समीक्षा के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों को हर जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किया है.
अधिकारी इस बात का भी ध्यान रखें कि कोई भी उद्यमी विशेषकर लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम श्रेणी के उद्यमी अपने श्रमिकों को जबरन अवकाश पर ना दें. बड़ी संख्या प्रवासी में उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और उत्तर-पूर्वी राज्यों से बड़ी संख्या में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और हरियाणा के उद्योगों में कार्यरत हैं. लॉकडाउन के दौरान उद्योगों की सुरक्षा के लिए प्राइवेट सिक्योरिटी को भी आवश्यक वस्तु अधिनियम की श्रेणी में रखा गया है.
ये भी पढ़ें- 107 विदेशी समेत 1277 कोरोना संदिग्ध जमाती, कई पर FIR दर्ज और पासपोर्ट जब्त
इसके साथ ही प्रदेश के दुकानदारों को भी सख्त निर्देश दिए. दुष्यंत ने कहा कि थोक एवं खुदरा व्यापारियों की दुकानों पर रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं राशन, किराना और सब्जी के भाव की सूची सरकार द्वारा निर्धारित मूल्यों के आधार पर लगाएं, ताकि दुकानदार ग्राहकों से अधिक मूल्य न वसूल सके. अगर दुकानदार अधिक मूल्य वसूलते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.