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कोरोना के बीच डेंगू और मलेरिया से कैसे जंग लड़ेगा चंडीगढ़?

कोरोना का प्रकोप जारी है और इसी बीच अब डेंगू और मलेरिया का सीजन भी आ चुका है. ऐसे में लोगों के बीच घबराहट काफी बढ़ गई है. इस मुद्दे पर हमने डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज चंडीगढ़, डॉक्टर जी. दीवान से बातचीत की.

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Published : Sep 29, 2020, 6:35 PM IST

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसके साथ-साथ चंडीगढ़ में डेंगू और मलेरिया के केस भी सामने आने शुरू हो गए हैं. ऐसे में लोगों के बीच घबराहट काफी बढ़ गई है, क्योंकि अगर किसी व्यक्ति को सामान्य बुखार या डेंगू और मलेरिया के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे इस बात की चिंता भी हो जाती है कि कहीं उसे कोरोना ने अपनी चपेट में ना ले लिया हो.

साथ ही लोगों के सामने ये दुविधा ही पैदा हो जाती है कि वो पहले कोरोना के लिए डॉक्टर के पास जाएं या डेंगू मलेरिया के लिए. इस मुद्दे पर हमने डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज चंडीगढ़, डॉक्टर जी. दीवान से बातचीत की. उन्होंने बताया कि सबसे पहले तो अगर किसी व्यक्ति में किसी प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे डेंगू मलेरिया के साथ कोविड का भी टेस्ट करवाना चाहिए.

कोरोना के बीच डेंगू और मलेरिया से कैसे जंग लड़ेगा चंडीगढ़?

उन्होंने कहा कि इस मौसम में डेंगू और मलेरिया के केस सामने आने शुरू हो जाते हैं. चंडीगढ़ प्रशासन इसके लिए पूरी तरह से गंभीर है. यहां तक कि चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी सिंह बदनौर हफ्ते में तीन बार चंडीगढ़ के तीनों मुख्य अस्पतालों की टीमों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग भी करते हैं और हालात का जायजा लेते हैं.

ये भी पढे़ं- बरोदा उपचुनाव में भाजपा उतारेगी अपना उम्मीदवार, गठबंधन ने किया तय: अनिल विज

इसके अलावा, चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग और चंडीगढ़ नगर निगम ने मिलकर कई तरह की योजनाएं बनाई हैं. जिस पर काम किया जा रहा है. ताकि डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सके. जिसके तहत अप्रैल महीने से ही चंडीगढ़ में सप्लाई के पानी की प्रतिदिन सैम्पलिंग की जा रही है, ताकि पानी की क्वालिटी की जांच की जा सके. जिस इलाके में पानी में कोई कमी पाई जाती है उसे तुरंत ठीक किया जाता है. चंडीगढ़ में जहां भी रुका हुआ पानी है वहां पर स्प्रे की जाती है, ताकि वहां मच्छर के लारवा पनप सकें.

इसके अलावा, विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर चेकिंग करते हैं कि कहीं पर भी पानी जमा ना हो. लोगों को भी इन बीमारियों को लेकर लगातार जागरूक किया जा रहा है. डॉ. दीवान ने कहा कि हमारे लिए ये खुशी की बात है कि चंडीगढ़ में साल दर साल डेंगू और मलेरिया के मामलों में काफी कमी दर्ज की जा रही है. उन्होंने बताया कि साल 2017 में डेंगू के कुल 1951 मामले सामने आए थे जबकि अगस्त 2020 तक ये घटकर 13 रह गए हैं.

सालडेंगूमलेरियाचिकनगुनिया
2017195111354
20183014404
20192862200
2020130600

कोरोना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल ये कह पाना मुश्किल है कि कोरोना पर कब तक नियंत्रित हो पाएगा, लेकिन चंडीगढ़ में ये भी देखा जा रहा है कि सितंबर के शुरुआती दिनों में कोरोना के केसों में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई, लेकिन उसके बाद केसों में काफी गिरावट भी दर्ज की जा रही है. हालांकि कोरोना के केसों में कमी देखी जा रही है. लेकिन लोगों को लापरवाह नहीं होना चाहिए. कोरोना को लेकर लोग पूरी तरह से सावधानी बरतें, नियमों का गंभीरता से पालन करें. तभी हम आने वाले दिनों में जीत हासिल कर पाएंगे.

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसके साथ-साथ चंडीगढ़ में डेंगू और मलेरिया के केस भी सामने आने शुरू हो गए हैं. ऐसे में लोगों के बीच घबराहट काफी बढ़ गई है, क्योंकि अगर किसी व्यक्ति को सामान्य बुखार या डेंगू और मलेरिया के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे इस बात की चिंता भी हो जाती है कि कहीं उसे कोरोना ने अपनी चपेट में ना ले लिया हो.

साथ ही लोगों के सामने ये दुविधा ही पैदा हो जाती है कि वो पहले कोरोना के लिए डॉक्टर के पास जाएं या डेंगू मलेरिया के लिए. इस मुद्दे पर हमने डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज चंडीगढ़, डॉक्टर जी. दीवान से बातचीत की. उन्होंने बताया कि सबसे पहले तो अगर किसी व्यक्ति में किसी प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे डेंगू मलेरिया के साथ कोविड का भी टेस्ट करवाना चाहिए.

कोरोना के बीच डेंगू और मलेरिया से कैसे जंग लड़ेगा चंडीगढ़?

उन्होंने कहा कि इस मौसम में डेंगू और मलेरिया के केस सामने आने शुरू हो जाते हैं. चंडीगढ़ प्रशासन इसके लिए पूरी तरह से गंभीर है. यहां तक कि चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी सिंह बदनौर हफ्ते में तीन बार चंडीगढ़ के तीनों मुख्य अस्पतालों की टीमों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग भी करते हैं और हालात का जायजा लेते हैं.

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इसके अलावा, चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग और चंडीगढ़ नगर निगम ने मिलकर कई तरह की योजनाएं बनाई हैं. जिस पर काम किया जा रहा है. ताकि डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सके. जिसके तहत अप्रैल महीने से ही चंडीगढ़ में सप्लाई के पानी की प्रतिदिन सैम्पलिंग की जा रही है, ताकि पानी की क्वालिटी की जांच की जा सके. जिस इलाके में पानी में कोई कमी पाई जाती है उसे तुरंत ठीक किया जाता है. चंडीगढ़ में जहां भी रुका हुआ पानी है वहां पर स्प्रे की जाती है, ताकि वहां मच्छर के लारवा पनप सकें.

इसके अलावा, विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर चेकिंग करते हैं कि कहीं पर भी पानी जमा ना हो. लोगों को भी इन बीमारियों को लेकर लगातार जागरूक किया जा रहा है. डॉ. दीवान ने कहा कि हमारे लिए ये खुशी की बात है कि चंडीगढ़ में साल दर साल डेंगू और मलेरिया के मामलों में काफी कमी दर्ज की जा रही है. उन्होंने बताया कि साल 2017 में डेंगू के कुल 1951 मामले सामने आए थे जबकि अगस्त 2020 तक ये घटकर 13 रह गए हैं.

सालडेंगूमलेरियाचिकनगुनिया
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20192862200
2020130600

कोरोना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल ये कह पाना मुश्किल है कि कोरोना पर कब तक नियंत्रित हो पाएगा, लेकिन चंडीगढ़ में ये भी देखा जा रहा है कि सितंबर के शुरुआती दिनों में कोरोना के केसों में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई, लेकिन उसके बाद केसों में काफी गिरावट भी दर्ज की जा रही है. हालांकि कोरोना के केसों में कमी देखी जा रही है. लेकिन लोगों को लापरवाह नहीं होना चाहिए. कोरोना को लेकर लोग पूरी तरह से सावधानी बरतें, नियमों का गंभीरता से पालन करें. तभी हम आने वाले दिनों में जीत हासिल कर पाएंगे.

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