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राज्यसभा में दीपेंद्र हुड्डा ने उठाया किसान आंदोलन का मुद्दा, बोले- प्रजातंत्र पर प्रचार तंत्र हावी हो गया है

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Published : Feb 4, 2021, 3:31 PM IST

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने किसान आंदोलन को लेकर राज्यसभा में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि अपनी प्रजा की बात मानने से किसी सरकार की हार नहीं होती. दीपेंद्र ने मीडिया को निशाने पर लेते हुए कहा कि प्रजातंत्र पर प्रचार तंत्र हावी हो गया है.

deependra hooda on farmers protest in rajyasabha
deependra hooda on farmers protest in rajyasabha

चंडीगढ़: गुरुवार को दीपेंद्र हुड्डा ने राज्यसभा में किसानों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली की सभी सीमाओं पर लाखों किसान संयम से बैठे हैं. 72 दिन में कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी है, लेकिन फिर भी सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है.

राज्यसभा में दीपेंद्र हुड्डा ने उठाया किसान आंदोलन का मुद्दा, देखें वीडियो

दीपेंद्र ने कहा कि जो लोग बॉर्डरों पर बैठे हैं, उन्हें देशद्रोही बोला जा रहा है. उनके बेटे देश की रक्षा के लिए सरहदों पर ड्यूटी दे रहे हैं, तो क्या सरहद पर कुर्बान होने वाला किसान का बेटा भी देशद्रोही होगा. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अपनी प्रजा की बात मानने से किसी सरकार की हार नहीं होती.

ये भी पढ़ें- बीजेपी छोड़ चुके बलवान दौलतपुरिया ने किसान आंदोलन के लिए टिकरी कूच किया

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कृषि कानूनों को जल्दबाजी में लागू किया गया है. इनके लागू होने के बाद 6 महीने पंजाब और हरियाणा में इसका विरोध हुआ, लेकिन सरकार ने किसानों की बात नहीं सुनी. अब आंदोलन को 72 दिन हो चुके हैं और 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है.

उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में जो कुछ भी हुआ वो असहनीय है. उसकी जांच होनी चाहिए. किसान बार्डर पर धरना देना नहीं चाहते थे, लेकिन हरियाणा की सरकार हमलावर हो गई. धरनों से 194 लाशें अब तक आ चुकी हैं, लेकिन सरकार फिर भी इसे गंभीरता से नहीं ले रही. किसी भी आंदोलन में इतनी जान नहीं गई जितनी किसान आंदोलन में चली गई हैं. किसान आंदोलन को दबाने के लिए मीडिया ने भी बहुत जोर लगाया. प्रजातंत्र पर प्रचार तंत्र हावी हो गया

ये भी पढे़ं- अविश्वास प्रस्ताव से साफ हो जाएगा कि कौन जनता के हित में हैं और कौन नहीं- किरण चौधरी

दीपेंद्र ने कहा कि पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले एक बयान दिया था कि किसानों और मुझमें बस एक फोन की दुरी है. उस समय आसा जगी थी कि इस मुद्दे का हल हो सकता है लेकिन पीएम के बयान के बाद स्थिती विपरीत हो गई. सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया, दीवारें खड़ी कर दी और तो और रास्ते में कीलें लगा दी.

चंडीगढ़: गुरुवार को दीपेंद्र हुड्डा ने राज्यसभा में किसानों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली की सभी सीमाओं पर लाखों किसान संयम से बैठे हैं. 72 दिन में कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी है, लेकिन फिर भी सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है.

राज्यसभा में दीपेंद्र हुड्डा ने उठाया किसान आंदोलन का मुद्दा, देखें वीडियो

दीपेंद्र ने कहा कि जो लोग बॉर्डरों पर बैठे हैं, उन्हें देशद्रोही बोला जा रहा है. उनके बेटे देश की रक्षा के लिए सरहदों पर ड्यूटी दे रहे हैं, तो क्या सरहद पर कुर्बान होने वाला किसान का बेटा भी देशद्रोही होगा. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अपनी प्रजा की बात मानने से किसी सरकार की हार नहीं होती.

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दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कृषि कानूनों को जल्दबाजी में लागू किया गया है. इनके लागू होने के बाद 6 महीने पंजाब और हरियाणा में इसका विरोध हुआ, लेकिन सरकार ने किसानों की बात नहीं सुनी. अब आंदोलन को 72 दिन हो चुके हैं और 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है.

उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में जो कुछ भी हुआ वो असहनीय है. उसकी जांच होनी चाहिए. किसान बार्डर पर धरना देना नहीं चाहते थे, लेकिन हरियाणा की सरकार हमलावर हो गई. धरनों से 194 लाशें अब तक आ चुकी हैं, लेकिन सरकार फिर भी इसे गंभीरता से नहीं ले रही. किसी भी आंदोलन में इतनी जान नहीं गई जितनी किसान आंदोलन में चली गई हैं. किसान आंदोलन को दबाने के लिए मीडिया ने भी बहुत जोर लगाया. प्रजातंत्र पर प्रचार तंत्र हावी हो गया

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दीपेंद्र ने कहा कि पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले एक बयान दिया था कि किसानों और मुझमें बस एक फोन की दुरी है. उस समय आसा जगी थी कि इस मुद्दे का हल हो सकता है लेकिन पीएम के बयान के बाद स्थिती विपरीत हो गई. सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया, दीवारें खड़ी कर दी और तो और रास्ते में कीलें लगा दी.

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