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दीपेंद्र हुड्डा का केंद्र पर निशाना, बोले- सरकार किसानों को बार-बार अपमानित कर रही है - deependra hooda choturam death anniversary

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज देश का अन्नदाता किसान पुत्र छोटू राम जी के बताए रास्ते पर अपने हक की आवाज को उठा रहा है. किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहा है. किसानों का संघर्ष और बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.

deependra hooda farmers protest
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Published : Jan 9, 2021, 6:25 PM IST

चंडीगढ़: राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने चौ. छोटू राम की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया. उन्होंने कहा कि चौ. छोटू राम ने किसानों को आजादी से पहले जिस गरीबी के गर्त से निकाला था तीनों काले कानून किसानों को उसी गरीबी के दलदल में धकेल देंगे. किसानों की मांगें ना मानकर और एक के बाद एक तारीख देकर सरकार अपने अहंकार को दर्शा रही है.

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत नहीं बल्कि उन्हें अपमानित करने का काम कर रही है. 60 किसानों की शहादत के बावजूद किसानों के सब्र का बांध नहीं टूटा, सरकार को इस अनुशासित आंदोलन की कद्र करनी चाहिए.

दीपेंद्र ने कहा कि चौ. छोटू राम ने किसानों एवं मजदूरों के हित में कानून बनवाने का काम किया. गिरवी जमीनों की मुफ्त वापसी एक्ट-1938 से किसानों को जमीन के अधिकार मिलने का रास्ता साफ हुआ. आज अगर किसान जमीन का मालिक है तो इसका पूरा श्रेय छोटूराम को जाता है.

ये भी पढे़ं- कड़ी सुरक्षा के बीच होगी सीएम की किसान महापंचायत, चढूनी ने की थी मरोड़ निकालने की अपील

उन्होंने आजादी से पहले कर्जा वसूली के लिए जमीन की नीलामी पर रोक लगाई थी. चौ. छोटू राम से प्रेरणा लेकर ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने कर्ज ना चुका पाने वाले किसानों की जमीन की नीलामी वाले काले कानून को खत्म किया था.

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज मौजूदा सरकार 3 किसान विरोधी कानून बनाकर उसी व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने के प्रयास कर रही है. जिसका देशभर के किसान और किसान संगठन पुरजोर विरोध कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि कहा कि छोटू राम जी ने पद की लालसा छोड़कर हमेशा गरीबों और किसानों के हकों की लड़ाई लड़ी. वो अंग्रेज हुकूमत के अत्याचारों के खिलाफ ना तो बोलने से डरते थे और ना ही लिखने से डरते थे.

चंडीगढ़: राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने चौ. छोटू राम की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया. उन्होंने कहा कि चौ. छोटू राम ने किसानों को आजादी से पहले जिस गरीबी के गर्त से निकाला था तीनों काले कानून किसानों को उसी गरीबी के दलदल में धकेल देंगे. किसानों की मांगें ना मानकर और एक के बाद एक तारीख देकर सरकार अपने अहंकार को दर्शा रही है.

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत नहीं बल्कि उन्हें अपमानित करने का काम कर रही है. 60 किसानों की शहादत के बावजूद किसानों के सब्र का बांध नहीं टूटा, सरकार को इस अनुशासित आंदोलन की कद्र करनी चाहिए.

दीपेंद्र ने कहा कि चौ. छोटू राम ने किसानों एवं मजदूरों के हित में कानून बनवाने का काम किया. गिरवी जमीनों की मुफ्त वापसी एक्ट-1938 से किसानों को जमीन के अधिकार मिलने का रास्ता साफ हुआ. आज अगर किसान जमीन का मालिक है तो इसका पूरा श्रेय छोटूराम को जाता है.

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उन्होंने आजादी से पहले कर्जा वसूली के लिए जमीन की नीलामी पर रोक लगाई थी. चौ. छोटू राम से प्रेरणा लेकर ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने कर्ज ना चुका पाने वाले किसानों की जमीन की नीलामी वाले काले कानून को खत्म किया था.

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज मौजूदा सरकार 3 किसान विरोधी कानून बनाकर उसी व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने के प्रयास कर रही है. जिसका देशभर के किसान और किसान संगठन पुरजोर विरोध कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि कहा कि छोटू राम जी ने पद की लालसा छोड़कर हमेशा गरीबों और किसानों के हकों की लड़ाई लड़ी. वो अंग्रेज हुकूमत के अत्याचारों के खिलाफ ना तो बोलने से डरते थे और ना ही लिखने से डरते थे.

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