चंडीगढ़: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और 1983 वर्ल्ड कप जीत के हीरो रहे यशपाल शर्मा का मंगलवार को निधन हो गया. 66 वर्षीय यशपाल शर्मा का निधन दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ. विश्व कप विजेता टीम के सदस्य यशपाल शर्मा का चंडीगढ़ से खासा नाता रहा है. वे घरेलू क्रिकेट में चंडीगढ़ की ओर से खेलते थे. इसके अलावा भी चंडीगढ़ से उनकी कई यादें जुड़ी हैं.
यशपाल शर्मा का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर साल 1978 में शुरू हुआ था. भारतीय टीम का हिस्सा बनने से पहले यशपाल शर्मा घरेलू क्रिकेट चंडीगढ़ की ओर से खेलते थे. वे चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी की टीम में थे और उन्होंने यूनिवर्सिटी की टीम में रहते हुए इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था, जिसका आयोजन मुंबई में हुआ था. उस वक्त उनकी टीम में कपिल देव और योगराज सिंह जैसे खिलाड़ी भी थे.
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इतना ही नहीं उन्होंने साल 1985 में अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच भी चंडीगढ़ में ही खेला था. ये वनडे मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया था. बारिश के कारण ये मैच 15-15 ओवर का हुआ था. इस मैच में पहले खेलते हुए इंग्लैंड की टीम ने 15 ओवर में 6 विकेट खोकर 121 रन बनाए थे. जवाब में भारतीय टीम 5 विकेट खोकर केवल 114 रन ही बना पाई थी, और इंग्लैंड ये मैच 7 रनों से जीत गई थी. इस मैच में यशपाल शर्मा ने 6 गेंद खेलकर 6 रन बनाए थे.
वहीं 1983 क्रिकेट विश्व कप जीत के लिए यशपाल शर्मा को खास तौर पर याद किया जाता है. दाएं हाथ के बल्लेबाज यशपाल शर्मा ने उस विश्व कप के पहले मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ 89 रनों की शानदार पारी खेली थी. इस मैच में टीम इंडिया को जीत मिली थी.
उन्होंने 1983 के वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भी 61 रनों की शानदार पारी खेलकर भारत को मैच जिताया था. ये मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया था. उनकी इस पारी की बदौलत भारत की टीम अपने पहले विश्व कप फाइनल में पहुंची थी. इस मैच में जो पारी उन्होंने खेली वह शानदार और कभी ना भूलने वाली रही. वे 1983 विश्व कप में भारत के लिए दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे. उन्होंने उस विश्व कप में आठ मैचों में 240 रन बनाए थे.
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