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HC का फैसला: अवैध शादी में भी गुजारा भत्ते की हकदार होगी महिला - गुजारा भत्ता

शादी अवैध होने के बाद भी महिला को गुजारा भत्ता दिया जाएगा. एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.

शादी अवैध तो भी गुजारा भत्ता पाने की हकदार होगी महिला
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Published : May 16, 2019, 11:20 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बेहद अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि अगर शादी अवैध करार दे दी जाए तो भी पत्नी गुजारा भत्ता की हकदार होगी. कोर्ट ने अब गुजारा भत्ता तय करने के लिए केस को निचली अदालत के पास वापस भेज दिया है.

हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया. दरअसल महिला ने हाईकोर्ट में गुजारा भत्ता को लेकर याचिका दाखिल की थी. आपको बता दें कि महिला ने पहले से शादीशुदा होने के बाद भी दूसरी शादी की थी. जब महिला के पति को इसकी जानकारी हुई तो उसने शादी को रद्द करने की अपील लेकर निचली अदालत में याचिका दाखिल कर दी. निचली अदालत ने याची के पति के हक में फैसला सुनाते हुए शादी को रद्द कर दिया.

शादी रद्द होने के बाद याची ने हाईकोर्ट में गुजारा भत्ता की अपील की. जिसके बाद कोर्ट ने याची के पक्ष में फैसला सुनाया है.

चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बेहद अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि अगर शादी अवैध करार दे दी जाए तो भी पत्नी गुजारा भत्ता की हकदार होगी. कोर्ट ने अब गुजारा भत्ता तय करने के लिए केस को निचली अदालत के पास वापस भेज दिया है.

हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया. दरअसल महिला ने हाईकोर्ट में गुजारा भत्ता को लेकर याचिका दाखिल की थी. आपको बता दें कि महिला ने पहले से शादीशुदा होने के बाद भी दूसरी शादी की थी. जब महिला के पति को इसकी जानकारी हुई तो उसने शादी को रद्द करने की अपील लेकर निचली अदालत में याचिका दाखिल कर दी. निचली अदालत ने याची के पति के हक में फैसला सुनाते हुए शादी को रद्द कर दिया.

शादी रद्द होने के बाद याची ने हाईकोर्ट में गुजारा भत्ता की अपील की. जिसके बाद कोर्ट ने याची के पक्ष में फैसला सुनाया है.

Intro:शादी अवैध तो भी पत्नी गुजारा भत्ता की हकदार, हाईकोर्ट का अहम फैसला
-पत्नी पहले से थी शादीशुदा, बिना तलाक लिए कर ली थी दूसरी शादी
-दूसरे पति ने तलाक केलिए दाखिल की थी याचिका, निचली अदालत ने शादी को माना था अवैध
-गुजारा भत्ता के लिए महिला ने हाईकोर्ट में दाखिल की थी याचिका Body:
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक बेहद अहम फैसला सुनाते हुए यह स्पष्टï कर दिया है कि यदि शादी अवैध करार दे दी जाए तो भी पत्नी गुजारा भत्ता की हकदार है। कोर्ट ने अब गुजारा भत्ता तय करने के लिए केस को निचली अदालत के पास वापिस भेज दिया है।
महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा कि वह पहले से शादी शुदा थी लेकिन फिर भी उसने प्रतिवादी से शादी कर ली। जब उसके पति को इसकी जानकारी हुई तो शादी को रद्द करने की अपील लेकर निचली अदालत में याचिका दाखिल कर दी। निचली अदालत ने याची के पति के हक में फैसला सुनाते हुए शादी को रद्द कर दिया। याची ने कहा कि भले ही शादी रद्द हो गई है लेकिन याची को उसके गुजारे के लिए राशि दी जानी चाहिए। वहीं प्रतिवादी पति की ओर से कहा गया कि यदि तलाक होता तो वह गुजारा भत्ता देने को बाध्य होता लेकिन जब शादी ही अवैध हो गई है तो न ही याची उसकी पूर्व पत्नी हुई न ही गुजारा भत्ता की हकदार। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अमृतसर निवासी याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उसे गुजारा भत्ता के लिए हकदार करार दिया। साथ ही राशि तय करने की जिम्मेदारी ट्रायल कोर्ट को सौंपते हुए मामला वापिस ट्रायल कोर्ट भेज दिया है।
Conclusion:
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