चंडीगढ़: हरियाणा में आईसीएमआर की मंजूरी के बाद अब प्लाज्मा थेरेपी से इलाज हो सकेगा. इस बात की जानकारी हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दी. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थैरेपी से इलाज की मंजरी के लिए आईसीएमआर के पास अप्रूवल भेजा है.
बता दें कि, रोहतक पीजीआई के पास प्लाज्मा थैरेपी की मंजूरी पहले से ही थी, लेकिन कोई डोनर नहीं मिल रहा था. अब डोनर भी मिलने शुरू हो गए हैं. 27 जून को एक युवक रोहतक पीजीआई में प्लाज्मा डोनेट करने पहुंचा था. ये युवक पहले कोरोना पॉजिटिव था, लेकिन अब पूरी तरह से ठीक है. रोहतक पीजीआई के डॉक्टर्स उन मरीजों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील कर रहे हैं, जो कोरोना को हराकर पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं.
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Haryana to start Plasma Therapy for treatment of Covid-19 Patients in all its medical colleges after approval from ICMR
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क्या है प्लाज्मा थैरेपी ?
प्लाज्मा थैरेपी में ऐसे लोगों से ब्लड लिया जाता है, जो कोरोना संक्रमण से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. कोरोना से ठीक हुए उन्हीं लोगों का सैंपल लिया जाएगा, जिन्हें हाइपरटेंशन, शुगर और कोई अन्य बीमारियां नहीं होगी. एक व्यक्ति से 300 से 500 मिलीलीटर प्लाज्मा लिया जाएगा.
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ऐसे व्यक्ति के रक्त से प्लाज्मा लेकर नए मरीज को देने पर डोनर के रक्त में मौजूद एंटीबॉडी मरीज के शरीर में मौजूद वायरस को न्यूट्रलाइज कर देगा. इस विधि में आधुनिक टेक्नोलॉजी युक्त मशीन से डोनर के शरीर में मौजूद खून से प्लाज्मा निकाला जाता है. वहीं रेड ब्लड सेल (आरबीसी) और व्हाइट ब्लड सेल (डब्ल्यूबीसी) मरीज के शरीर में वापस चले जाते हैं, जिसे प्लाज्मा फेरेसिस कहा जाता है.