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ICMR की मंजूरी के बाद हरियाणा के सभी मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थैरेपी से हो सकेगा इलाज

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Published : Jun 29, 2020, 6:47 PM IST

Updated : Jun 29, 2020, 7:14 PM IST

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर बताया कि हरियाणा में आईसीएमआर की मंजूरी के बाद प्लाज्मा थेरेपी से इलाज होगा. इससे पहले रोहतक पीजीआई ने कहा था कि वो बहुत जल्द प्लाज्मा थैरेपी से इलाज करेगा.

corona treatment in all medical college of haryana by plasma therapy
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज

चंडीगढ़: हरियाणा में आईसीएमआर की मंजूरी के बाद अब प्लाज्मा थेरेपी से इलाज हो सकेगा. इस बात की जानकारी हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दी. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थैरेपी से इलाज की मंजरी के लिए आईसीएमआर के पास अप्रूवल भेजा है.

बता दें कि, रोहतक पीजीआई के पास प्लाज्मा थैरेपी की मंजूरी पहले से ही थी, लेकिन कोई डोनर नहीं मिल रहा था. अब डोनर भी मिलने शुरू हो गए हैं. 27 जून को एक युवक रोहतक पीजीआई में प्लाज्मा डोनेट करने पहुंचा था. ये युवक पहले कोरोना पॉजिटिव था, लेकिन अब पूरी तरह से ठीक है. रोहतक पीजीआई के डॉक्टर्स उन मरीजों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील कर रहे हैं, जो कोरोना को हराकर पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं.

  • Haryana to start Plasma Therapy for treatment of Covid-19 Patients in all its medical colleges after approval from ICMR

    — ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) June 29, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्या है प्लाज्मा थैरेपी ?

प्लाज्मा थैरेपी में ऐसे लोगों से ब्लड लिया जाता है, जो कोरोना संक्रमण से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. कोरोना से ठीक हुए उन्हीं लोगों का सैंपल लिया जाएगा, जिन्हें हाइपरटेंशन, शुगर और कोई अन्य बीमारियां नहीं होगी. एक व्यक्ति से 300 से 500 मिलीलीटर प्लाज्मा लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें:-हरियाणा: रिकवरी रेट बढ़कर हुआ 64.13 प्रतिशत, अबतक 223 मरीजों की मौत

ऐसे व्यक्ति के रक्त से प्लाज्मा लेकर नए मरीज को देने पर डोनर के रक्त में मौजूद एंटीबॉडी मरीज के शरीर में मौजूद वायरस को न्यूट्रलाइज कर देगा. इस विधि में आधुनिक टेक्नोलॉजी युक्त मशीन से डोनर के शरीर में मौजूद खून से प्लाज्मा निकाला जाता है. वहीं रेड ब्लड सेल (आरबीसी) और व्हाइट ब्लड सेल (डब्ल्यूबीसी) मरीज के शरीर में वापस चले जाते हैं, जिसे प्लाज्मा फेरेसिस कहा जाता है.

चंडीगढ़: हरियाणा में आईसीएमआर की मंजूरी के बाद अब प्लाज्मा थेरेपी से इलाज हो सकेगा. इस बात की जानकारी हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दी. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थैरेपी से इलाज की मंजरी के लिए आईसीएमआर के पास अप्रूवल भेजा है.

बता दें कि, रोहतक पीजीआई के पास प्लाज्मा थैरेपी की मंजूरी पहले से ही थी, लेकिन कोई डोनर नहीं मिल रहा था. अब डोनर भी मिलने शुरू हो गए हैं. 27 जून को एक युवक रोहतक पीजीआई में प्लाज्मा डोनेट करने पहुंचा था. ये युवक पहले कोरोना पॉजिटिव था, लेकिन अब पूरी तरह से ठीक है. रोहतक पीजीआई के डॉक्टर्स उन मरीजों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील कर रहे हैं, जो कोरोना को हराकर पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं.

  • Haryana to start Plasma Therapy for treatment of Covid-19 Patients in all its medical colleges after approval from ICMR

    — ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) June 29, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्या है प्लाज्मा थैरेपी ?

प्लाज्मा थैरेपी में ऐसे लोगों से ब्लड लिया जाता है, जो कोरोना संक्रमण से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. कोरोना से ठीक हुए उन्हीं लोगों का सैंपल लिया जाएगा, जिन्हें हाइपरटेंशन, शुगर और कोई अन्य बीमारियां नहीं होगी. एक व्यक्ति से 300 से 500 मिलीलीटर प्लाज्मा लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें:-हरियाणा: रिकवरी रेट बढ़कर हुआ 64.13 प्रतिशत, अबतक 223 मरीजों की मौत

ऐसे व्यक्ति के रक्त से प्लाज्मा लेकर नए मरीज को देने पर डोनर के रक्त में मौजूद एंटीबॉडी मरीज के शरीर में मौजूद वायरस को न्यूट्रलाइज कर देगा. इस विधि में आधुनिक टेक्नोलॉजी युक्त मशीन से डोनर के शरीर में मौजूद खून से प्लाज्मा निकाला जाता है. वहीं रेड ब्लड सेल (आरबीसी) और व्हाइट ब्लड सेल (डब्ल्यूबीसी) मरीज के शरीर में वापस चले जाते हैं, जिसे प्लाज्मा फेरेसिस कहा जाता है.

Last Updated : Jun 29, 2020, 7:14 PM IST
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