चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना तेजी से पैर फैला रहा है. कोरोना की दूसरी लहर ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी है. प्रदेश में पिछले 15 दिनों में अविश्वसनीय संक्रमण का विस्तार हुआ है. अचानक कोरोना संक्रमण बढ़ने से सूबे के अस्पतालों में कोरोना मरीजों का जमावड़ा लग गया है, हालत ये है कि आज गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले में मरीजों को बेड भी उपलब्ध भी नहीं हो पा रहे हैं.
इस समय सबसे ज्यादा मारामारी ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड को लेकर हो रही है. शहर-शहर मरीजों और उनके परिजनों को अस्पतालों में धक्का खाते हुए देखा जा रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में संक्रमण की स्थिति कितनी खतरनाक है.
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साल 2021 में कोरोना की रफ्तार
ईटीवी भारत ने जनवरी 2021 से हरियाणा सरकार की तरफ से रोजाना जारी होने वाले डाटा की जांच की. साल की शुरूआत में हरियाणा में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ तो रहे थे, लेकिन स्थिति बेहतक होने लगी थी, दिसंबर,2020 के महीने को कोरोना संक्रमण के लहजे से सकारात्मक रूप से नियंत्रण वाली स्थिति मानी जा रही थी.
जब पूरे प्रदेश में आ रहे थे 100 से कम मरीज
प्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर तेजी से सुधार हो रहा था. हरियाणा में जनवरी के आखिरी सप्ताह से 20 फरवरी तक सौ से भी कम मामले सामने आए थे, जिससे सभी प्रदेश सरकार और प्रशासन में काफी आत्मविश्वास बढ़ गया. प्रदेश में हर तरह से ढील दे दी गई. परिवहन, सिनेमा, क्लब और सार्वजनिक कार्यक्रम करने के लिए भी छूट दे दी गई.
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60 दिनों में बढ़े 100 गुना मरीज
हरियाणा में 20 फरवरी को एक दिन में नए संक्रमितों का आंकड़ा तीन अंकों में (111 मामले) पहुंचा. सात दिन बाद 27 फरवरी को ये आंकड़ा दो गुना होकर 200 मामलों तक पहुंचा. शायद यही सबसे बड़ी चेतावनी थी, जिसे प्रशासन ने नजरअंदाज किया. फरवरी के आखिरी हफ्ते में प्रदेश में मामले तेजी से बढ़ते गए और तब से रफ्तार नहीं रुकी. आलम ये हुआ कि महज 60 दिन में प्रदेश में 100 गुना संक्रमित मरीज 24 घंटे में सामने आने लगे. 27 अप्रैल को पिछले 24 घंटों में 11,931 नए संक्रमित मरीज मिले हैं.
बढ़ते रहे केस, गिरती रही रिकवरी रेट
साल 2020 के जाते-जाते हरियाणा में रिकवरी रेट काफी अच्छा हो चुका था. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक हर रोज 98 से 99 प्रतिशत हरियाणा में कोरोना मरीजों की रिकवरी दर थी. साल 2021 के शुरुआती दो महीनों में भी बेहतक रिकवरी रेट देखने को मिली, लेकिन मार्च का महीना आते-आते प्रदेश में रिकवरी रेट औंधे मुंह गिरने लगी. मार्च के पहले हफ्ते में जहां रिकवरी रेट 98.40 फीसदी तक पहुंचा, वहीं अप्रैल का महीना आते-आते प्रदेश का रिकवरी रेट 18-19 फीसदी गिर गया. 27 अप्रैल को 80.33 फीसदी रिकवरी रेट था.
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