चंडीगढ़: किसानों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा ने केंद्र और हरियाणा सरकार को घेरा है. अशोक अरोड़ा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि पिछले 20 दिनों से देश का किसान सड़कों पर है.
उन्होंने कहा कि सरकार को जिद्द छोड़कर कृषि कानून वापस लेने चाहिए थे मगर सरकार की मजबूरी है, अम्बानी व अडानी जैसे लोगों की तरफ से ड्राफ्ट बनाए गए हैं. इन बड़े कारोबारियों ने पहले से ही गोदाम बनाने शुरू कर दिए हैं.
अरोड़ा ने कहा कि अभी तक ठंड से 12 किसानों की मौत हो चुकी है. किसानों को मजदूर बनाकर छोड़ना चाहते हैं. किसान कई बार बातचीत के लिए आ चुके हैं. अब सरकार को बातचीत छोड़कर कानून वापस लेने चाहिए.
वहीं कई विभिन्न किसान संगठनों के समर्थन पर अरोड़ा ने कहा ये किसानों को बांटने की कोशिश है. एक नया मुद्दा लाया जा रहा है, आंदोलन को कमजोर करने के लिए एसवाईएल का मुद्दा उठाया जा रहा है.
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हरियाणा की गठबंधन सरकार पर भी अशोक अरोड़ा बरसे और कहा कि प्रदेश में बीजेपी-जेजेपी की गठबंधन की सरकार है. हरियाणा सरकार जितना दोषी है उतने ही दोषी जेजेपी और दुष्यंत चौटाला हैं. खुद को चौधरी देवीलाल का वारिस बताते हैं, देवीलाल बड़े से बड़ा पद ठुकरा देते थे.
अरोड़ा ने कहा कि चौधरी देवीलाल सीएम थे तब पीएम मोरारजी ने उनको चरण सिंह के आंदोलन में नहीं जाने के लिए कहा था, लेकिन चौधरी देवीलाल ने कहा था कि वो पहले किसान हैं. अरोड़ा ने कहा कि दुष्यंत चौटाला केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करके खुद की विफलता छिपा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि किसानों को आतंकवादी बताने की निंदा करता हूं, ये अन्नदाता का अपमान है. कहीं बाहर से लोग नहीं आये, हरियाणा व पंजाब के ही लोग हैं. कभी कांग्रेस का नाम लेते हैं, कभी आतंकवादी, कभी खालिस्तानी तो कभी माओवादी बता दिया जाता है. अरोड़ा ने इस मामले पर बातचीत छोड़कर अब केवल कानूनों को रद्द करना ही हल बताया है.
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