चंडीगढ़: मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में हरियाणा में गिरते भूजल स्तर को लेकर एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की. चुनाव आचार संहिता लगी होने के चलते इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर मुख्यमंत्री ने पहले चुनाव आयोग से कॉन्फ्रेंस करने को लेकर अनुमति ली.
'हरियाणा के पानी से दिल्ली की आपूर्ति भी करते हैं'
प्रेस वार्ता के दौरान सीएम ने कहा कि हरियाणा के पास जो पानी है उसमें से दिल्ली की आपूर्ति को पूरा करना पड़ता है. किसाऊ, रेणुका और लखवार डेम समेत कई परियोजना हैं. जिनसे भविष्य में कुछ आपूर्ति पूरी होगी. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार भी पानी के लिए काम कर रही है. लोगों और किसानों से भी सहयोग की उम्मीद है.
'हरियाणा के नौ जिले डार्क जोन में हैं'
सीएम ने कहा कि हरियाणा के 9 जिले डार्क जॉन में हैं और पानी का स्तर नीचे जा चुका है. उन्होंने कहा कि भूजल हरियाणा में काफी नीचे चला गया है. साथ ही बताया कि वो अब धान की बजाय एक अलग वैकल्पिक फसल लगाएं और वो 7 ब्लॉक के लिए पायलेट योजना लेकर आए हैं.
'अरहर, मक्का लगाने वाले किसानों को मिलेगा अनुदान'
सीएम ने कहा कि करनाल के असंध, कैथल के पूंडरी, कुरुक्षेत्र के थानेश्वर समेत इन 7 ब्लॉक में 1 लाख 95 हजार 357 हेक्टेयर एरिया में धान लगाई जाती है. इस एरिया में अरहर, मक्का लगाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार इस फसल को लगाने के लिए प्रोत्साहन भी देगी और सहायता अनुदान भी दिया जाएगा.
'सरकार ने 3 हजार तलाबों पर काम किया है'
सीएम ने कहा कि हरियाणा में तालाब प्राधिकरण अथॉरिटी बनाई हुई है. प्रदेश में 14 हजार तालाबों को इसके लिए चिन्हित किया गया है. सरकार ने पहले चरण में 3 हजार तालाबों पर काम किया है. इसकी एनजीटी ने सराहना की है.
'दिल्ली को हम पानी देते हैं, मगर दिल्ली वाले पैसे नहीं देते'
वहीं सीएम ने बताया कि प्रदेश में एक पंचायत ने फैसला लिया है कि अब कोई धान नही बोयेगा. उन्होंने कहा कि हम ऐसी पंचायतों को भी सम्मानित करेंगे. वहीं दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सीएम ने कहा कि दिल्ली को हम पानी दे रहे हैं. मगर दिल्ली के लोग पैसे नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली ने 100 करोड़ बकाया देना है और अभी केवल 20 करोड़ ही दिए हैं.