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गिरता भूजल स्तर: धान की खेती पर संकट, इन फसलों पर सब्सिडी देगी सरकार - pc

मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश में गिरते भूजल स्तर को लेकर एक प्रेस वार्ता की. सीएम ने प्रेस वार्ता कर कई अहम मुद्दों पर बात की. साथ ही पानी की कमी को लेकर दिल्ली सरकार को भी आड़े हाथों लिया.

मनोहर लाल खट्टर, सीएम
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Published : May 22, 2019, 3:04 AM IST

Updated : Jun 12, 2019, 6:19 PM IST

चंडीगढ़: मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में हरियाणा में गिरते भूजल स्तर को लेकर एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की. चुनाव आचार संहिता लगी होने के चलते इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर मुख्यमंत्री ने पहले चुनाव आयोग से कॉन्फ्रेंस करने को लेकर अनुमति ली.

'हरियाणा के पानी से दिल्ली की आपूर्ति भी करते हैं'
प्रेस वार्ता के दौरान सीएम ने कहा कि हरियाणा के पास जो पानी है उसमें से दिल्ली की आपूर्ति को पूरा करना पड़ता है. किसाऊ, रेणुका और लखवार डेम समेत कई परियोजना हैं. जिनसे भविष्य में कुछ आपूर्ति पूरी होगी. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार भी पानी के लिए काम कर रही है. लोगों और किसानों से भी सहयोग की उम्मीद है.

'हरियाणा के नौ जिले डार्क जोन में हैं'
सीएम ने कहा कि हरियाणा के 9 जिले डार्क जॉन में हैं और पानी का स्तर नीचे जा चुका है. उन्होंने कहा कि भूजल हरियाणा में काफी नीचे चला गया है. साथ ही बताया कि वो अब धान की बजाय एक अलग वैकल्पिक फसल लगाएं और वो 7 ब्लॉक के लिए पायलेट योजना लेकर आए हैं.

'अरहर, मक्का लगाने वाले किसानों को मिलेगा अनुदान'
सीएम ने कहा कि करनाल के असंध, कैथल के पूंडरी, कुरुक्षेत्र के थानेश्वर समेत इन 7 ब्लॉक में 1 लाख 95 हजार 357 हेक्टेयर एरिया में धान लगाई जाती है. इस एरिया में अरहर, मक्का लगाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार इस फसल को लगाने के लिए प्रोत्साहन भी देगी और सहायता अनुदान भी दिया जाएगा.

'सरकार ने 3 हजार तलाबों पर काम किया है'
सीएम ने कहा कि हरियाणा में तालाब प्राधिकरण अथॉरिटी बनाई हुई है. प्रदेश में 14 हजार तालाबों को इसके लिए चिन्हित किया गया है. सरकार ने पहले चरण में 3 हजार तालाबों पर काम किया है. इसकी एनजीटी ने सराहना की है.

'दिल्ली को हम पानी देते हैं, मगर दिल्ली वाले पैसे नहीं देते'
वहीं सीएम ने बताया कि प्रदेश में एक पंचायत ने फैसला लिया है कि अब कोई धान नही बोयेगा. उन्होंने कहा कि हम ऐसी पंचायतों को भी सम्मानित करेंगे. वहीं दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सीएम ने कहा कि दिल्ली को हम पानी दे रहे हैं. मगर दिल्ली के लोग पैसे नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली ने 100 करोड़ बकाया देना है और अभी केवल 20 करोड़ ही दिए हैं.

वीडियो पर क्लिक कर सुनें

चंडीगढ़: मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में हरियाणा में गिरते भूजल स्तर को लेकर एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की. चुनाव आचार संहिता लगी होने के चलते इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर मुख्यमंत्री ने पहले चुनाव आयोग से कॉन्फ्रेंस करने को लेकर अनुमति ली.

'हरियाणा के पानी से दिल्ली की आपूर्ति भी करते हैं'
प्रेस वार्ता के दौरान सीएम ने कहा कि हरियाणा के पास जो पानी है उसमें से दिल्ली की आपूर्ति को पूरा करना पड़ता है. किसाऊ, रेणुका और लखवार डेम समेत कई परियोजना हैं. जिनसे भविष्य में कुछ आपूर्ति पूरी होगी. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार भी पानी के लिए काम कर रही है. लोगों और किसानों से भी सहयोग की उम्मीद है.

'हरियाणा के नौ जिले डार्क जोन में हैं'
सीएम ने कहा कि हरियाणा के 9 जिले डार्क जॉन में हैं और पानी का स्तर नीचे जा चुका है. उन्होंने कहा कि भूजल हरियाणा में काफी नीचे चला गया है. साथ ही बताया कि वो अब धान की बजाय एक अलग वैकल्पिक फसल लगाएं और वो 7 ब्लॉक के लिए पायलेट योजना लेकर आए हैं.

'अरहर, मक्का लगाने वाले किसानों को मिलेगा अनुदान'
सीएम ने कहा कि करनाल के असंध, कैथल के पूंडरी, कुरुक्षेत्र के थानेश्वर समेत इन 7 ब्लॉक में 1 लाख 95 हजार 357 हेक्टेयर एरिया में धान लगाई जाती है. इस एरिया में अरहर, मक्का लगाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार इस फसल को लगाने के लिए प्रोत्साहन भी देगी और सहायता अनुदान भी दिया जाएगा.

'सरकार ने 3 हजार तलाबों पर काम किया है'
सीएम ने कहा कि हरियाणा में तालाब प्राधिकरण अथॉरिटी बनाई हुई है. प्रदेश में 14 हजार तालाबों को इसके लिए चिन्हित किया गया है. सरकार ने पहले चरण में 3 हजार तालाबों पर काम किया है. इसकी एनजीटी ने सराहना की है.

'दिल्ली को हम पानी देते हैं, मगर दिल्ली वाले पैसे नहीं देते'
वहीं सीएम ने बताया कि प्रदेश में एक पंचायत ने फैसला लिया है कि अब कोई धान नही बोयेगा. उन्होंने कहा कि हम ऐसी पंचायतों को भी सम्मानित करेंगे. वहीं दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सीएम ने कहा कि दिल्ली को हम पानी दे रहे हैं. मगर दिल्ली के लोग पैसे नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली ने 100 करोड़ बकाया देना है और अभी केवल 20 करोड़ ही दिए हैं.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हरियाणा में गिरते भू जल स्तर को लेकर चिंता जाहिर की । सीएम ने कहा कि विषय काफी जरूरी है जिसके लिए उन्होंने चुनाव आयोग की  परमिशन ली है । सीएम ने कहा  *जल ही जीवन है* ये विषय है जिस पर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है । उन्होंने कहा कि हरियाणा में जो धान की खेती का क्रेज बना हुआ है उसको डिस्क्रेज करना चाहते हैं चूंकि इसमें पानी की खपत ज्यादा है।  हरियाणा में बारिश जरूरत से काफी कम होती है इसलिए पानी का संकट रहता है । हरियाणा में कोई सीधी नदी भी नही है इसी तरह बरसाती नदी से भी पानी की आपूर्ति पूरी नही होती । हरियाणा के पास जो पानी है उसमें से भी दिल्ली की आपूर्ति को पूरा करना पड़ता है ।किसाऊ ,रेणुका और लखवार डेम समेत कई परियोजना है जिनसे भविष्य में कुछ आपूर्ति पूरी होगी । हरियाणा सरकार भी पानी के लिए काम कर रही है लोगों और किसानों से भी सहयोग की उम्मीद है । हरियाणा के 9 जिले डार्क जॉन में  हैं पानी की स्तर नीचे जा चुका है । सीएम ने कहा कि भूजल हरियाणा में काफी नीचे चला गया है । धान की बजाय एक अलग वैकल्पिक सात ब्लॉक के लिए पायलेट योजना लेकर आए है जिसमे करनाल के असंध ,कैथल के पूंडरी ,कूरुक्षेत्र के थानेश्वर समेत 7 क्षेत्र है । उन्होंने कहा कि 1 लाख 95 हजार 357 हेक्टेयर एरिया में इन सातों ब्लॉक में धान लगाई जाती है
। इस एरिया में अरहर ,मक्का लगाने के लिए प्रेरित किसानों को किया जाएगा । सीएम ने कहा दिल्ली पर हरियाणा के 100 करोड़ रुपये पानी के बकाया हैं । दिल्ली को हम लगातार पानी दे रहे हैं लेकिन नियमानुसार दिल्ली ने हमे पानी के बदले पैसा नहीं दिया है।  दिल्ली से पानी का 120 करोड़ रुपये लेना था लेकिन इसमें से सिर्फ 20 करोड़ रुपये दिल्ली ने दिए हैं । दिल्ली पर पानी के 100 करोड़ रुपये बकाया है । 1995 से दिल्ली ने पानी के पैसे नही चुकाए । सीएम ने कहा इस मामले को हम मीडिया में नहीं रखते थे लेकिन शायद दिल्ली को अब शर्म आ जाए । वहीं सीएम ने कहा पीने के पानी की 101 स्थानों पर पानी की गुणवत्ता खराब हुई है , इन जगह कनाल बेस्ट वाटर देने का प्रयास है , 94 पर या पानी दे दिया है या काम प्रोसेस पर है । 




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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में  हरियाणा में गिरते भूजल स्तर को लेकर एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की । चुनाव आचार संहिता लगी होने के चलते इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर मुख्यमंत्री ने पहले चुनाव आयोग से कॉन्फ्रेंस करने को लेकर अनुमति ली । सीएम ने कहा कि हरियाणा के पास जो पानी है उसमें से भी दिल्ली की आपूर्ति को पूरा करना पड़ता है । किसाऊ ,रेणुका और लखवार डेम समेत कई परियोजना है जिनसे भविष्य में कुछ आपूर्ति पूरी होगी । हरियाणा सरकार भी पानी के लिए काम कर रही है लोगों और किसानों से भी सहयोग की उम्मीद है । सीएम ने कहा कि हरियाणा के 9 जिले डार्क जॉन में  हैं पानी की स्तर नीचे जा चुका है । भूजल हरियाणा में काफी नीचे चला गया है । धान की बजाय एक अलग वैकल्पिक सात ब्लॉक के लिए पायलेट योजना लेकर आए है ।  करनाल के असंध ,कैथल के पूंडरी ,कूरुक्षेत्र के थानेश्वर समेत इन 7 ब्लॉक में 1 लाख 95 हजार 357 हेक्टेयर एरिया में धान लगाई जाती है । इस एरिया में अरहर ,मक्का लगाने के लिए प्रेरित किसानों को किया जाएगा । सरकार इस फसल को लगाने के लिए प्रोत्साहन भी देगी और सहायता अनुदान भी दिया जाएगा । सीएम ने कहा बासमती को छोड़कर धान की अन्य किस्मों की जगह मक्का और अरहर का विकल्प दिया जाएगा । मक्का और अरहर की फसल की बेचने के लिए किसानों को दिक्कत ना आए ये सुनिश्चित किया जाएगा । मक्के की खेती का रसायनिक इनपुट कम है इससे हरा चारा और साइलेज भी मिलेगा । सीएम ने कहा सोनीपत के दो गांव है जिनमें धान की खेती छोड़कर मक्के की खेती की है । सीएम ने कहा 1 किलो चावल पर 3 से 5 हजार लीटर पानी चाहिए होता है जबकि मक्के में पानी कम खर्च होगा ।
अरहर औऱ सोयाबीन की खेती किसानों के लिए लाभप्रद है और पानी कम चाहिए होता है । इसके लिए वैकल्पिक खेती करने वाले किसानों को 2 हजार रुपये प्रति एकड़ दिया जाएगा इसके साथ उच्च क्वालिटी का बीज और फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम की राशि सरकार देगी ।
बाइट - मनोहर लाल , मुख्यमंत्री हरियाणा 
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सीएम ने कहा कि हरियाणा में तालाब प्राधिकरण अथॉरिटी बनाई हुई है । प्रदेश में 14 हजार तालाबों को इसके लिए चिन्हित किया गया है । सरकार ने पहले चरण में 3 हजार तालाबों पर काम किया है इसकी एनजीटी ने सराहना की है ।चुनाव आयोग से परमिशन सरकार इस फसल को लगाने के लिए प्रोत्साहन भी देगी और सहायता अनुदान भी दिया जाएगा । सीएम ने कहा बासमती को छोड़कर धान की अन्य किस्मों की जगह मक्का और अरहर का विकल्प दिया जाएगा । सीएम ने इस दौरान कहा कि जितना पानी हमें मिलता है उसमें दिल्ली को भी देना पड़ता है । दिल्ली की पूर्ति के लिए दूसरे राज्यों को भी आगे आना चाहिए । एसवाईएल की मांग है जो जल्द आना चाहिए ये प्रयास है । पाकिस्तान में व्यर्थ जा रहा है पानी उसपर भी चिंता शुरू हो गई है । प्रदेश में भूजल स्तर 20 से 30 मीटर निचे चला गया है । सीएम ने कहा पीने के पानी की 101 स्थानों पर पानी की गुणवत्ता खराब हुई है । इन जगह कनाल बेस्ट वाटर देने का प्रयास है , 94 पर या पानी दे दिया है या काम प्रोसेस पर है । 3 महीने में पीने के पानी की गयरेंटी को पूरा करेंगे । चुनाव में भी इसको लेकर रोष देखने को मिला था लोगों ने बॉयकॉट भी चुनाव का किया था ।
बाइट - मनोहर लाल , मुख्यमंत्री हरियाणा
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सीएम ने कहा  एक पंचायत ने फैसला किया कोई धान नही बोयेगा , हम ऐसी पंचायतों को भी सम्मानित करेंगे । वहीं दिल्ली को आड़े हाथों लेते हुए सीएम ने कहा कि  दिल्ली को हम पानी दे रहे है मगर दिल्ली के लोग पैसे नही दे रहे है । दिल्ली ने 100 करोड़ बकाया देना है और केवल अभी 20 करोड़ ही दिए है । सीएम ने कहा कि 1995 से दिल्ली ने पानी के पैसे नही चुकाए । सीएम ने फिर साधा दिल्ली पर निशाना  कहा दिल्ली को अलग अलग बैठकों में बकाया को लेकर याद करवाते रहे है । कोर्ट से लेकर अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में भी याद करवाया जाता है । मुख्यमंत्री ने कहा पहले दिल्ली पर बकाये पैसे की बात को लेकर हम मीडिया में नही कहते थे आज की है देखो शायद दिल्ली को शर्म आ जाये । 
बाइट - मनोहर लाल , मुख्यमंत्री हरियाणा




Conclusion:गौरतलब है कि हरियाणा में गिरते भूजल स्तर को लेकर हरियाणा सरकार ने चिंता जतानी शुरू कर दी है । देखना ये होगा की जिन 7 ब्लॉक्स को लेकर सरकार प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है उसमें हालात कितने सुधरते है ।
Last Updated : Jun 12, 2019, 6:19 PM IST
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