चंडीगढ़: सीएम मनोहर लाल ने शुक्रवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रथम राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता पुरस्कार वितरण समारोह को सम्बोधित किया. इस दौरान सीएम ने सभी से आह्वान किया है कि वे कमजोर से कमजोर विद्यार्थी की पहचान कर उसके हुनर के अनुरूप कौशल विकास कर उसे आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करें.
मनोहर लाल ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे कमजोर विद्यार्थियों की सहायता के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा गठित ‘जीरो एसोसिएशन’ की तर्ज पर उनके अन्त्योदय के सिद्धांत को आत्मसात करें और गरीब, कमजोर व वंचित तथा समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े विद्यार्थी की पहचान कर उसे आगे बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि एक शिक्षक अपनी अध्ययन पद्धति से युवाओं के जीवन को सुधारने व संवारने का कार्य कर अपनी छाप छोड़ता है और शिक्षक की छाप एक विद्यार्थी कभी अपने जीवन में भुूल नहीं सकता.
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दोनों महापुरुषों ने अपने-अपने सिद्धांतों पर चलते हुए देश के विकास एवं प्रगति में अहम योगदान दिया. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अहिंसा परमोधर्म के सिद्धांत पर चलकर विश्व को अहिंसा का रास्ता दिखाया था तो वहीं लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा देकर देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के साथ-साथ खाद्यान्न उत्पादन के मामले में भी देश को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया था.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर अभियान’ को सही मायने में सफल बनाने के लिए युवाओं को गुणवत्तापरक व रोजगारपरक शिक्षा दी जानी चाहिए ताकि उनका कौशल विकास हो सके. सीएम ने कहा कि नई शिक्षा नीति में छठी कक्षा से ही कौशल विकास के विकल्प चुनने का प्रावधान किया गया है, जो आगे चलकर विद्यार्थी को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका अदा करेगा.