चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विपक्षी नेताओं को करारा जवाब देते हुए कहा है कि वो स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर घटिया राजनीति करने से बाज आएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा और इनेलो के विधायक अभय सिंह चौटाला ने 13 अगस्त को स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन बंद करने और उनके आश्रितों को मिलने वाले लाभ बंद करने के जो आरोप लगाए, वो बिल्कुल बेबुनियाद, कोरा झूठ और शर्मनाक हैं.
मुख्यमंत्री ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों को जनवरी, 2020 की पेंशन 5 फरवरी को, फरवरी की पेंशन 4 मार्च को, मार्च की पेंशन 15 अप्रैल को, अप्रैल की पेंशन 14 मई को, मई की पेंशन 19 जून को जारी की थी और जून और जुलाई की पेंशन 11 अगस्त को जारी कर दी थी. इस प्रकार, कोरोना से उपजे वित्तीय संकट के चलते हुए भी स्वतंत्रता सेनानियों को सरकार द्वारा निरंतर पेंशन दी गई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों में से 47 पौत्रियों की शादी के लिए जनवरी, 2020 से अगस्त, 2020 तक 23 लाख 97 हजार रुपये की राशि जारी की है. उन्होंने कहा कि हर पौत्री को 51000 रुपये की कन्यादान राशि दी है.
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मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों के नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें झूठ बोलने और लोगों को भ्रमित करने से पहले तथ्यों की सही जानकारी प्राप्त करनी चाहिए थी, क्योंकि स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर झूठे बयान जारी करने की ओछी राजनीति शर्म की बात है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल मार्च, 2005 से अक्तूबर, 2009 तक केवल 35 करोड़ रुपये सम्मान पेंशन राशि दी थी, जबकि दूसरे कार्यकाल नवंबर, 2009 से अक्तूबर, 2014 तक 102 करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी थी. सरकार ने नवंबर, 2014 से अब तक 111 करोड़ रुपये सम्मान पेंशन दी है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विपक्षी नेताओं ने स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के आश्रितों को नौकरी में आरक्षण ना देने पर भी झूठ बोला है. उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों में अगर पूर्व सैनिकों या उनके आश्रितों के योग्य उम्मीदवार नहीं मिलते तो दो प्रतिशत आरक्षण स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के आश्रितों को आरक्षण दिया जा रहा है.