चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्मयंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर एक बार फिर से पंजाब सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब सरकार पर शासन का दुरूपयोग करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति से पंजाब सरकार को भंग करने की मांग की है. बुधवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि निजी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में (Manohar Lal Khattar statement on sting operation) ये साफ हो चुका है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को लेकर पंजाब पुलिस को जानकारी थी. इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों को नहीं हटाया गया.
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पंजाब CID के DSP सुखदेव सिंह के स्टिंग ऑपरेशन में (sting operation of Punjab CID DSP Sukhdev Singh) साफ हो चुका है कि CID की रिपोर्ट थी कि मौसम खराब हो सकता है और प्रधानमंत्री के लिए वैकवल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जानी चाहिए. इसके बावजूद वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करने की जगह किसान नेताओं को प्रधानमंत्री का रास्ता रोकने के निर्देश थे. जिसपर सीएम मनोहर लाल ने इस पूरे वाकये की घोर निंदा करते हुए कहा कि जानबूझकर प्रधानमंत्री की जान को खतरे में डाला गया है.
वहीं सीएम खट्टर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस इंदू मल्होत्रा की देखरेख में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है. जिसकी रिपोर्ट में सारी सच्चाई सामने आ जाएगी और पंजाब सरकार का पटाक्षेप सबके सामने आएगा. साथ ही मुख्मयंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसी भी राज्य में प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा करना राज्य का विषय होता है. लेकिन पंजाब सरकार ने शासन का दुरूपयोग करके प्रधामंत्री की जान को खतरे में डाला है. बता दें कि इसे लेकर सीएम खट्टर ने पहले भी राष्ट्रपति से पंजाब सरकार को भंग करने की अपील की है.
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बता दें कि बुधवार (5 जनवरी, 2021) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के बठिंडा जिले में पहुंचे थे. यहां से उन्हें राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था, लेकिन राष्ट्रीय शहीद स्मारक से तकरीब 30 किलोमीटर पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला जब फ्लाईओवर पर पहुंचा तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक लिया. इसी वजह से मोदी के काफिले को 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर इंतजार करना पड़ा. इसे पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इस चूक पर गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा है. गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है.
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