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21 जुलाई से शुरू होगा मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम, ये है इसकी खासियत

रविवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी कार्यक्रम की डॉ. राकेश गुप्ता ने जानकारी दी. डॉ. राकेश गुप्ता ने प्रेस वार्ता कर जुलाई से शुरू होने वाले नए बैच की जानकारी दी.

मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री (फाइल फोटो)
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Published : May 26, 2019, 11:26 PM IST

चंडीगढ़: पिछले तीन सालों में मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के कार्यकाल को देखते हुए हरियाणा सरकार ने इस कार्यक्रम के चौथे बैच को 21 जुलाई से शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली है. मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने रविवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि 2016 में तीन साल पहले शुरू किए गए इस महत्वाकांक्षी फेलोशिप कार्यक्रम में सुशासन को सुनिश्चित करने के लिए देशभर के प्रतिभावान युवाओं को शामिल किया गया.

21 जुलाई से शूरू होगा नया बैच
उन्होंने सामाजिक प्रभाव पैदा करने के लिए जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ सीधा कार्य किया. डॉ. गुप्ता ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करते हुए 25 सहयोगियों की चयन प्रक्रिया 1 जून से शुरू होगी. चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद बैच 21 जुलाई से मुख्यमंत्री कार्यालय और जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करना शुरू कर देगा.

उम्मीदवारों को 22 जिलों में रखा जाएगा
उन्होंने कहा कि चयनित उम्मीदवारों को 22 जिलों में रखा जाएग जोकि सरकार की पहलों में नवाचार दृष्टिकोण, पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में सहायता करेंगे. सहयोगी 6 से 7 सप्ताह जिलों में बिताने के बाद चुनौतियों और भावी कार्य पद्घतियों पर विचार विमर्श करने के लिए एक सप्ताह तक इस कार्यक्रम के ज्ञान सहयोगी अशोका विश्वविद्यालय में व्यतीत करेंगे.

कार्यक्रम सहयोगियों को 50 हजार का स्टाइपेंड मिलेगा
इच्छुक उम्मीदवार टीम में शामिल होने के लिए आवेदन कर सकते हैं और सरकारी कामकाज और नीति निर्माण में एक नया अनुभव प्राप्त कर सकते हैं. कार्यक्रम सहयोगियों को 50,000 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड के साथ और उनके संबंधित जिलों में आवास की सुविधा भी प्रदान करता है. चयन प्रक्रिया के सम्बन्ध में अधिक सूचना और महत्वपूर्ण तिथियों और सफल भर्ती प्रक्रिया की जानकारी सीएमजीजीए की वेबसाइट पर उपलब्ध है.

तीन सालों में 14 लाख नागरिकों ने सेवाएं की प्राप्त
इन कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने 35 विभागों की 480 सेवाओं को अंत्योदय सरल नामक प्लेटफार्म पर सिंगल ऑनलाइन डिजिटाइज किया है. ये सेवाएं ऑनलाइन प्राप्त करने के अलावा 115 अंत्योदय सरल केन्द्र स्थापित करके दिसम्बर, 2018 में इन्हें संचालित कर दिया गया. इस प्लेटफार्म की शुरूआत से लेकर अब तक 14 लाख नागरिकों ने ये सेवाएं प्राप्त की हैं.

चंडीगढ़: पिछले तीन सालों में मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के कार्यकाल को देखते हुए हरियाणा सरकार ने इस कार्यक्रम के चौथे बैच को 21 जुलाई से शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली है. मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने रविवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि 2016 में तीन साल पहले शुरू किए गए इस महत्वाकांक्षी फेलोशिप कार्यक्रम में सुशासन को सुनिश्चित करने के लिए देशभर के प्रतिभावान युवाओं को शामिल किया गया.

21 जुलाई से शूरू होगा नया बैच
उन्होंने सामाजिक प्रभाव पैदा करने के लिए जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ सीधा कार्य किया. डॉ. गुप्ता ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करते हुए 25 सहयोगियों की चयन प्रक्रिया 1 जून से शुरू होगी. चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद बैच 21 जुलाई से मुख्यमंत्री कार्यालय और जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करना शुरू कर देगा.

उम्मीदवारों को 22 जिलों में रखा जाएगा
उन्होंने कहा कि चयनित उम्मीदवारों को 22 जिलों में रखा जाएग जोकि सरकार की पहलों में नवाचार दृष्टिकोण, पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में सहायता करेंगे. सहयोगी 6 से 7 सप्ताह जिलों में बिताने के बाद चुनौतियों और भावी कार्य पद्घतियों पर विचार विमर्श करने के लिए एक सप्ताह तक इस कार्यक्रम के ज्ञान सहयोगी अशोका विश्वविद्यालय में व्यतीत करेंगे.

कार्यक्रम सहयोगियों को 50 हजार का स्टाइपेंड मिलेगा
इच्छुक उम्मीदवार टीम में शामिल होने के लिए आवेदन कर सकते हैं और सरकारी कामकाज और नीति निर्माण में एक नया अनुभव प्राप्त कर सकते हैं. कार्यक्रम सहयोगियों को 50,000 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड के साथ और उनके संबंधित जिलों में आवास की सुविधा भी प्रदान करता है. चयन प्रक्रिया के सम्बन्ध में अधिक सूचना और महत्वपूर्ण तिथियों और सफल भर्ती प्रक्रिया की जानकारी सीएमजीजीए की वेबसाइट पर उपलब्ध है.

तीन सालों में 14 लाख नागरिकों ने सेवाएं की प्राप्त
इन कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने 35 विभागों की 480 सेवाओं को अंत्योदय सरल नामक प्लेटफार्म पर सिंगल ऑनलाइन डिजिटाइज किया है. ये सेवाएं ऑनलाइन प्राप्त करने के अलावा 115 अंत्योदय सरल केन्द्र स्थापित करके दिसम्बर, 2018 में इन्हें संचालित कर दिया गया. इस प्लेटफार्म की शुरूआत से लेकर अब तक 14 लाख नागरिकों ने ये सेवाएं प्राप्त की हैं.

पिछले तीन वर्षों में मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी कार्यक्रम की अपार सफलता के दृष्टिगत हरियाणा सरकार ने इस कार्यक्रम के चौथे बैच को 21 जुलाई, 2019 से शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली है ।

मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ0 राकेश गुप्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए कहा कि 2016 में तीन साल पहले शुरू किए गए इस महत्वाकांक्षी फेलोशिप कार्यक्रम में सुशासन को सुनिश्चित करने के लिए देश भर के प्रतिभावान युवाओं को बदलाव लाने वाले के रूप में शामिल करते हुए उनको एक मंच प्रदान किया और उन्होंने सामाजिक प्रभाव पैदा करने के लिए जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ सीधा कार्य किया।

डॉ0 गुप्ता ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करते हुए 25 सहयोगियों की चयन प्रक्रिया 1 जून, 2019 से शुरू होगी। चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, बैच 21 जुलाई, 2019 से मुख्यमंत्री कार्यालय और जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करना शुरू कर देगा।

उन्होंने कहा कि चयनित उम्मीदवारों को 22 जिलों में रखा जाएग जोकि  सरकार की पहलों में नवाचार दृष्टिकोण, पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में सहायता करेंगें। सहयोगी 6 से 7 सप्ताह जिलों में बिताने के बाद चुनौतियों व भावी कार्य पद्घतियों पर विचार विमर्श करने के  लिए एक सप्ताह तक इस कार्यक्रम के ज्ञान सहयोगी अशोका  विश्वविद्यालय में व्यतीत करेंगे।

इच्छुक उम्मीदवार टीम में शामिल होने के लिए आवेदन कर सकते हैं और सरकारी कामकाज और नीति निर्माण  में एक नया अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। कार्यफ्म सहयोगियों को  50,000 रुपये  प्रतिमाह स्टाइपेंड  के साथ और उनके संबंधित जिलों में आवास की सुविधा भी प्रदान करता है। चयन प्रक्रिया के सम्बन्ध में अधिक सूचना और महत्वपूर्ण तिथियों व सकल भर्ती प्रक्रिया की जानकारी सीएमजीजीए की वेबसाइट www.cmgga.in पर उपलब्ध है।

देशभर से युवा प्रणाली के साथ नजदीक से काम करके सुशासन के महत्व को समझ सकते हैं, नीतियों में बदलाव के वाहक बन सकते हैं और शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, रोडवेज, स्वच्छता, लेंगिक मुददों, नागरिक सेवा प्रदायगी और ढांचागत सुधार समेत विभिन्न मुददों पर नागरिकों के लिए बड़ा प्रभाव पैदा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में 80 सहयोगियों ने विभिन्न कार्यफ्मों में कार्य किया है और प्रभावशाली सफलताएं हासिल की हैं। उन्होंने राज्य के महत्वपूर्ण कार्यफ्मों का सुचारू फ्यिन्वयन सुनिश्चित किया है। इनमें से कई अब संयुक्त राष्ट्र संगठनों, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों, नीति आयोग जैसे थिंक टैंक और परामर्श फर्मों के साथ काम कर रहे हैं, जबकि कुछ एक ने उद्यमशीलता की डगर अपनाई है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न नई रण नीतियां अपनाकर राज्य में सुशासन प्रदान करने में सफल रही है, जिसकी चहुं और से भूरि-भूरि प्रशंसा हुई है। यह हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का दृष्टिकोण है कि युवाओं की ताकत और उनके नवाचार का सुशासन सुनिश्चित करने के लिए उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगियों द्वारा सामयिक जानकारियां, अन्तराल क्षेत्रों का विवरण और सुझाव हर तीन महीने के बाद सीधे मुख्यमंत्री को दिए जाते हैं।

इन कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने 35 विभागों की 480 सेवाओं को अंत्योदय सरल नामक प्लेटफार्म पर सिंगल ऑनलाइन डिजिटाइज किया है। ये सेवाएं ऑनलाइन प्राप्त करने विकल्प के अलावा 115 अंत्योदय सरल केन्द्र स्थापित करके दिसम्बर, 2018 में इन्हें संचालित कर दिया गया। इस प्लेटफार्म की शुरूआत से लेकर अब तक 14 लाख नागरिकों ने ये सेवाएं प्राप्त की हैं।

उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने शिक्षा में नियोजित ढंग से सुधार किए हैं और सक्षम हरियाणा के माध्यम से विद्यार्थियों के सीखने के स्तर में सुधार किया है। इस कार्यफ्म से विद्यार्थियों में हिन्दी और गणित के सक्षमता स्तर में सुधार करने में सहायता मिली है। तृतीय पक्ष द्वारा किए गये आकलन के आधार पर राज्य के 119 खण्डों में से 94 खण्डों को सक्षम घोषित किया जा चुका है और राजकीय विद्यालयों के 80 प्रतिशत विद्यार्थियों में 80 प्रतिशत गे्रड स्तर की सक्षमता आई है। यह पहल सक्षम प्लस स्तर प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ाई जा रही है, जिससे विद्यार्थियों की अंग्रेजी की सक्षमता में भी सुधार होगा। बेटी बचाओ बेटी पढाओं अभियान के एक भाग में सहयोगियों ने पीओसीओएस अधिनियम के तहत दायर मामलों में सजा दर में सुधार लाने में सहायता की है। राज्य में लड़का-लड़की भेदभाव को खत्म करने के लिए जागृति जैसे लेंगिक संवेदना कार्यफ्म चलाए गये। जागृति का पिछले वर्षों में विस्तार हुआ है, युनिसेफ, जोकि इसका तकनीकी सहयोगी है, उससे काफी सहायता मिली है और यह कार्यफ्म एमएएमटीए एचआईएमसी द्वारा फ्यिन्वित है और रिलेक्सों फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित है।

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