नूंह: हरियाणा के नूंह में पिनगवां थाना क्षेत्र अंतर्गत रोड तेड़ गांव में श्मशान भूमि में जाने का कई सालों से रास्ता नहीं था. ग्रामीणों ने श्मशान भूमि को जाने वाले रास्ते पर कब्जा किया हुआ था. रास्ते में उपला, बटोरे, ज्वार की पुली इत्यादि ग्रामीणों ने लगाए हुए थे. सोमवार को तेड़ गांव में एक बच्चे की मृत्यु हो गई. जिसके अंतिम संस्कार को श्मशान भूमि तक ले जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था.
अवैध कब्जे पर कार्रवाई: गांव में करीब तीन एकड़ भूमि श्मशान के लिए छोड़ी हुई है. करीब साढ़े 16 फुट का रास्ता इस शमशान भूमि के लिए कागजों में छोड़ा गया था. लेकिन अतिक्रमण के चलते यह रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया था. तेड़ गांव में अधिकतर एससी समाज के लोग इसी शमशान भूमि में अंतिम संस्कार करते हैं, लेकिन बार-बार कहने के बावजूद भी जब अतिक्रमणकारी बाज नहीं आ रहे थे. तो इस मामले की शिकायत की गई. सुभाष चंद थाना प्रभारी पिनगवां ने दलबल के साथ सोमवार को तेड़ गांव में पहुंचे. अवैध कब्जे पर पीला पंजा चलाया गया.
लंबे समय बाद हटाया अतिक्रमण: जिस समय पीला पंजा चलाया गया, उस समय महिलाएं व पुरुष अपने उपले, बटोरे तथा ज्वार-बाजरे की पुलियों को हटाने में लगे हुए दिखाई दिए. लंबे समय बाद अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया. तो बुलडोजर व पुलिस टीम को देखकर ग्रामीणों की भारी भीड़ मौके पर जुट गई.
श्मशान जाने वाले रास्ते को किया अतिक्रमण मुक्त: दरअसल, गांव में अधिकतर आबादी मुस्लिम समाज के लोगों की है और तकरीबन 100-150 लोग एससी समाज के इस गांव में रहते हैं. आरएसएस से जुड़े लोगों ने कहा कि दलित समाज के लोगों ने उनसे शमशान भूमि का रास्ता दिलवाने का या खाली कराने की मांग की थी. जिसके बाद पुलिस प्रशासन को मामले की सूचना दी गई. पुलिस प्रशासन ने भी मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पीले पंजे की मदद से शमशान भूमि को जाने वाले रास्ते को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त करा दिया गया. इस दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तेड़ गांव में डटा रहा. कई घंटे तक चली इस कार्रवाई से दलित समाज के लोगों ने राहत की सांस ली है. अब वह आसानी से श्मशान भूमि में जाकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को कर सकते हैं.
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