चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में 12 मार्च को रखे गए बजट अनुमानों पर चर्चा के बाद सदन में अपना उत्तर दिया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 के पिछले बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 5052 करोड़ रुपये निर्धारित किये गए थे जो वर्ष 2021-22 के बजट अनुमानों में 6111 करोड़ रुपये रखे गए हैं वो 20.9 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.
इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जितने भी सवाल साथी विधायकों ने उठाये थे सभी का जवाब दिया है. गरीबों का आर्थिक विकास हमारी प्रथमिकता है, सीएम ने कहा विपक्ष निरुत्तर था, कोई जवाब उनके पास नहीं था.
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'हर पांच साल में कर्जा डबल होता है'
सीएम ने कहा प्रदेश पर हर 5 साल में कर्ज डबल होता है. सीएम ने कहा 2020-21 में 1 लाख 98 हजार का कर्जा है. सीएम ने कहा पिछले साल कर्ज का अनुमान बताया 40 हजार करोड़ था, लेकिन 31 हजार करोड़ लिया. साढ़े 8 हजार करोड़ कर्ज नहीं लिया जो ले सकते थे. वर्ष के अंत में पता चलता है कितना कर्जा लेना होगा. सीएम ने निंदा प्रस्ताव पर कहा की निंदा पस्ताव पारित किया है. पार्टी की बात नहीं है किसी भी पार्टी के विधायक का घेराव होता है निंदा होनी चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा के सवालों का दिया जवाब
वहीं भपेंद्र हुड्डा ने आर्थिक स्तिथी पर जो सवाल उठाए उसपर सीएम ने कहा आरोप लगाना आसान है, 2015 से जो आरोप लगा रहे हैं. रटा रटाया भाषण आ रहा है कर्जे को लेकर समझा दिया गया है कि कर्ज जीडीपी के तहत आता है, 5 प्रतिशत जीडीपी का 4.75 प्रतिशत आज भी डेट तक जा सकते है.
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'ये बजट जनता को अर्पण किया गया है'
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि प्रदेश का वर्ष 2021-22 का बजट अनुमान पूरे प्रदेश की जनता को ध्यान में रखकर बड़ी संवेदनशीलता के साथ तैयार किया गया है. यह जनता को अर्पण किया है ना कि किसी क्षेत्र विशेष को. बजट में सिंचाई और कृषि पर विशेष फोकस करते हुए इस बजट को किसानों को समर्पित किया गया है.
'कृषि क्षेत्र में बजट में वृद्धी हुई है'
उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य कृषि क्षेत्र में बजट को घटाने की बात कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि इसमें वृद्धि हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार सिंचाई के लिए पिछले वर्ष के संशोधन अनुमान 2892 करोड़ रुपये के थे. इस साल 2021-22 के बजट अनुमानों में इसे बढ़ाकर 5081 करोड़ रुपये किया गया है, जिसमें 75 प्रतिशत की वृद्धि है.
मनोहर लाल ने सदन को इस बात की भी जानकारी दी कि सिंचाई का पैसा पश्चिमी यमुना नहर के हथनीकुंड बैराज से भालौठ ब्रांच तक जीर्णोद्धार पर खर्च किया जाएगा. इसी प्रकार, सूक्ष्म सिंचाई की बड़ी परियोजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी और इसके लिए अभिरूचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित की गई हैं.
'आंकड़ों में अंतर नहीं, अलग तरह से लिखा हुआ है'
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की विधायिका किरण चौधरी द्वारा चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के हिंदी व अंग्रेजी के कॉपी में आंकड़ों में अंतर बताने के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि बजट के पैरा 56 में यह कहा गया है कि 9,14,273 किसानों को बीमा के लिए कवर किया गया है जबकि अंग्रेजी में यह 9.14 लाख है जो एक ही बात है. उन्होंने कहा कि क्या किरण चौधरी दशमलव के फार्मूले को नहीं जानती हैं. अगर ये संख्या हिंदी में 9,14,773 होती तो अंग्रेजी में इसे 9.15 लाख लिखा जाता है जोकि स्वाभाविक है.
सरकार ने बिजली चोरी को रोका है
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह, किरण चौधरी ने बिजली सब्सिडी में 440 करोड़ रुपये की सब्सिडी कम करने का आरोप लगाया है. बिजली सब्सिडी कम होना इस बात का परिचायक है कि सरकार ने बिजली चोरी को रोका है और बिजली कम्पनियों के कार्य प्रदर्शन में सुधार हुआ है. अब बिजली कम्पनियां लाभ में हैं, जिसके परिणामस्वरूप बिजली कम्पनियों ने सरकार को 115 करोड़ रुपये का लाभांश का चेक दिया है.
किरण चौधरी ने गरीबी रेखा को लेकर पूछा सवाल
सदन में में कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने सीएम से पूछा कि आप गरीब किसे मानते हैं, जिसके जवाब में सीएम ने कहा कि हम 80 हजार रुपये या उससे कम सालाना आय वाले परिवार को गरीबी रेखा से नीचे मानते हैं, उन्होंने कहा कि हम उसे भी गरीब मानते हैं जिसके पास चार मंजिला मकान है और कार है, लेकिन उनके परिवार की आय 80 हजार रुपये से कम है.
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सीएम ने सरस्वती नदी के मुद्दे पर दिया जवाब
सीएम ने कहा कि इसी तरह, किरण चौधरी ने सरस्वती नदी के नाम पर करोड़ों रुपये खराब करने का आरोप लगाया है, जबकि सरस्वती हमारी संस्कृति की प्रतीक है और यह सौभाग्य की बात है कि इसका उदगम स्थम यमुनानगर के नजदीक आदीबद्री है, जिसे राज्य सरकार द्वारा विकसित किया जा रहा है.
'हम पड़ोसी राज्यों से बेहतर स्थिति में हैं'
इस संदर्भ में सरस्वती हेरिटेज बोर्ड का गठन किया गया है और इसका बजट सिर्फ 1.15 करोड़ रुपये का है. मनोहर लाल सदन को यह भी आश्वासन दिया कि कोविड-19 के बावजूद हम राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं वित्त प्रबंधन के मानदंडों को बनाए रखने में सफल रहे हैं और अपने पड़ोसी राज्य पंजाब, राजस्थान से कहीं बेहतर स्थिति में हैं.