ETV Bharat / state

विधानसभा में विपक्ष ने उठाया पीपीपी का मुद्दा, सीएम मनोहर लाल बोले- जो जानकारी आधार में नहीं वो पीपीपी में, गरीब को घर बैठे मिल रहा लाभ - Chandigarh Hindi News

Parivar Pehchan Patra in Haryana: हरियाणा में परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) का मुद्दा मंगलवार को विधानसभा के अंदर उठा. विपक्ष इस मामले पर मानसून सत्र के आखिरी दिन सदन के अंदर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लेकर आया था. सीएम मनोहर लाल ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार पीपीपी के जरिए हर गरीब तक पहुंची है.

Manohar Lal Statement on PPP
Manohar Lal Statement on PPP
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 29, 2023, 9:00 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि सरकार ने परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के माध्यम से गरीब पात्र व्यक्ति को दफ्तर के बेवजह चक्कर काटने, वहां जाकर दस्तावेजों को जमा करवाने और आदमी को बेवजह लूटने वाले एजेंटों से बचाने का काम किया है ताकि पात्र लाभार्थियों को राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ मिल सके. मुख्यमंत्री मंगलवार को मानसून सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में परिवार पहचान पत्र के संबंध में विपक्ष द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोल रहे थे.

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि उन्होंने खुद 70 गांव में जाकर पूछा है, जहां पर 98 प्रतिशत लोगों के परिवार पहचान पत्र बने हुए हैं और वह इससे संतुष्ट हैं. हमारी सरकार से पहले जो दबंग था, चाहे वो पात्र था या अपात्र, सभी योजनाओं का लाभ किसी ना किसी तरह से ले लेता था. परंतु गरीब व कमजोर व्यक्ति लाइन में लगने की हिम्मत नहीं कर सकता था. अगर हिम्मत करता था तो धक्का मार के निकाल दिया जाता था, या दफ्तर का क्लर्क कह देता था कि दस्तावेज गलत हैं इन्हें पूरा करके लाओ.

ये भी पढ़ें- पीपीपी में 1 लाख 80 हजार से कम आय वालों के भी बनेंगे बनेंगे आयुष्मान गोल्डन कार्ड, 16 से 30 नवंबर तक चलेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से वर्तमान सरकार ने सभी गलत प्रथाओं पर अंकुश लगाते हुए पात्र व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ देने का काम किया है. उन्होंने कहा कि अकेले जनवरी 2023 में परिवार पहचान पत्र के माध्यम से हमने 12.30 लाख से अधिक नए राशन कार्ड बनाए हैं. पात्र लोगों के घर बैठे यह राशन कार्ड बने हैं. आज हमने पहचान की है कि कौन व्यक्ति गरीब है और किसको सरकारी सेवाओं की आवश्यकता है.

परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) का सिद्धांत आधार द्वारा निर्मित डिजिटल बुनियादी ढांचे से लिया गया है. जिन सूचनाओं को आधार का डाटा सत्यापित नहीं करता, पीपीपी में उन सभी सूचनाओं का समावेश किया गया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि पीपीपी का प्राथमिक उद्देश्य विभिन्न योजनाओं का लाभ बिना सरकारी दफ्तर में जाए लाभार्थी को घर बैठे प्रदान करना है. पीपीपी में एक परिवार के सभी व्यक्तियों के डाटा का संकलन है. प्रत्येक परिवार को 8 अंको की आईडी प्रदान की जा रही है. मनोहर लाल, मुख्यमंत्री हरियाणा

सीएम ने कहा कि सालों से गरीबी हटाओ का नारा तो सुनाते रहे पर किसी ने कभी इस दिशा में प्रयास नहीं किया. हम एक-एक गरीब व्यक्ति तक पहुंचे हैं ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. पिछली सरकारों में गरीबों को केवल वोट बैंक के नाते से उपयोग किया गया. उदाहरण के तौर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि परिवार पहचान पत्र में 2.78 लाख ऐसे परिवार मिले जो इनकम टैक्स पेई थे और उनका राशन कार्ड भी बना हुआ था. साथ ही 80 हजार ऐसे परिवारों की पहचान हुई जिनके घर में कोई ना कोई सरकारी नौकरी थी और वो लाभ ले रहे थे.

ये भी पढ़ें- अभी नहीं सुधारी गई PPP की त्रुटियां, लोग महीनों बाद भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर

मनोहर लाल ने कांग्रेस शासन के दौरान रोहतक के उपायुक्त का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय तो वहां पर सीनियर डॉक्टर और अधिकारियों तक के नाम बीपीएल की लिस्ट में थे. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जो गलतियां परिवार पहचान पत्र में ध्यान में लाई जा रही हैं उन्हें उतनी ही जल्दी ठीक भी किया जा रहा है. सीएम खट्टर ने बताया कि अगर परिवार पहचान पत्र का पैन नंबर है तो लाभार्थी हमारी स्कीम से बाहर हो जाएगा. अगर पैन कार्ड के कॉलम में वह नहीं लिखता है तो संबंधित जानकारी लेकर उसे सरकारी योजनाओं का लाभ घर बैठे ही दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- अर्बन लोकल बॉडी में प्रॉपर्टी आईडी की शिकायतों को किया जा रहा ठीक: CM मनोहर लाल

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि सरकार ने परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के माध्यम से गरीब पात्र व्यक्ति को दफ्तर के बेवजह चक्कर काटने, वहां जाकर दस्तावेजों को जमा करवाने और आदमी को बेवजह लूटने वाले एजेंटों से बचाने का काम किया है ताकि पात्र लाभार्थियों को राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ मिल सके. मुख्यमंत्री मंगलवार को मानसून सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में परिवार पहचान पत्र के संबंध में विपक्ष द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोल रहे थे.

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि उन्होंने खुद 70 गांव में जाकर पूछा है, जहां पर 98 प्रतिशत लोगों के परिवार पहचान पत्र बने हुए हैं और वह इससे संतुष्ट हैं. हमारी सरकार से पहले जो दबंग था, चाहे वो पात्र था या अपात्र, सभी योजनाओं का लाभ किसी ना किसी तरह से ले लेता था. परंतु गरीब व कमजोर व्यक्ति लाइन में लगने की हिम्मत नहीं कर सकता था. अगर हिम्मत करता था तो धक्का मार के निकाल दिया जाता था, या दफ्तर का क्लर्क कह देता था कि दस्तावेज गलत हैं इन्हें पूरा करके लाओ.

ये भी पढ़ें- पीपीपी में 1 लाख 80 हजार से कम आय वालों के भी बनेंगे बनेंगे आयुष्मान गोल्डन कार्ड, 16 से 30 नवंबर तक चलेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से वर्तमान सरकार ने सभी गलत प्रथाओं पर अंकुश लगाते हुए पात्र व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ देने का काम किया है. उन्होंने कहा कि अकेले जनवरी 2023 में परिवार पहचान पत्र के माध्यम से हमने 12.30 लाख से अधिक नए राशन कार्ड बनाए हैं. पात्र लोगों के घर बैठे यह राशन कार्ड बने हैं. आज हमने पहचान की है कि कौन व्यक्ति गरीब है और किसको सरकारी सेवाओं की आवश्यकता है.

परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) का सिद्धांत आधार द्वारा निर्मित डिजिटल बुनियादी ढांचे से लिया गया है. जिन सूचनाओं को आधार का डाटा सत्यापित नहीं करता, पीपीपी में उन सभी सूचनाओं का समावेश किया गया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि पीपीपी का प्राथमिक उद्देश्य विभिन्न योजनाओं का लाभ बिना सरकारी दफ्तर में जाए लाभार्थी को घर बैठे प्रदान करना है. पीपीपी में एक परिवार के सभी व्यक्तियों के डाटा का संकलन है. प्रत्येक परिवार को 8 अंको की आईडी प्रदान की जा रही है. मनोहर लाल, मुख्यमंत्री हरियाणा

सीएम ने कहा कि सालों से गरीबी हटाओ का नारा तो सुनाते रहे पर किसी ने कभी इस दिशा में प्रयास नहीं किया. हम एक-एक गरीब व्यक्ति तक पहुंचे हैं ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. पिछली सरकारों में गरीबों को केवल वोट बैंक के नाते से उपयोग किया गया. उदाहरण के तौर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि परिवार पहचान पत्र में 2.78 लाख ऐसे परिवार मिले जो इनकम टैक्स पेई थे और उनका राशन कार्ड भी बना हुआ था. साथ ही 80 हजार ऐसे परिवारों की पहचान हुई जिनके घर में कोई ना कोई सरकारी नौकरी थी और वो लाभ ले रहे थे.

ये भी पढ़ें- अभी नहीं सुधारी गई PPP की त्रुटियां, लोग महीनों बाद भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर

मनोहर लाल ने कांग्रेस शासन के दौरान रोहतक के उपायुक्त का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय तो वहां पर सीनियर डॉक्टर और अधिकारियों तक के नाम बीपीएल की लिस्ट में थे. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जो गलतियां परिवार पहचान पत्र में ध्यान में लाई जा रही हैं उन्हें उतनी ही जल्दी ठीक भी किया जा रहा है. सीएम खट्टर ने बताया कि अगर परिवार पहचान पत्र का पैन नंबर है तो लाभार्थी हमारी स्कीम से बाहर हो जाएगा. अगर पैन कार्ड के कॉलम में वह नहीं लिखता है तो संबंधित जानकारी लेकर उसे सरकारी योजनाओं का लाभ घर बैठे ही दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- अर्बन लोकल बॉडी में प्रॉपर्टी आईडी की शिकायतों को किया जा रहा ठीक: CM मनोहर लाल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.