चंडीगढ़: शहर में मेयर चुनाव की घोषणा होने के बाद चंडीगढ़ में राजनीति तेज हो गई है. 17 जनवरी को शहर में मेयर के चुनाव कराए जाएंगे. चुनाव के लिए मनोनीत पार्षद अमित जिंदल को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है. इसको लेकर राजनीतिक पार्टियों द्वारा बैठकों का दौर शुरू कर दिया गया है. चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद (BJP State President Arun Sood) ने कहा कि इस बार पार्टी जनरल वर्ग से प्रत्याशी का चुनाव करेगी.
पिछले साल 8 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर पद पर भाजपा ने कब्जा किया था. इस दौरान भाजपा की सरबजीत कौर मेयर बनी थीं. आम आदमी पार्टी का एक वोट इनवैलिड होने के चलते उसे रद्द कर दिया था. ऐसे में भाजपा उम्मीदवार सरबजीत कौर को एक वोट से विजेता घोषित किया गया. आम आदमी पार्टी और भाजपा के दोनों उम्मीदवारों को 14-14 वोट पड़े थे. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने बहिष्कार किया था, जिस कारण भाजपा और आप में कड़ी टक्कर के बावजूद भाजपा अपना मेयर बनाने में कामयाब रही थी.(Chandigarh Municipal Corporation Election)
आप और कांग्रेस का गठजोड़!: चंडीगढ़ हाउस मीटिंग में हुए हंगामे के बाद भाजपा का मेयर बनने से रोकने के लिए इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही अपनी अपनी रणनीति पर काम करते हुए भाजपा को रोकने की योजना पर काम कर रहे हैं. दोनों पार्टियों का गठजोड़ भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है. क्योंकि नगर निगम में इस समय किसी भी दल के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है. आप और भाजपा के 14-14, कांग्रेस के 6 और अकाली दल का एक पार्षद है. ऐसे में इस बार मेयर चुनाव दिलचस्प होने वाले हैं. मेयर चुनाव में सांसद का एक वोट किरण खेर का है. इसलिए भाजपा के पास कुल 15 वोट हैं, लेकिन चुनाव में बहुमत का आंकड़ा 19 है.
मेयर पद पर भाजपा का दावा: अरुण सूद दावा कर रहे हैं कि पिछली बार की तरह इस बार भी उनकी पार्टी मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर कब्जा करेगी. भाजपा की ओर से इस बार नए चेहरे को मौका देने की भी बात कही जा रही है. जिसके लिए दिल्ली हाईकमान की राय ली जाएगी. ऐसे में 12 जनवरी से नामांकन शुरू होने से पहले ही दिल्ली में इस को लेकर मंथन किया जाएगा. वहीं चंडीगढ़ में भी पार्टी के सभी सदस्यों के साथ मीटिंग की जा रही है.
इस बार नए चेहरे पर दावं: चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने दावा करते हुए कहा कि इस बार मेयर के चुनाव में हमारी पार्टी ही जीतेगी. सरबजीत कौर की जगह पार्टी किसी और को उम्मीदवार बनने का मौका देगी. उन्होंने कहा कि सरबजीत कौर एक बेहतरीन मेयर रही हैं. उन्हें डमी मेयर भी कहा गया, लेकिन उन्होंने शहर के हक में सही फैसले लिए हैं, लेकिन इस बार जनरल वर्ग के ही उम्मीदवार को मेयर बनाया जाएगा. दिल्ली हाईकमान के निर्देश पर अंतिम फैसला किया जाएगा, लेकिन इससे यह साफ है कि सरबजीत कौर दोबारा मेयर नहीं बनेगी.