चंडीगढ़: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सरकारी मकान में एक महिला के साथ रहना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. हाई कोर्ट ने सेना में लांस नायक याचिका जमाना देते हुए की.
हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि यदि सेना चाहे तो याची के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है. याचिका दाखिल करते हुए बताया गया कि 23 सितंबर 2020 को याची की पत्नी ने उसके खिलाफ जींद में एफआईआर दर्ज करवाई थी. शिकायत में उसकी पत्नी ने कहा कि याची उस पर अत्याचार करता है. याची को जो सरकारी मकान मिला है उसमें वो एक गैर महिला के साथ रहता है.
साथ ही आरोप लगाया गया है कि दहेज के लिए याची उसे परेशान करता है. पंचायती समझौते में याची के ससुर ने दहेज के एवज में 50 हजार रुपये भी दिए थे. हाई कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने जब जांच की तो 50 हजार रुपये पंचायती समझौते में देने की बात साबित नहीं हुई.
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हाई कोर्ट ने कहा कि कोई व्यक्ति किसी के साथ रहता है तो ये अपराध की श्रेणी में नहीं आता. मकान सरकारी है और सेना का है. ऐसे में यदि सेना चाहे तो अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है. इन टिप्पणियों के साथ ही हाई कोर्ट ने याचिका को मंजूर करते हुए याची को जमानत दे दी. हालांकि हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि याची को जांच में सहयोग देना होगा.