चंडीगढ़: हंटर के नाम से जाने वाले हरिंदर हैकर ने एक बार फिर शहर का नाम रोशन किया है. उन्होंने हाल ही में यूके गवर्नमेंट की एक वेबसाइट में सुरक्षा खामियों की पहचान की है. जिसके तहत यूके सरकार ने उन्हें यूके मेडल से सम्मानित किया. हरिंदर एक एथिकल हैकर हैं. जो कंपनियों को उनके सिस्टम में खामियां ढूंढने में मदद करते हैं. बता दें कि दिन प्रतिदिन ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़ रहे हैं.
ऐसे में बड़ी-बड़ी कंपनियां वेबसाइट्स को सुरक्षित रखने के लिए हैकर से मदद लेती हैं, ताकि बग्स को फिक्स कर सिक्योरिटी को पुख्ता किया जा सके. इसी कड़ी में चंडीगढ़ सेक्टर 22 के रहने वाले 23 वर्षीय हरिंदर सिंह को एथिकल हैकर हरिंदर कहा जाता है. उन्हें यूके गवर्नमेंट ने मेडल से सम्मानित किया गया है. क्योंकि हरिंदर में यूके की सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट में बग्स यानी कमियां ढूंढ कर मदद की थी.
हरिंदर ने बताया कि किसी साइबर अपराधी से पहले वेब कोर्ट की कमी का पता लगाना जरूरी होता है. जिन बग्स का पहले पता नहीं चल पाया. उन्हें तलाशना बेहद मुश्किल हो काम होता है. इस काम के लिए उन्हें हजारों डॉलर की रकम मिलती है. ये एक तरह से एथिकल हैकर के लिए बड़ा इंसेंटिव होता है. इसी साल हरिंदर ने सिंगापुर सरकार की वेबसाइट से क्रिटिकल बग्स यानी खामी बताई थी. जिसके बाद वहां की सरकार ने उन्हें विशेष तौर पर सम्मानित किया था.
फिलहाल हरिंदर को सी01 और बैज से सम्मानित किया गया है. बता दें कि हरिंदर अब तक 300 कंपनियों की मदद करते हुए उनकी वेबसाइट से बग्स को ढूंढ चुके हैं. उन्होंने अब तक गूगल, फ्लिपकार्ट, बीएमडब्ल्यू, पोर्श और यू एन, सिंगापुर सरकार और यूनाइटेड किंगडम सरकार की बड़ी वेबसाइट में से बग्स ढूंढ़े हैं. उन्होंने बताया कि एथिकल हैकिंग वो होती है जिसमें वेबसाइट को ब्रेक करते हुए उसमें से ऐसे बॉक्स ढूंढे जाते हैं, जो सिक्योरिटी को नुकसान पहुंचा रहे हैं. ऐसे में एथिकल हैकर की मांग तीन प्रतिदिन बढ़ रही है.
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