चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने सेंट कबीर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है. खबर है कि स्कूल ने 23 इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन (ews) के छात्रों को दाखिला नहीं दिया था. जिसके बाद चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने स्कूल की मान्यता रद्द करने के आदेश जारी किए. वहीं स्कूल के छात्रों को 2023-24 के लिए अपना सत्र पूरा करने की अनुमति दी जाएगी. इसके बाद स्कूल सत्र 2023-24 और उसके बाद किसी भी छात्र को दाखिला नहीं दे सकेगा.
चंडीगढ़ शिक्षा निदेशक हरसहिंदर पाल सिंह बराड़ ने जारी आदेश में कहा कि छात्रों के हितों को देखते हुए 2023-24 पूरा करने और बोर्ड परीक्षाओं में बैठने की अनुमति दी जाएगी. शैक्षणिक साल 2024-25 के लिए स्कूल के छात्रों को माता-पिता की सहमति से यूटी चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. सेंट कबीर स्कूल के मुख्य प्रशासक गुरप्रीत बख्शी का कहना है कि संत कबीर एक जिम्मेदार स्कूल है.
बख्शी ने कहा कि हमारे पास 1,600 छात्र और 125 से अधिक शिक्षक हैं. विभाग ने ऐसा आदेश जारी करने से पहले एक बार भी उनके भविष्य के बारे में नहीं सोचा. हम कभी भी ईडब्ल्यूएस छात्रों को प्रवेश देने के खिलाफ नहीं थे, लेकिन मुद्दा ये है कि विभाग ने 40 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया है, जिसका इस्तेमाल उन्हें ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिए करना था. उन्होंने कहा कि मामला पहले से ही अदालत में है.
विभाग सिर्फ हमें धमका रहा है और इस मामले के तथ्यों को देखे बिना हमें अपने निर्णय के आगे झुकने की कोशिश कर रहा है. विभाग ने हमें बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है जो कि हम ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिए भुगतान करने वाले हैं. विभाग पर हमारे स्कूल का 40 लाख रुपये बकाया है. हमें ईडब्ल्यूएस छात्रों को शामिल करने में कोई समस्या नहीं है. शिक्षा विभाग के निदेशक एचपीएस बराड़ ने बताया कि अभिभावकों से शिकायतें मिली थीं.
जिसमें अभिभावकों ने कहा था कि स्कूल ने केंद्रीकृत ऑनलाइन प्रवेश पोर्टल 2023-24 के माध्यम से आवंटित 23 ईडब्ल्यूएस/डीजी छात्रों को प्रवेश देने से इनकार कर दिया है. जिसके बाद स्कूल को 12 अप्रैल को एक कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया था. जिसमें कबीर एजुकेशन सोसाइटी (आवंटी) / स्कूल को सोमवार, दिनांक 17 अप्रैल, 2023 को शाम 5 बजे तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया था. वहीं चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने कहा कि स्कूल का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया है. जिसके बाद मान्यता रद्द करने को फैसला किया गया है.